चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमले की आशंका से इनकार किया. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, राज्य के ऑब्जर्वर्स और मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है.
PTI के मुताबिक, 13 मार्च को चुनाव आयोग को सौंपी गई दो पोल ऑब्जर्वर की रिपोर्ट में कहा गया है कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हुआ हमला प्लान नहीं किया गया था. एजेंसी के मुताबिक, चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ऑफिस ने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि ममता बनर्जी के अपना नामांकन दाखिल करने के बाद 10 मार्च को नंदीग्राम के बिरुलिया बाजार में हुई घटना अचानक हुई थी.
रिपोर्ट को स्पेशल ऑब्जर्वर अजय नायक और चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल के स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर विवेक दुबे ने तैयार की है.
ममता बनर्जी के साथ हुए हादसे के बाद, चुनाव आयोग ने संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग के सामने शुक्रवार को रिपोर्ट सबमिट कर दी गई थी, लेकिन आयोग ने और जानकारी मांगी थी.
रिपोर्ट में चश्मदीदों के बयान के साथ-साथ उनसे लिए वीडियो की डिटेल्स भी शामिल की गई हैं. इसमें मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे पुलिस प्रभारी की भीड़ को नियंत्रित करने की विफलता के बारे में भी कहा गया है, जिससे भीड़ सीएम के करीब आ गई.
हादसे में ममता बनर्जी के पैर में फ्रैक्चर आया
10 मार्च को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हादसा हो गया था. बनर्जी ने कहा था कि नंदीग्राम में जब वो अपनी गाड़ी के नजदीक थी तो कुछ लोगों ने उन्हें धक्का दिया, जिसके कारण उनके पैर में चोट लग गई. ममता का ये भी कहना है कि जब ये घटना उनके साथ हुई तो उस जगह कोई स्थानीय पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था. उन्होंने विपक्ष पर हमले का आरोप लगाया था.
उन्हें 48 घंटे अस्पताल में निगरानी में रखा गया था. इस हादसे से उनके पैर में फ्रैक्चर आ गया है.
मुख्यमंत्री के साथ हुए इस हादसे के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया था. पार्टी नेता ने चुनाव आयोग से मिलकर इस मामले में शिकायत भी की थी.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)