अक्सर पिता यही चाहता है कि उसके बच्चे उसकी तरह हो, लेकिन बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते. संजय दत्त की जिंदगी के कई साल जेल और कोर्ट-कचहरी के चक्कर में बीते. फिलहाल अब संजय अपनी जिंदगी के एक नए दौर में हैं, जहां वो जेल से वापस आने के बाद अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू कर रहे हैं.
संजय दत्त का कहना है कि वो बिल्कुल भी नहीं चाहते कि उनका बेटा उनके जैसा हो. संजय दत्त ने इंडिया टुडे माइंड रॉक्स यूथ समिट में अपने जीवन से जुड़ी कई बातें कहीं. जब संजय दत्त से ये पूछा गया कि अपने पिता की तुलना में वो कितने अच्छे हैं, तो संजय ने कहा,
मेरे पापा ने मुझे एक साधारण बच्चे की तरह पाला, मुझे बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया था. मैं सभी चीजों से गुजरा हूं और मैं अपने बच्चों के साथ भी वैसा ही हूं. मैं उन्हें जिंदगी के असली मायने समझाने की कोशिश करता हूं, बड़ों की इज्जत और प्यार करना सिखाता हूं. फिर भले ही वो कोई भी हो. मैं बस यही दुआ करता हूं कि मेरा बेटा मेरे जैसा ना हो. क्योंकि मेरी वजह से जिन कठिनाइयों से मेरे पिता गुजरे हैं, मैं उससे नहीं गुजरना चाहता.संजय दत्त
वहीं जब संजय पर उनकी मां के बारे में सवाल किया गया तो उनका कहना था,
सभी मां एक जैसी होती है. उन्हें अपने बच्चे में कोई गलती नजर नहीं आती चाहे कुछ भी हो. अगर कोई उनको बोल देता था कि संजू ने ऐसा कर दिया तो वो नहीं मानती थी. वो उल्टा उन्हीं को डांट देती थीं.संजय दत्त
इतना ही नहीं संजय दत्त ने स्कूल जाने वाले बच्चों को दी एक अहम सलाह.
अपने दिमाग का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. सिर्फ अपने दिल से ही ना सोचें बल्कि अपने दिमाग का भी प्रयोग करें. हमेशा अपने माता-पिता कि बात को मानें और कभी भी उन लोगों के साथ ना रहें, जो आपके लिए सही नहीं हैं. आप इस देश के कानून के हिसाब से चलिए और फिर देखिएगा कि आपके साथ कुछ गलत नहीं होगा.संजय दत्त
आर्म्स एक्ट पर खुद की सफाई में संजय ने कहा कि,
वो कहते हैं कि मेरे पास हथियार थे, लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि उन्हें कोई हथियार मिला ही नहीं.संजय दत्त
संजय दत्त की फिल्म भूमि 22 सितंबर को रिलीज होगी जो एक पिता और बेटी की कहानी है.
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