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जब अदिति राव हैदरी ने ‘रिक्रिएट’ की राजा रवि वर्मा की पेंटिंग्स...

‘चांद की रोशनी में राधा’ से लेकर ‘पूजा को जाती महिला’, अदिति ने अपने परफेक्शन से इन तस्वीरों में जान डाल दी

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20वीं शताब्दी के मशहूर पेंटर राजा रवि वर्मा को जानते हैं आप? वो राजा रवि वर्मा जिन्हें भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहब फाल्के को फिल्मों में लाने का श्रेय दिया जाता है. ऐसे में जब एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी ने अपने फोटोशूट में उनकी मशहूर पेंटिंग्स का रूप लिया, तो ऐसा लगा कि जैसे ये राजा रवि वर्मा के हाथों से बनी हो.

'चांद की रोशनी में राधा' से लेकर 'पूजा को जाती महिला', अदिति ने अपने परफेक्शन और कैमरामैन ने अपनी स्किल से इन तस्वीरों में जान डाल दी. देखिए कुछ टाइम पहले हुए ‘हैलो’ मैगजीन के फोटोशूट से अदिति की ये तस्वीरें-

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कौन थे राजा रवि वर्मा?

राजा रवि वर्मा को 'द फादर ऑफ मॉडर्न इंडियन आर्ट' भी कहा जाता है. 29 अप्रैल, 1848 को त्रावणकोर के किलिमानूर में जन्में रवि वर्मा को जितनी लोकप्रियता हासिल हुई, उतना ही वो विवादों से भी घिरे रहे. अप्सराओं की नग्न तस्वीरें बनाने के कारण वो लंबा विवादों में रहे.

उनके नाम में लगा 'राजा' उन्हें बतौर उपाधि मिला था. उनकी प्रतिभा को देखते हुए तत्कालीन वायसराय ने उन्हें ये उपाधि दी थी.

उनको लेकर एक किस्सा ये भी मशहूर है कि दादा साहब फाल्के अगर फिल्मों में आए, तो रवि वर्मा के कारण. फाल्के वर्मा की प्रेस में काम करते थे. जब रवि वर्मा ने अपनी प्रेस बेची तो इसका पैसा दादा साहब फाल्के को दे दिया. ये पैसा करियर आगे बढ़ाने में फाल्के के काम आया. ये तो अब सभी जानते हैं कि फाल्के ने पहली फिल्म बनाकर इस देश में सिनेमा की शुरुआत की थी.

राजा रवि वर्मा को महाभारत, रामायण और देवी-देवताओं को सूरत देने के लिए भी जाना जाता है.

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