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Tenet रिव्यू: पुराने तरीकों से नोलन की कुछ नया करने की कोशिश

आसान भाषा में कहें तो ‘टेनेट’, समय के खिलाफ एक दौड़ है, जिसे नोलन की पिछली फिल्मों की तरह काफी तोड़ा-मरोड़ा गया है.

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Tenet रिव्यू: पुराने तरीकों से नोलन की कुछ नया करने की कोशिश

‘टेनेट’ (Tenet Movie) के एक शुरुआती सीन मे एक वैज्ञानिक का किरदार निभाती क्लिमोस पोइजी नोलन की नई फिल्म के बारे मे बताते हुए कहती है कि “इस फिल्म को समझने की कोशिश न करें, इसे महसूस करें”. और वाकई ‘टेनेट’ को एन्जॉय करने का सिर्फ एक यही एक तरीका है.

नोलन की किसी भी फिल्म को समझाना आसान नहीं होता है. अगर ‘टेनेट’ एक बिना म्यूजिक वाला गाना होता तो वो बंदूकों की आवाज, कार क्रैश होना, कांच टूटना , इन सबका एक मिश्रण होता, जिसे की काफी अस्पष्ट तरीके से, फिल्मों के अलग अलग भागों को आगे – पीछे करके बनाया गया है. और अगर नोलन के कॉन्सपिरेसी थियोरी पसंद फैंस रेडिट पर जाकर ये दावा कर दें कि उन्हें ‘इंसेप्शन’ की एंडिंग का जवाब मिल गया है, तो हैरान मत होइएगा.
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आसान भाषा में कहें तो ‘टेनेट’, समय के खिलाफ एक दौड़ है, जिसे नोलन की पिछली फिल्मों की तरह काफी तोड़ा-मरोड़ा  गया है.
‘टेनेट’ फिल्म का एक दृश्य
(फोटो: ट्विटर/Tenet)

आसान भाषा में कहें तो ‘टेनेट’, समय के खिलाफ एक दौड़ है, जिसे नोलन की पिछली फिल्मों की तरह काफी तोड़ा-मरोड़ा और खींचा गया है.

फिल्म में जॉन डेविड वाशिंगटन, एक सीक्रेट संगठन चलाते है जिसमें वो दुनिया को उस खतरे से बचाने का काम करते है जो कि आने तो भविष्य में वाला है, लेकिन उत्पन्न वो भूतकाल में ही हो चुका है. इस मिशन में उनका साथ दे रहे हैं रॉबर्ट पैटिनसन, जो कि साइड रोल में काफी जंच रहे हैं. इन दोनों की केमिस्ट्री को देखकर फिल्म की सीरियसनेस से कुछ सुकून मिलता है. इस फिल्म में विलेन का किरदार निभा रहे केनेथ ब्रानघ एक रशियन आर्म डीलर बने हैं और वो इस दुनिया को बचाने के लिए उसे नष्ट करना चाहते है. शायद नोलन को हॉलिवुड से मेमो नहीं मिला है; आजकल विलेन या तो चीनी लोग हैं या ब्राउन लोग.

अपने लंबे कद की वजह से एलिजाबेथ डेबिकि एक्शन मूवी में सही जंचती हैं. हालांकि, नोलन ने उन्हें विलेन की पत्नी, बहुत प्यार करने वाली मां और दुनिया को बचाने वाले मिशन में महज एक मोहरा बना दिया है.

इस फिल्म मे डिंपल कपाड़िया भी समय-समय पर वाशिंगटन को सही दिशा दिखाती हैं और खतरनाक रशियन के बारे में सारी जानकारी देती नजर आती हैं. ऐसी फिल्म, जिसमें पृथ्वी का भविष्य एक टाइम वॉर पर छोड़ दिया गया है, उसके हिसाब से सभी किरदारों में भावनाओं की कमी लगती है. इसलिए हो सकता है आपको ये फिल्म नोलन की बाकी अच्छी फिल्मों जैसी न लगे.

आसान भाषा में कहें तो ‘टेनेट’, समय के खिलाफ एक दौड़ है, जिसे नोलन की पिछली फिल्मों की तरह काफी तोड़ा-मरोड़ा  गया है.
‘टेनेट’ फिल्म में जॉन डेविड वॉशिंगटन और डिंपल कपाड़िया 
(फोटो: ट्विटर)

‘मीमेंटों’, ‘इंसेप्शन’, ‘इंटरस्टेलर’, और ‘डंकिर्क’ की तरह ही ‘टेनेट’ भी समय के साथ लड़ी जाने वाली एक जंग की कहानी है, जिसमें नोलन ने अपने पुराने तरीकों से कुछ नया कर दिखाने की कोशिश की है. यह एक ‘टाइम ट्रैवल नहीं, टाइम इनवर्जन’ है.

एक असली Boeing - 747 को बिल्डिंग में क्रैश करने से लेकर कार्बन फुटप्रिंट वाले एक कार चेज सीन तक, नोलन के किसी फैन से लेकर एक्टिविस्ट ग्रेटा थन्बर्ग तक ने ये अंदाजा नहीं लगाया होगा कि ‘टेनेट’ एक क्लाइमेट चेंज पर बनी फिल्म है. बुरे रशियन का मानना है कि वो इतिहास को दोबारा से लिख रहा है, ताकि हम पृथ्वी के साथ किए गए अन्याय की भरपाई कर पाएं. उसका कहना है “समंदर का स्तर बढ़ गया है और नदियां सूख गई हैं.”

अब क्योंकि ‘टेनेट’ थियेटरों में रिलीज हो गई है, तो हम और नोलन के सभी फैंस इस फिल्म के एक-एक हिस्से पर और बारीकी से गौर करेंगे और इसका मतलब निकालने की कोशिश करेंगे. बस एक बात है, 'टेनेट' पर आपके कीमती समय के लायक नहीं है.

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