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बाहुबली खरा सोना है: रिव्यू पढ़िए और टिकट बुक कीजिए

आपकी जानकारी के लिए सिनेमाघर में बाहुबली का हर शो अगले 2 दिन तक हाउसफुल है

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एक साल नौ महीने और 18 दिनों के बाद आज इस राज पर से पर्दा उठा कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? चिंता मत कीजिए हम ये राज नहीं खोलने जा रहे हैं. फिल्म के आगे ग्रैंड शब्द भी छोटा पड़ जाता है. फिल्म अपने आप में काफी खूबसूरत है.

तो शुरू करते हैं रिव्यू. पहली फिल्म जिधर से खत्म हुई थी दूसरी वहीं से शुरु होती है, महेशमती की सियासत से. जैसे ही ये सीन सामने आता है वैसे ही लोगों के जेहन में सवाल आता है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?

यकीन मानिए फिल्म के मेकर्स ने बाहुबली की मौत से जुड़ी मिस्ट्री को बखूबी छुपाकर रखा है. लेकिन यही एक कारण नहीं है की हम फिल्म के साथ बंधे रहते हैं. फिल्म में लोगों को जोड़कर रखने वाली एक और कड़ी है.

“मेक लव नॉट वॉर” भले ही आज के जमाने के लिए सही हो लेकिन उस जमाने में लोगों को इस बात का मतलब भी नहीं पता होगा. फिल्म में वॉर यानी की युद्ध के कई सीन हैं जो बड़े ही विस्तार से फिल्माए गए हैं. फिल्म में एक्शन सिक्वेंस की बेहद ही बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी की गई है. आप फिल्म के एक्शन में डूबे ही रहे होंगे कि फिल्म में लव सीन्स आ जाते हैं. लेकिन धबराइए नहीं ये सब फर्स्ट हाफ में ही है. पहले हाफ में प्रभास, अनुष्का शेट्टी, सत्याराज और राम्या हैं.

नसीर और राणा दुग्गाबत्ती फिल्म को आगे लेकर जाते हैं. फिल्म में तमन्ना भाटिया का एक एक्सटेंडेड कैमियो भी है. प्रभास की वजह से लोगों का मन नहीं करता कि वो स्क्रीन से अपनी नजरें हटाएं.

और अंत में आता है उस सवाल का जवाब कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा. वो कहते हैं ना कि जितनी बड़ी फिल्म उतनी ज्यादा उम्मीदें. लेकिन ये हमारी खुशकिस्मती है कि बाहुबली-2 हमारी उम्मीदों पर खरी उतरी है.

मैं बाहुबली-2 को 5 में से 4 क्विंटस देती हूं.

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