वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
आलिया भट्ट, वरुण धवन, माधुरी दीक्षित, संजय दत्त और आदित्य रॉय कपूर की लेटेस्ट फिल्म 'कलंक' रिलीज हो गयी है. जब इस फिल्म के बनने की खबरें मार्केट में आना शुरू हुईं, तब मानो बवाल कट गया. क्योंकि स्टार कास्ट इतनी दमदार हो तो हल्ला होना लाजमी है. और अब जब फिल्म आ चुकी है तो हम लेकर आएं हैं आपके लिए इसका 100 % शुद्ध, देसी रिव्यू.
‘कलंक’ कहानी है प्यार, पश्चाताप और बंटवारे की. इसमें सभी कलाकारों ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया तो है मगर कहानी कमजोर होने के कारण ऑडियंस के बोर होने के आसार ज्यादा हैं. स्टोरी लाइन प्रेडिक्टेबल है और कहानी DDLJ, ‘देवदास’, ‘हम दिल दे चुके सनम’ और ‘गदर- एक प्रेम कथा’ का मिश्रण लगती है.
कहानी शुरू होती है हुस्नाबाद में, जहां पापा चौधरी (संजय दत्त) और देव चौधरी (आदित्य रॉय कपूर) साथ में न्यूजपेपर का बिजनेस चला रहे होते हैं. मिसेज चौधरी (सोनाक्षी सिन्हा) बीमारी के कारण मौत के कगार पर होती हैं जब वो देव बाबू पर दबाव बनाकर उनकी शादी रूप से करवा देती हैं. लेकिन देव के दिल में रूप के लिए कोई प्यार नहीं होता. बेचारी रूप दिल पे पत्थर और मुंह पे मेक-अप करके देव बाबू से ब्रेक-अप तो नहीं करती पर मिलती है जफर (वरुण धवन) से. जफर पेशे से लोहार और शराफत के मामले में गंवार होता है. लेकिन जैसा अक्सर फिल्मों में होता है, सीरत भले ही अच्छी ना हो पर सूरत अच्छी हो तो प्यार हो ही जाता है.
और फिर... अरे इंटरवल नहीं हुआ क्या अभी तक?
खैर पिक्चर है भी काफी लंबी. 2 घंटे 50 मिनट लंबी. घबराइए नहीं, हम आपको पूरी फिल्म का मजा देंगे दो मिनट में. स्पॉइलेर्स नहीं देंगे. आप बेशक जाइए और कलंक देखिए लेकिन, टिकट बुक करने से पहले ये रिव्यू जरा देख लीजिए. जनहित में जारी!
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