यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) तमकुहीराज विधानसभा सीट से हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन वो तो क्लीन बोल्ड हो गए. पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में भी अपनी सीट बचाने वाले अजय कुमार इस बार अपनी ही सीट नहीं बचा पाए. दोपहर 2 बजे तक जो रुझान सामने आए हैं, उसमें अजय कुमार हार की कगार पर नजर आ रहे हैं.
2019 में प्रियंका गांधी ने यूपी की कमान अजय कुमार के हाथों में सौंपी थी, लेकिन कैप्टन बनते ही अपने ही विधानसभा में हिट विकेट हो गए. अजय कुमार प्रियंका गांधी के साथ पूरे राज्य में चुनाव प्रचार करते रहे और जनता से अपनी पार्टी के लिए वोट मांगते रहे, लेकिन उनकी विधानसभा की जनता ने ही उन्हें दगा दे दिया.
अजय कुमार लल्लू को शायद ये उम्मीद रही होगी कि अपनी विधानसभा में तो वो जीत ही जाएंगे, लेकिन उनका आत्मविश्वास ही उनके हार की वजह बन गया.
10 सालों से तमकुहीराज के विधायक रहे अजय कुमार लल्लू
अजय कुमार लल्लू पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के सेवरही के रहने वाले हैं. वह पिछड़ी कही जाने वाली कानू जाति से ताल्लुक रखते हैं. लल्लू साल 2012 में पहली बार विधायक चुने गए थे, उन्होंने बीजेपी के नंद किशोर मिश्रा को 5860 वोटों से हराया था.
2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर में भी वो तमकुहीराज विधानसभा सीट से जीते थे. 2017 का चुनाव कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में हुआ था. अजय कुमार लल्लू को 61,211 वोट मिले थे.
अजय कुमार लल्लू के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 2007 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन हार मिलने के बाद वो दिल्ली चले गए और वहां कुछ दिनों तक अपनी अजीविका चलाने के लिए बतौर दिहाड़ी मजदूर भी काम किया.
अजय कुमार लल्लू के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1998-99 में छात्र संघ महासचिव के रूप में हुई थी, जिसके बाद 1999-2000 मे छात्र संघ अध्यक्ष के पद पर भी रहे थे.
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