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अनिल कपूर की फन्ने खां ने Box Office पर मुल्क और कारवां को पछाड़ा

‘फन्ने खां’ पहले ही दिन से बाकी दोनों फिल्मों के मुकाबले ज्यादा कमाई कर रही है.

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बॉक्स ऑफिस पर इस हफ्ते रिलीज हुई अनिल कपूर और ऐश्वर्या राय की फिल्म 'फन्ने खां' कमाई के मामले में सबसे आगे चल रही है. तापसी पन्नू और ऋषि कपूर की फिल्म 'मुल्क' को अच्छे रिव्यू मिले लेकिन फिर भी ये फिल्म कमाई के मामले में इरफान खान की फिल्म 'कारवां' से भी पीछे है.

बॉलीवुड हंगामा के मुताबिक, 'फन्ने खां' पहले ही दिन से बाकी दोनों फिल्मों के मुकाबले ज्यादा कमाई कर रही है. फन्ने खां ने पहले दिन शुक्रवार को 2.15 करोड़ कमाई की, तो अगले दिन पहले से ज्यादा 2.50 करोड़ कमाए. वहीं कारवां ने दो दिनों में 4.20 करोड़ कमा लिए लेकिन मुल्क सिर्फ चार करोड़ की ही कमाई कर सकी.

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‘फन्ने खां’ में अनिल कपूर की अदाकारी ने सजाए सटीक सुर

अतुल मांजरेकर के निर्देशन में बनी फिल्म 'फन्ने खां' एक बेल्जियन फिल्म ‘Everybody’s Famous’ पर आधारित है. फन्ने खां एक पिता की कहानी है, जो अपने बेटी का सपना पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. अनिल कपूर अपनी एक्टिंग से आपको इमोशनल कर पाने में कामयाब हुए हैं. फिल्म में अपनी बेटी के लिए एक पिता का प्यार और प्रशांत के साथ फैक्ट्री में साथ काम करने वाले अधीर (राजकुमार राव) के साथ दोस्ती बिलकुल असली लगती है.

फन्ने खां समाज में सुंदर दिखने के आदर्शों और मशहूर होने की चाहत पर सवाल करते हुए शुरू होती है. लेकिन जल्द ही बड़ा मैसेज देने की चाहत में फिल्म पिता और बेटी के प्यार के मेलोड्रामा में सिमट कर रह जाती है. एक वक्त के बाद डायरेक्टर की कहानी से पकड़ छूटती हुई नजर आती है. 'अच्छे दिन' और 'तेरे जैसा तू है' को छोड़कर फिल्म के गाने भी कुछ खास नहीं हैं.

‘कारवां’ में मसाले अच्छे पड़े, लेकिन स्वाद फीका रह गया

'कारवां' में बहुत सारी चीजें अच्छी हैं. जैसे इरफान खान, जो एक्टिंग की अपनी खास शैली की वजह से महज फ्रेम में मौजूद रहने से ही सीन में जान डाल देते हैं. इसके अलावा दुलकर सलमान हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया है. जब भी वे स्क्रीन पर आते हैं, तो छा जाते हैं.

'कारवां' को एक अच्छी फिल्म बनाने की पूरी कोशिश की गयी है, लेकिन कहानी में कसावट की कमी के चलते बुरी तरह नाकाम रहती है. भूलने लायक गाने और आधे-अधूरे किरदार फिल्म से जुड़ाव को कम कर देते हैं. विजुअली, ये एक अच्छी तस्वीर पेश करती है, लेकिन फिल्म खोखली है, जो निराश करती है.

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‘मुल्क’ मजहब की नहीं, इंसानियत और सच्चाई की कहानी है

इस फिल्म में अभिनव सिन्हा का निर्देशन काफी कसा हुआ है. कहानी को उन्होंने इस अदा के साथ पेश किया है कि पर्दे से नजरें हटाना मुश्किल है. फिल्म में समाज की कड़वी सच्चाई को बखूबी पर्दे पर उतारा गया है. 'मुल्क' का मुख्य उद्देश्य यह साबित करना है कि 'हर मुसलमान टेररिस्ट नहीं.

फिल्म में कोर्ट रूम में लंबी बहस चलती है, जिसमें वकील का किरदार निभा रहे आशुतोष राणा इस बात पर बहस करते हुए नजर आ रहे हैं कि उन तीन आतंकवादियों में शामिल प्रतीक बब्बर आरोपी हैं. वहीं दूसरी तरफ फिल्म में ऋषि कपूर के घर की बड़ी बहू का किरदार निभा रहीं तापसी पन्नू इस केस में दो धर्मों की लड़ाई लड़ते हुए नजर आ रहीं हैं.

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