बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सैफ अली खान को अब इस बात पर पछतावा हो रहा है कि उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का रास्ता क्यों चुना. सैफ का मानना है कि अगर वो अंग्रेजी भाषा में फिल्मों को चुनते यानी की हॉलीवुड की तरफ रुख करते तो ज्यादा बेहतर अभिनेता बन सकते थे.
‘तब नहीं पता था, क्या कर रहां हूं’
सैफ का कहना है कि जब उन्होंने बॉलीवुड का रास्ता चुना, उन्हें उस समय पता ही नहीं था कि वो क्या कर रहे हैं, किस तरफ जा रहे हैं. सैफ ने कहा, मेरी पढ़ाई में कोई रुचि नहीं थी, मैं अपने घर से दूर भागना चाहता था और मुझे फिल्मों का नाम सुनकर अच्छा लगता था. लेकिन मुझे उस वक्त नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूं. दुर्भाग्य से इसी वजह से मैं इस तरफ चला आया.
उन्होंने कहा, “बिना सोचे समझे मैंने फैसला कर लिया था. शायद इसी वजह से एक्टिंग की इच्छा और समझ मुझ में थोड़ी देर से आई. अगर यह पहले हुआ होता तो शायद मैं हॉलीवुड में अपने करियर की राह चुनता.”
‘ओमकारा’, ‘परिणीता’, रेस और ‘लव आजकल’ जैसी फिल्मों में अपनी शानदार एक्टिंग से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले सैफ को सालों बाद अपने डिसिजन पर मलाल हो रहा है.
...काश हॉलीवुड में होता
सैफ ने कहा, "दिग्गज अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के बेटे होने की वजह से मुझे अमेरिका की तुलना में बॉलीवुड में लोगों से मिलना का अधिक मौका मिला. लेकिन, उस दिनों मेरी प्राइमरी भाषा अंग्रेजी थी. मैं अंग्रेजी में सोचता था, अंग्रेजी में बात करता था. हिंदी में बोलने पर लगता था जैसे में झूठ बोल रहा हूं. अब जब मैं उन दिनों को सोचता हूं तो मुझे लगता है कि अगर मैं अंग्रेजी फिल्मों को चुनता तो निश्चित रूप से और बेहतरीन एक्टर होता.
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(इनपुटः IANS से)
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