बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने देश के मौजूदा हालातों पर दिए गए अपने बयान को दोहराया है. शाह ने इंडिया टुडे के साथ हुई बातचीत में कहा कि उन्हें अपने बयान पर कोई पछतावा नहीं है.
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि बयान के बाद वह सोशल मीडिया पर ट्रोल्स के निशाने पर आ गए हैं. शाह ने कहा इससे उन्हें रोका नहीं जा सकता. उन्होंने यह भी साफ किया कि वो डरे नहीं हैं, लेकिन उन्हें गुस्सा जरूर है.
उन्होंने कहा-
“मुझे अपने बयान पर खेद नहीं है. मैं ये भी नहीं कहता कि मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया. मैं डरा नहीं हूं, लेकिन गुस्से में हूं. पहले मॉब लिंचिंग नहीं होती थी. आजकल ये चीजें हो रही हैं. मैं अपनी चिंता जता रहा हूं. मैं अपने बच्चों के लिए परेशान हूं. मैं बतौर मुस्लिम असुरक्षित नहीं हूं.”
मैंने वही बताया जो इस देश में हुआः शाह
नसीरुद्दीन शाह ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैंने सिर्फ वही बताया जो इस देश में हुआ. मैं इस बात को लेकर बस अपनी फिक्र जाहिर कर रहा था. इसे इस तरह से पेश किया गया कि मैं भारत में रहते हुए असुरक्षित महसूस करता हूं. मैंने ये बात कभी नहीं की.'
नसीरुद्दीन ने कहा कि उन्होंने कभी ये बात नहीं की कि वो ये देश छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा-
‘मैंने ये कभी नहीं कहा और अभी भी नहीं कहूंगा. लोग मुझसे ये बात कहलवाना चाहते हैं कि मैं डरा हुआ हूं, वो चाहते हैं कि मैं डरूं. वो इस डर के एहसास को फैलाना चाहते हैं. और ये होने वाला नहीं है.’
कारवां-ए-मोहब्बत इंटरव्यू में कही गई बात को दोहराते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि वो डरे हुए नहीं है, बल्कि गुस्सा हैं.
नसीरुद्दीन शाह के बयान पर मचा था काफी बवाल
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में देश में बढ़ती असहिष्णुता को लेकर कहा था, “देश की हवा में जहर फैल चुका है, इस जिन्न को बोतल में बंद करना मुश्किल होगा. मुझे अपने बच्चों के लिए डर लगता है कि कभी कोई उनको कहीं रोक कर उनसे पूछने लगे कि बताओ, तुम हिंदू हो या मुस्लिम?”
शाह ने बुलंदशहर हिंसा में मारे गए पुलिसवाले सुबोध कुमार की मौत पर चिंता जताते हुए कहा था कि इस देश में गाय की हत्या को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है.
बीजेपी समर्थकों ने उनके इस बयान की आलोचना की थी, वहीं यूपी नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने ये कहते हुए उन्हें मुंबई से कराची तक का टिकट भेज दिया था, कि उन्हें भारत में डर लगता है तो वो पाकिस्तान चले जाएं. साथी कलाकार अनुपम खेर ने शाह से सवाल किया था कि उन्हें और कितनी आजादी चाहिए?
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस पूरे विवाद पर कहा था कि उनके बच्चों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सहिष्णुता इस देश के डीएनए में है.
नसीरुद्दीन शाह के बयान को जरिया बनाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी भारत पर निशाना साधने की कोशिश की थी. इमरान खान ने कहा कि भारत में भी लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों को समान नागरिक नहीं माना जा रहा है. पाकिस्तानी पीएम के इस बयान का जवाब देते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि जिन मुद्दों से उनका वास्ता नहीं है, उससे उन्हें दूर रहना चाहिए.
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