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Nahid Hasan ने कैराना में जेल से जीता चुनाव, पलायन का मुद्दा फेल, मृगांका हारीं

नाहिद हसन पर कई मुकदमे दर्ज हैं और उन्होंने इस बार जेल से चुनाव लड़ा है.

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में इस बार कैराना सीट समाजवादी पार्टी (Samajwad Party) गठबंधन की ओर से खड़े प्रत्याशी नाहिद हसन ने चुनाव जीत लिया है. दूसरे नंबर पर रहीं बीजेपी की मृगांका सिंह से नाहिद 25887 वोटों से जीते हैं. कैराना से ही वर्तमान विधायक नाहिद ने 2017 में भी यहां से जीत हासिल की थी.

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BJP ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को हसन के विरोधी प्रत्याशी के तौर पर इस सीट से उतारा था. यानी मुकाबला BJP और SP-RLD गठबंधन के बीच था. इस सीट पर सीएम योगी और अमित शाह ने भी चुनाव प्रचार किया था. यहां पर हिंदुओं के पलायन का मुद्दा फिर से उठाया गया था. लेकिन, नाहिद ने ये सीट अपने नाम कर ली.

नाहिद पर लगा है गैंगस्टर

नाहिद हसन ने इस बार जेल से ही चुनाव लड़ा है. नाहिद हसन गैंगस्टर केस में जेल चले गए. नाहिद पर हिंदुओं के पलायन को लेकर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. और उन्हें नामांकन भरने से पहले ही गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था.

नाहिद हसन के परिवार का लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है. उनके दादा, माता-पिता सहित परिवार के अन्य सदस्य स्थानीय चुनावों से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनावों में निर्वाचित होते रहे हैं.

इस बार नाहिद को जैसे ही टिकट मिला तो सियासी बवाल खड़ा हो गया. भारतीय जनता पार्टी ने कैराना से हुए हिंदुओं के पलायन और मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करना शुरू कर दिया.

बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनावों में भी नाहिद हसन के खिलाफ BJP प्रत्याशी मृगांका सिंह ही थीं, जिन्हें नाहिद हसन के सामने हार का सामना करना पड़ा था. इतिहास ने खुद को फिर से दोहराया है और मृगांका सिंह फिर से चुनाव हार चुकी हैं. इसके पहले कैराना सीट से मृगांका के पिता हुकुम सिंह चुनाव जीते थे. हुकुम सिंह इस सीट से 7 बार विधायक रह चुके हैं.

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