फिल्मकार प्रकाश झा का कहना है कि सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने उनकी आने वाली फिल्म ‘जय गंगाजल’ से ‘साला’ शब्द और कुछ सीन हटाने को कहा है. उन्होंने कहा कि फिल्म से इन चीजों को निकाले जाने को कहना उचित नहीं है.
प्रकाश झा ने कहा कि जो सीन फिल्म से हटाने को कहे गए हैं, उससे फिल्म की वास्तविक कहानी खो जाएगी, इसलिए उन्होंने सेंसर बोर्ड के निर्णय के खिलाफ सेंसर बोर्ड की रिव्यू कमेटी के पास जाने का निर्णय किया है.
प्रकाश झा ने कहा,
प्रकाश झा, फिल्ममेकरमैं क्या कह सकता हूं? वह फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट देना चाहते थे. जब मैंने उनसे ऐसा करने का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि फिल्म में काफी अपशब्द हैं, जैसे साला.
प्रकाश झा ने कहा, ‘’वे फिल्म में से कुछ शब्द और सीन हटावाना चाहते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे शब्द और दृश्य अनुचित हैं. यह आमतौर पर लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द हैं. यह फिल्म की कहानी के मद्देनजर जरूरी भी हैं.’’
प्रकाश ने कहा, ‘‘ फिल्म में कुछ भी खुलकर नहीं दिखाया गया. मेरी फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित है और उसमें ये बदलाव करना अनुचित होगा. ‘’
निर्देशक ने कहा कि पहले वह जांच कमेटी के पास गए थे. लेकिन वहां सभी सदस्यों के मत अलग अलग थे. इसके बाद उन्होंने पहलाज निहलानी की अध्यक्षता वाली रिव्यू कमेटी का रुख किया.
इस बारे में पहलाज निहलानी ने बताया कि प्रकाश झा पूरा सच नहीं बता रहे हैं. निहलानी ने कहा,
पहलाज निहलानी, अध्यक्ष, सेंसर बोर्डमैं हर एक फिल्म के बारे में बात नहीं कर सकता. प्रकाश झा हमारे पास आए थे और हमने फिल्म से बिना कोई सीन हटाए उसे ‘ए’ सर्टिफिकेट दे दिया था. लेकिन वे फिल्म के लिए U/A सर्टिफिकेट चाहते थे. इस पर हमारी सहमती नहीं बनी. झा ने पूरा सच नहीं बताया.
सीन हटाने को तैयार नहीं हैं निर्देशक
पहले ऐसी खबरें आई थीं कि प्रकाश झा अपनी फिल्म से कुछ सीन हटाने को तैयार हो गए हैं. पर बाद में उन्होंने इस तरह की खबरों को ‘भ्रामक’ करार दिया गलत था.
बहरहाल, फिल्म निर्देशक और सेंसर बोर्ड के बीच का यह विवाद आगे कौन-सा मोड़ लेता है, इस पर लोगों की निगाहें टिकी रहेंगी.
-इनपुट भाषा से
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