ADVERTISEMENTREMOVE AD

Qफिल्मीः ज्वैलरी के दीवाने अमिताभ, नवाजुद्दीन को मिला नोटिस

पढ़िए एंटरटनेमेंट की बड़ी खबरें

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

महिलाओं के आभूषणों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं अमिताभ

बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को महिलाओं के आभूषण आकर्षित करते हैं. अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा है, "महिलाएं जिन आभूषणों को पहनती हैं, उन्हें देखर मैं मंत्रमुग्ध हो जाता हूं, जो हमारे देश के दक्षिणी क्षेत्र की संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन जो ध्यान आकर्षित करता है..हां वह 'उदियानम' है." "यह बेल्ट की तरह होता है, जिसे महिलाएं कमर पर पहनती हैं और ऐसी परंपरा है कि 'उदियानम' को मां अपनी बेटियों को उपहार में देती हैं..जब वह शादी के बाद अपने घर को छोड़कर जाती है, यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलती जाती है."

अभिनेता ने इस सप्ताह की शुरुआत में पत्नी जया के साथ एक नए आभूषण विज्ञापन की शूटिंग की. फिल्मों की बात करें तो महानायक अमिताभ की झोली में फिलहाल दो फिल्में '102 नॉट आउट' और 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' हैं.

नवाजुद्दीन को मिला लीगल नोटिस

बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपनी किताब को लेकर विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं. अब थिएटर आर्टिस्ट और टीवी की मशूहर एक्ट्रेस सुनीता राजवार ने उनको लीगल नोटिस भेजा है. उन्होंने नवाजुद्दीन से 24 घंटे में माफी मांगने और 2 करोड़ रुपये जुर्माना देने के लिए कहा है.

सुनीता ने नवाज के साथ-साथ पत्रकार रितुपर्णा चटर्जी और किताब के पब्लिशर को भी नोटिस भेजा है. रितुपर्णा चटर्जी ने नवाज की किताब लिखने में उनकी मदद की है. मुंबई मिरर के मुताबिक नवाजु्द्दीन को ये नोटिस उनकी किताब 'An Ordinary Life' की वजह से दिया गया है.

इस किताब में उन्होंने सुनीता के बारे में लिखा था कि वो उनकी पहली गर्लफ्रेंड थीं, लेकिन बेरोजगारी के चलते उन्होंने नवाजुद्दीन को छोड़ दिया. सुनीता का कहना है कि नवाजुद्दीन ने उनकी छवि खराब की है. इससे पहले उन्होंने फेसबुक पर नवाजुद्दीन को लेकर अपनी बात लिखी थी. जिसमें उन्होंने साफ किया था कि उनकी नवाज को छोड़ने की वजह उनकी बेरोजगारी नहीं बल्कि दूसरे कारण थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'गेम ऑफ अयोध्या' 24 नवंबर को होगी रिलीज

फिल्म 'गेम ऑफ अयोध्या' आखिरकार 24 नवंबर को रिलीज हो ही जाएगी. बाबरी मस्जिद विध्वंस पर आधारित ये फिल्म काफी समय से अटकी पड़ी है. डायरेक्टर सुनील सिंह ने कहा, "मैंने एक प्रेम कहानी के चश्मे से बाबरी मस्जिद विध्वंस की वास्तविक कहानी बताने की कोशिश की है. साथ ही यह भी दिखाने का प्रयास किया है कि कैसे एक पत्रकार ने उनकी मदद की. सेंसर बोर्ड ने पहले 'गेम ऑफ अयोध्या' पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अंतत: फिल्म प्रमाणन अपीलीय अधिकरण (एफसीएटी) ने इसे मंजूरी दे दी."

सेंसर बोर्ड ने फिल्म को इस आधार पर स्वीकृति देने से मना कर दिया था क्योंकि "मंदिर-मस्जिद विवाद का विषय उत्तेजक है और इसके कारण सांप्रदायिक भावनाएं भड़कने की आशंका थी" एफसीएटी की पीठ ने बाद में सेंसर बोर्ड को इस फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देने के निर्देश दिए."

पुरानी दुनिया का आकर्षण है 'करीब करीब सिंगल'

अभिनेता इरफान खान का कहना है कि उनकी आने वाली फिल्म 'करीब करीब सिंगल' में पुरानी दुनिया का आकर्षण है. इसकी कहानी लोगों को जीना सिखाती है.

इरफान ने फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के मौके पर कहा, "यह साथ जीने और साथ मरने की प्रेम कहानी नहीं है. यह आपको जीना सिखाती है. यह पारिवारिक फिल्म है. पूरा परिवार एक साथ बैठकर यह फिल्म देख सकता है. इसमें पुराने जमाने का आकर्षण और रोमांस है. मुझे लगता है कि जब लोग फिल्म देखेंगे तो यह उनके चेहरे पर मुस्कान लाएगी और वे भी रोमांटिक हो उठेंगे." फिल्म 'करीब करीब सिंगल' शुक्रवार को रिलीज होगी. इसका निर्देशन तनुजा चंद्रा ने किया है. ये फिल्म जर्मनी, आस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में भी रिलीज होगी.

सिस्टर निवेदिता बनना चाहती हैं कल्कि

बायोपिक फिल्मों के इस दौर में फिल्म अभिनेत्री कल्कि कोचलिन सिस्टर निवेदिता पर बनने वाली बायोपिक में काम करना चाहती हैं. कल्कि ने कहा कि उनकी हमेशा से चाहत रही है कि वह सिस्टर निवेदिता पर बनी बायोपिक में काम करें.

कल्कि ने कहा, "मैं बायोपिक में काम करना पसंद करूंगी. मैं इतिहास की प्रशंसक हूं. मुझे ऐतिहासिक किताबें पढ़ना पसंद है, इसलिए मैं बायोपिक में काम करना पसंद करूंगी. मैं हमेशा से सिस्टर निवेदिता की बायोपिक में काम करना चाहती थी जो स्वामी विवेकानंद की अनुयायी थीं." निवेदिता का मूल नाम मार्गरेट एलिजाबेथ नोबल था.वह एक सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, शिक्षक और प्रतिष्ठित भारतीय धर्मगुरु स्वामी विवेकानन्द की शिष्या थीं. अभिनेत्री कल्कि कोचलिन की पिछले सप्ताह रिलीज हुई फिल्म 'रिबन' को काफी सराहना मिल रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×