कहते हैं उम्र के साथ-साथ प्यार का एहसास भी कम हो जाता है, लेकिन सायरा बानो दिलीप कुमार को देखकर तो यही लगता है कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ इनका प्यार और भी गहरा होता जा रहा है. दोनों की मुस्कुराती हुई तस्वीरें जब भी सामने आती हैं, इन्हें देखकर यही एहसास होता है कि मोहब्बत की नई इबारत लिखी जा रही है.
पिछले कई सालों से दिलीप कुमार बीमार रहते हैं अक्सर उनकी तबीयत बिगड़ जाती है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है. लेकिन सायरा हर बार अपने पति के लिए सावित्री साबित हुईं और अपने पति को वापस हंसता-मुस्कुराता हुआ घर लेकर आईं.
औरों को तो छोड़िए, लीलावती अस्पताल के डॉक्टर को भी सायरा में सावित्री का अक्स नजर आता है. अस्पताल के वाइस प्रेसिडेंट अजय कुमार पांडे ने सायरा को सती सावित्री करार दिया था.
डॉक्टर की तारीफ के बाद सायरा ने हंसते हुए कहा था-
अगर किसी महिला का पति भारत का ‘कोहिनूर’ हो, तो उसकी पत्नी ‘सती-सावित्री’ क्यों नहीं होगी. मैं जो कुछ भी कर रही हूं, उसके लिए मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं उनकी देखभाल कर रही हूं. यह उनके लिए मेरा प्यार है और मैं उनके लिए यह और 100 बार करने को तैयार हूं.
मुगल-ए-आजम देखकर दिलीप साहब पर फिदा हो गई थीं सायरा
लंदन में पली बढ़ी एक लड़की जिसका बचपन से ही सपना था, दिलीप कुमार से शादी करने का. लोग इसे बचपना समझकर उसका मजाक उड़ाया करते थे, लेकिन फिल्मों और दिलीप कुमार की दीवानगी उस लड़की को मुंबई खींच ले आई.
बात 1960 की है, जब दिलीप कुमार और मधुबाला की फिल्म मुगल-ए आजम रिलीज हुई थी. फिल्म का प्रीमियर हुआ मुंबई के मराठा मंदिर में, फिल्म का प्रीमियर देखने पहुंची एक 16 साल की लड़की, जो दिलीप कुमार की फैन थी. उस लड़की को तो फिल्म नहीं बस दिलीप कुमार की एक झलक देखनी थी, लेकिन बदकिस्मती से दिलीप कुमार उस प्रीमियर में नहीं आए और वो लड़की निराश होकर लौट आई.
बचपन में लंदन जा बसी थीं सायरा
23 अगस्त 1944 को जन्मी सायरा बानो की मां नसीम बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हुआ करती थीं. सायरा की नानी शमशाद बेगम दिल्ली की मशहूर गायिका थीं. सायरा के पिता अहसान भारत-पाक बंटवारे के बाद पाकिस्तान जा बसे.
सायरा की मां नसीम बेटी और बेटे सुल्तान को लेकर लंदन जा बसीं, सायरा की पढ़ाई लंदन में हुई, सायरा जब छुट्टियां मनाने भारत आतीं, तो दिलीप कुमार की फिल्मों की शूटिंग देखने स्टूडियो जाया करती थीं.
जंगली थी पहली फिल्म
सायरा के दो ही सपने थे एक बॉलीवुड में हिरोइन बनने का और दूसरा दिलीप कुमार से शादी करने का. सायरा के हिरोइन बनने का सपना पूरा हुआ फिल्म जंगली से जिस फिल्म में उन्हें शम्मी कपूर की हिरोइन बनने का मौका मिला. फिल्म सुपरहिट हुई और इसी के साथ सायरा की किस्मत भी बदल गई.
सायरा के साथ फिल्म नहीं करना चाहते थे दिलीप कुमार
बड़े स्टार्स अमिताभ, जॉय मुखर्जी, धर्मेंद्र, मनोज कुमार के साथ सायरा की जोड़ी बनीं, लेकिन उनका सपना तो दिलीप कुमार की हीरोइन बनने का था. दरअसल सायरा से 22 साल बड़े दिलीप ये कहा करते थे कि सायरा तो बच्ची है फिर उसके साथ कैसे फिल्म करूंगा.
एक इंटरव्यू में सायरा ने बताया था कि उन्होंने एक बार खुद दिलीप कुमार से कहा था कि आखिर वो उनके साथ फिल्म में काम क्यों नहीं करते, तो उन्होंने जवाब दिया था कि तुम तो अभी बच्ची हो, मैं तुम्हारे साथ कैसे काम कर सकता हूं.
हालांकि बाद में दोनों ने फिल्म गोपी, सगीना और बैराग में एक साथ काम किया. इनकी जोड़ी को काफी पसंद भी किया गया.
जिस सायरा को बच्ची समझकर दिलीप कुमार उनके साथ फिल्में नहीं करते थे, उनसे शादी के लिए तैयार होना तो और भी बड़ी बात थी. कहा जाता है एक बार दिलीप कुमार चेन्नई में किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे और बीमार पड़ गए. उनकी बीमारी की खबर सुनकर सायरा उनके पास पहुंच गई और उनकी देखभाल की. सायरा का उनका इस तरह ख्याल रखना दिलीप को भी बहुत अच्छा लगा.
सायरा तो बचपन से ही दिलीप कुमार से शादी करना चाहती थीं और दिलीप साहब का अपनी तरफ झुकाव देखकर उनको शादी के लिए प्रपोज कर दिया. दिलीप कुमार भी 44 साल की उम्र में तन्हा जिंदगी गुजार रहे थे, उन्होंने सायरा को हां कहा और दोनों शादी के बंधन में बंध गए. 50 साल से ऊपर हो गए हैं और आज भी दोनों का प्यार दुनिया के लिए मिसाल है.
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