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UP चुनावःस्वामी प्रसाद मौर्य की सीट पर मतदान स्थिर,कुशीनगर में किसका पलड़ा भारी?

Uttar Pradesh Election 2022: क्या बीजेपी का दामन छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य एसपी को दिला पाएंगे जीत ?

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उत्तर प्रदेश चुनाव के छठे चरण में बुद्ध की नगरी कुशीनगर में भी मतदान हुआ. गुरुवार को 7 विधानसभा सीट पर वोटिंग हुई. जिले की खड्डा (Khadda), पडरौना (Padrauna), तमकुहीराज (Tamkuhi Raj), फाजिलनगर (Fazilnagar), कुशीनगर (Kushinagar), हाटा (Hata) और रामकोला (Ramkola) विधानसभा सीट पर करीब 59 फीसदी वोट पड़े. जिले की दो विधानसभा सीट, कुशीनगर और फाजिलनगर बेहद अहम माने जा रहे हैं. सभी की नजर इन दो सीटों पर टिकी है. ऐसे में समझते हैं कि मतदान के बाद कौन किस पर भारी पड़ रहा है?

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कुशीनगर: बीजेपी-एसपी में मुकाबला

कुशीनगर सीट पर बीजेपी के पीएन पाठक (PN Pathak) और समाजवादी पार्टी के राजेश प्रताप राव में मुकाबला है. हालांकि बीजेपी प्रत्याशी पीएन पाठक को विपक्षी पार्टी बाहरी बता रही है. तो वहीं बीजेपी अपनी जीत के दावे कर रही है.

2014 के बाद से बीजेपी इस सीट पर मजबूत हुई है. 2012 में यहां बीजेपी का वोट शेयर 9.18 फीसदी था जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 44.46 फीसदी हो गया. 2017 में बीजेपी ने 47.72 फीसदी मत हासिल कर सीट पर कब्‍जा किया और 2019 में उसका वोट शेयर बढ़कर 57.51 फीसदी तक पहुंच गया. वहीं AIMIM की एंट्री से मुस्लिम वोट बंट सकते हैं. जिससे एसपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

2012 में कुशीनगर विधानसभा अस्तित्व में आयी. कुशीनगर सीट बनने के बाद से अब तक सिर्फ दो विधानसभा चुनाव हुए हैं. कुशीनगर विधानसभा को पहले कसया के नाम से जाना जाता था. 2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने 97132 वोट पाकर जीत दर्ज की. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के राजेश प्रताप राव को शिकस्त दी थी.

फाजिलनगर: क्या स्वामी प्रसाद मौर्य को मिलेगा जीत का प्रसाद ?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कुशीनगर की फाजिलनगर हॉट सीट मानी जा रही है. यहां पर एसपी, बीजेपी और बीएसपी में त्रिकोणीय मुकाबला है. स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बीजेपी छोड़ एसपी में शामिल होने के बाद से यहां का मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है. बीजेपी से गंगा प्रसाद कुशवाहा के बेटे सुरेंद्र कुशवाहा स्वामी प्रसाद मौर्य को टक्कर दे रहे हैं. अगर वोटिंग परसेंटेज की बात करें तो उसमें कोई अंतर नहीं है. पिछले दो बार की तरह इस बार भी यहां 55 फीसदी ही मतदान हुआ है.

2002 में बीजेपी से जगदीश मिश्रा विधायक बने. 2007 में फिर समाजवादी पार्टी से विश्वनाथ ने जीत दर्ज की. 2012 और 2017 में गंगा सिंह बीजेपी से विधायक बने.
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इस बार मुस्लिम वोट खेल बिगाड़ और बना सकते हैं. फाजिलनगर में यादव-मुस्लिम वोटर 1.15 लाख से अधिक हैं. यह सपा के कोर वोटर हैं. इसमें बंटवारा होना तय माना जा रहा है. क्योंकि मैदान में बीएसपी के इलियास अंसारी भी हैं. एसपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज इलियास अंसारी ने साइकिल छोड़ हाथी की सवारी कर ली है.

बहरहाल, सभी उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो चुकी है. अब इंतजार 10 मार्च का है जब सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा.

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