बॉलीवुड एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने दुनिया के सामने कास्टिंग काउच पर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है. सुरवीन चावला से लेकर पायल रोहतगी तक, कई एक्ट्रेस अपनी कहानी सुना चुकी हैं. पर ये सिर्फ इक्के-दुक्के मामले हैं.
इंडस्ट्री में नई एक्ट्रेस के साथ या किसी को रोल देने के बदले ‘फायदा’ उठाने की कोशिशें अक्सर होती हैं. कई बार मामले सामने आ जाते हैं, कई बार घटनाएं दब जाती हैं.
पढ़िए क्विंट हिंदी की खास रिपोर्ट
राधिका की अनकही कहानी
राधिका आप्टे ने अपने इंटरव्यू में कास्टिंग काउच पर कहा है कि उन्होंने कभी इसका सामना नहीं किया. लेकिन एक बार किसी ने उन्हें ‘डायरेक्टर के साथ सोने के लिए’ कहा था.
आंखों में गुस्सा लिए राधिका कहती हैं - एक बार किसी ने उनसे कहा कि अगर वे एक शख्स के साथ सोने को राजी हो जाएं, तो एक बॉलीवुड फिल्म में उन्हें काम मिल सकता है.
राधिका की अनकही कहानी वहीं शुरू होती है, जहां वे गुस्सा दबाए हंसते हुए कहती हैं कि उन्होंने गुस्से में इस व्यक्ति को साफ-साफ मना कर दिया.
सुरवीन चावला की दास्तान
सुरवीन चावला कहती हैं कि ‘हेट स्टोरी 3’ करने के बाद उनके पास इस तरह के ही रोल आ रहे हैं, जो कि काफी हद तक परेशान करता है. लेकिन वो एक तमिल सिनेमा के एक किस्से को बयां करती हैं,
एक तमिल फिल्म में ऑडीशन के बाद मुझे रोल मिला. बहुत बड़ा डायरेक्टर था. लेकिन वो हिंदी बोलना नहीं जानता था, तो उसने अपने दोस्त से मुझे फोन करवाया. फोन पर मुझसे कहा गया कि मुझे फिल्म खत्म होने तक डायरेक्टर के साथ सोना होगा.सुरवीन चावला
पायल रोहतगी: दिबाकर बनर्जी पर कास्टिंग काउच का आरोप
साल 2011 की बात है. पायल रोहतगी ने ‘बिग बॉस’ में डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी पर कास्टिंग काउच का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिबाकर बनर्जी ने एक दोस्त होने के बावजूद उनका फायदा उठाने की कोशिश की. लेकिन पायल के इनकार के बाद अपनी फिल्म से उन्हें निकाल भी दिया. पायल ने डायरेक्टर अनुराग कश्यप पर भी कास्टिंग काउच का आरोप लगाया था.
लेकिन क्या कहते हैं डायरेक्टर्स
अनुराग कश्यप ने कास्टिंग काउच के मामले पर दिबाकर बनर्जी का बचाव किया था.
मैं दिबाकर के साथ खड़ा हूं, क्योंकि कोई भी नया डायरेक्टर सिर्फ कास्टिंग काउच के लिए अपनी फिल्म को खतरे में नहीं डालेगा.अनुराग कश्यप
क्या कहते हैं राम गोपाल वर्मा...
राम गोपाल वर्मा कास्टिंग काउच पर कहते हैं कि इंडस्ट्री में कास्टिंग होती है, तो कास्टिंग काउच भी होती है.
क्या यह एक नई सुबह की शुरुआत है?
सुरवीन चावला से लेकर राधिका आप्टे ने बड़ी हिम्मत के साथ ऐसे ऑफर्स ठुकराकर इंडस्ट्री में एक नई शुरुआत की है. ये शुरुआत उस नई सुबह की है, जब एक्ट्रेस अपनी काबिलियत के बूते काम हासिल करने का भरोसा रख रही हैं. इंडस्ट्री की महिला फिल्म डायरेक्टर पुरुषों के वर्चस्व को खत्म कर रही हैं. फिल्में देखने वाले भी एक्टिंग को तरजीह दे रहे हैं.
भले ही ये इस समस्या के खात्मे की शुरुआत है, लेकिन ये एक कड़वी सच्चाई है और मीडिया में सामने आने वाले आइसबर्ग की टिप की तरह है.
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