सारभाई खानदान इज बैक! हॉटस्टार प्रीमियर पर सोमवार शाम 6 बजे प्रकट हुई ये फैमिली, हम तो सारा काम-धाम छोड़कर इस वेब सीरीज के पहले एपिसोड के इंतजार में बैठे थे. रोशेष, इंद्रवदन को दोबारा देखने की उत्सुकता को शब्दों में बयां करना आसान नहीं.
अब इस बेमिसाल कॉमेडी शो की दूसरी पारी को पहले एपिसोड में जज करना इतना आसान नहीं है, लेकिन हमने कोशिश की है, सावधान, आगे हम जो बताने जा रहे हैं उससे आपको इस एपिसोड को देखने की बेचैनी बढ़ सकती है.
एपिसोड में ह्यूमर सीजन-1 से ही लिंक किया गया है लेकिन मुझे टाइटल ट्रैक की कमी खली. टेक-2 को म्यूजिकल टच नहीं दिया गया है, जो उषा उथूप के सिग्नेचर स्टाइल को टक्कर दे पाता हो. साउंड इफेक्टस वही इस्तेमाल किए गए हैं जो पहले सीजन में मजाक, चुटकुले और फनी मोमेंट्स को अच्छे से निखारता है. रोशेष की कविता और भी बेहतरीन हो गई है. (आप समझ गए होंगे कि मैं बकवास लेवल की बात कर रही हूं)
पहला एपिसोड एक अलग ही सीन के साथ ओपन होता है. साराभाई परिवार एक बस में फंसा होता है जो पहाड़ी के एक छोर पर लटक रही होती है. बस से ड्राइवर नदारद है और मधु फूफा (अरविंद वैद्य) की अभी- अभी नींद खुली है. फिर माया (रतना पाठक शाह) का चेहरा लाल हो उठता है और आंखें मोनिशा (रुपाली गांगुली) पर तरेरी जाती हैं क्योंकि मोनिशा ने ही एक शराबी ड्राइवर को फैमिली ट्रिप के लिए बुक किया था. इंद्रवदन (सतीश शाह) की परेशानी तो और बड़ी है, वो मधु फूफा जो अब कान से न के बराबर सुनते हैं, उन्हें ये समझाने की कोशिश करता है कि बस एक पहाड़ी के छोर पर अटकी है और उनकी जान खतरे में है...
यहां जान की पड़ी है और वहा रोशेष का कवि जाग उठता है. परिवार के सबसे नए सदस्य अरनब बोले तो गुड्डू, रोशेष (राजेश कुमार) को कविता सुनाने के लिए कहता है कि तभी साहिल (सुमित राघवन) और इंदु उसे घूरने लगते हैं.
सात साल का गुड्डू यूं ही एपिसोड में नहीं आया है, लेकिन ये राज बताने से बेहतर है कि आप इसे सीरीज में एंजॉय करें.
शुक्र है ये बस वाला सीन एक फ्लैशबैक था. साहिल अपने आलीशान पेंटहाउस का दरवाजा खोलता है, जहां पूरा साराभाई परिवार अपने कफ परेड वाले घर के रेनोवेशन खत्म होने तक रह रहा है.
पहला एपिसोड यकीनन वो सारे हारमोन को दोबारा एक्टिव कर देता है जो पहले टीवी सीरीज देखने के दौरान अस्तित्व में आए थे. पहले एपिसोड के ज्यादातार हिस्सा किरदारों की नई जिंदगी दिखाने पर फोकस करता है. और साथ ही आने वाले पलों की और इशारा भी करता है. हमारी मुलाकात एक नए किरदार जैसमीन मवानी से भी होती है जो रोशेष की क्रश है और पूरी गुजराती है. उधर माया को चिंता खाए जा रही है कि कम से कम एक बहू तो ढंग की मिल जाए.
पहले एपिसोड का बेस्ट सीन
इंद्रवदन के फोन पर आधी रात घंटी बजती है...सोचिए किसने फोन किया होगा...नाम लिखा आता है...दुष्यंत (देवेन भोजानी).
क्या एंट्री है, दुष्यंत एकदम उम्मीद पर खरा उतरा है, वो रोशेष को एक नाक बना देते है और फिर कोशिश करता है कि रोशेष के पीछे दो छेद कर दे ताकि वो ये समझा सके कि नाक से सांस कैसे लेते हैं!!!!
अब और कुछ मत पूछिएगा, देखिए और एंजॉय कीजिए. भोजानी इस बार भी पूरी सीजन को डायरेक्ट करेंगे.
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