प्राइवेसी के हनन को लेकर मीडिया के खिलाफ शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) द्वारा फाइल किये गये मानहानि केस के फैसले की सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट के जज गौतम एस पटेल ने साफ कहा कि फ्रीडम ऑफ प्रेस और राइट टू प्राइवेसी के बीच बैलेंस होना चाहिये. राइट टू प्राइवेसी एक संवैधानिक अधिकार है और कोई व्यक्ति पब्लिक फिगर है इस आधार पर उसकी निजता का हनन नहीं किया जा सकता.
सुशांत सिंह राजपूत के मामले में रिया के मीडिया ट्रायल के बाद ये दूसरा बड़ा मामला है जिसमें कोर्ट ने मीडिया के कुछ प्लेटफॉर्म को कठघरे में खड़ा किया है. हाईकोर्ट ने कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म पर आयी रिपोर्ट को हटाने के लिये कहा है. हालांकि कोर्ट ने पुलिस के हवाले से छपी खबरों को हटाने का आदेश नहीं दिया. कोर्ट में शिल्पा के वकील ने एक चैनल की भाषा पर कड़ी आपत्ति जतायी जिसमें शिल्पा के मां होने की योग्यता पर सवाल उठाये.
कोर्ट ने ये माना कि शिल्पा शेट्टी दो नाबालिग बच्चों की मां हैं ऐसे में सेलेब्रिटी होने के नाते उन्होंने अपनी प्राइवेसी को त्याग नहीं दिया.
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा दो अलग-अलग व्यक्ति
प्राकृतिक न्याय (नेचुरल जस्टिस) का तकाजा है कि चाहे 2 गुनहगार छूट जाये पर एक निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए.और साथ ही भारत के संविधान में मौजूद मौलिक अधिकार 'कपल्स' को साझा तौर पर नहीं बल्कि हर इंसान को व्यक्तिगत तौर पर मिला है.इसलिये राज कुंद्रा के ऊपर लगे आरोपों में शिल्पा शेट्टी को घसीटना न सिर्फ नेचुरल जस्टिस की भावना के खिलाफ है बल्कि संविधान के भी.
इससे भी जरुरी बात,मीडिया को याद रखना चाहिए कि राजकुंद्रा अभी भी आरोपी मात्र हैं. जबतक आरोप सिद्ध नहीं हो जाता 'न्याय' का काम कोर्ट का है. 'मीडिया ट्रायल' में न्याय नहीं टीआरपी उद्देश्य होता है.
रिया केस से नहीं लिया मीडिया ने सबक
शिल्पा शेट्टी ने पॉर्नोग्राफी मामले में आरोपी अपने पति राज कुंद्रा को लेकर मीडिया की कुछ खबरों पर विरोध जताया और बॉम्बे हाईकोर्ट में 25 करोड़ का मानहानि का दावा किया था. शिल्पा शेट्टी ने अपने केस में कुछ मीडिया ग्रुप और सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपने खिलाफ गलत, झूठी, छवि को नुकसान पहुंचाने वाली खबरें दिखाने का आरोप लगाया है .
शिल्पा शेट्टी से पहले रिया चक्रवर्ती के साथ जो मीडिया ट्रायल और विच हंट हुआ उससे देश में ही नहीं विदेशों में भी भारतीय मीडिया के रिपोर्टिंग पर बहुत सवाल उठे और इससे मीडिया की छवि खराब हुई. सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में कुछ मीडिया ग्रुप खासतौर पर कुछ न्यूज चैनल ने बिना किसी सबूत के इस तरह रिपोर्टिंग की जैसे रिया ने ही सुशांत सिंह को मारा है.
रिया की प्राइवेसी का ध्यान रखना तो बहुत दूर उल्टा उसके चरित्र पर हर तरह के दाग लगाये. इस मामले में भी कोर्ट ने मीडिया को काफी सुनाया और माडिया ट्रायल पर सवाल उठाये. ये कोई पहला या दूसरा मामला नहीं है इससे पहले भी कई बार मीडिया में सेलेब्रिटी से जुड़े मुद्दों पर निष्पक्ष खबरें न दिखाने के आरोप लगे हैं. पिछले साल तो बॉलीवुड के 34 बड़े एक्टर और डायरेक्टर जिसमें शाहरुख और सलमान जैसे बड़े नाम शामिल थे उन्होंने दो न्यूज चैनल के खिलाफ अपने नाम का गलत इस्तेमाल और उनके बारे में झूठी खबरें दिखाने के खिलाफ कोर्ट में भी अपील की थी.
शिल्पा शेट्टी को 'मीडिया ट्रायल' पर मिला सपोर्ट
फेमस डायरेक्टर हंसल मेहता ने भी शिल्पा के सपोर्ट में ट्वीट करके शिल्पा की निजता और गरिमा को बनाये रखने की अपील की, उन्होंने ये भी लिखा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों की पब्लिक लाइफ होती है उनको अपना बचाव अकेले करना पड़ता है और कई बार न्याय मिलने से पहले ही उनको दोषी ठहरा दिया जाता है.
उन्होंने मीडिया पर सवाल उठाते हुए लिखा कि अगर कोई आरोप बॉलीवुड पर्सन पर लगते हैं तो सबसे पहले मीडिया उनकी प्राइवेट लाइफ पर हमला करती है जिसमें वो कैरेक्टर ऐसिसनेशन ( चरित्र हरण) और बकवास खबरें दिखाते हैं. उन्होंने बॉलीवुड के लोगों को शिल्पा का साथ ना देने के लिये भी लताड़ा है और कहा कि ये सबकी खामोशी का परिणाम है
बॉलीवुड अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने भी हंसल मेहता के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा "हमने महिलाओं को उनके जीवन में पुरुषों की गलतियों के लिए दोषी ठहराने को एक राष्ट्रीय खेल बना लिया है. खुशी है कि वह मुकदमा कर रही हैं.
हंगामा 2 के प्रोड्यूसर रतन जैन भी शिल्पा का सपोर्ट किया है, उन्होंने सोशल मीडिया में कहा कि वो जितना शिल्पा जानते हैं उसके मुताबिक वो ऐसा काम कर ही नहीं सकती.हंगामा 2 से शिल्पा ने फिल्मों में कमबैक किया है.
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