बहुजन समाज पार्टी (Bhujan Samaj Party) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने अपने जन्मदिन पर अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इन दिनों चुनावी माहौल से गायब मायावती ने बताया कि बाकी पांच नामों पर अभी सहमति बनना बाकि है उसके बाद शेष नामों की घोषणा कर दी जाएगी. इस मौके पर मायावती ने कहा,
स्वार्थी किस्म के लोग दलबदल कर रहे हैं. इस कानून को सख्त बनने की जरूरत है. समाजवादी पार्टी के साथ दलबदलू नेता गठबंधन कर रहे हैं. कह रहे हैं कि दलितों-वंचितों और महापुरुषों का सम्मान करेंगे. चिल्ला चिल्ला का बोल रहे थे की एसपी के साथ पार्टी अंबेडकरवादी पार्टी है. इसमें सच्चाई नहीं है. एसपी ने दलितों के विधेयक को राज्यसभा में फाड़कर फेंक दिया था. कैसे दलितों के हितेषी होंगे ये..
पार्टी ने पहली लिस्ट में मुजफ्फरनगर से पुष्पाकर पाल, गाजियाबाद से सुरेश बंसल, नोएडा से कृपाराम शर्मा, मथुरा से जगजीत चौधरी, फतेहाबाद से शैलेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दिया गया है.
सूची जारी करने के बाद मायावती के मुख्य निशाने पर समाजवादी पार्टी रही. उन्होंने कहा, जिलों के नाम एसपी ने बदले, दलित महापुरुषों के,भदोही जिले का नाम संत रविदासनगर का नाम बदला था. एसपी ने ऐसा किया था. पूर्वांचल के लोग ये जानते हैं. दुख इस बात का है कि अपनी सत्ता में इसे भदोही कर दिया."
उन्होंने आरोप लगाया कि, इस दल ने ओबीसी में यादवों का ही ख्याल रखा है, बीएसपी ने सबका ध्यान रखा. एसपी ने खूब दंगे करवाए, चुनाव में वोट लिया लेकिन एसपी ने भागीदारी नहीं दी. पहली लिस्ट में दलित, मुस्लिमों की उपेक्षा की गई.
बता दें कि मायावती पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वो इस बार किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी, अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी. मायावती की पार्टी इस बार ब्राह्मण वोट को रिझाने के प्रयास में लगी हुई है उन्होंने ब्राह्मणों के साथ कई जनसभाएं की हैं.
एक लंबे समय में मायावती प्रचार में भी कहीं नजर नहीं आई. फिलहाल तो रैली करने पर रोक लगी हुई है.
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