ADVERTISEMENTREMOVE AD

शुभ मंगल सावधान रिव्यू: आयुष्मान की एक्टिंग है एकदम ‘टाइट’

अगर आप कुछ अलग स्टोरी की तलाश में हैं, तो शुभ मंगल सावधान आपको निराश नहीं करेगी.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

क्या आयुष्मान खुराना बिलो द बेल्ट के रोल्स ज्यादा अच्छे से निभाते हैं? पहले विक्की डोनर के विक्की और अब शुभ मंगल सावधान में मुदित का रोल. आयुष्मान ने अब तक इस तरह के रोल काफी अच्छी तरह निभाए हैं, उनकी एक्टिंग में ना तो किसी तरह का डर दिखता है न ही नर्वसनेस.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुदित और सुगंधा (भूमि) का अफेयर बहुत ही शुभ मंगल तरीके से शुरू होता है. पहली नजर के इस प्यार को घरवालों की भी मंजूरी मिल जाती है और शादी की डेट तक फिक्स हो जाती है. लेकिन जब शादी का समय आता है, तो मुदित का दोस्त उसे मौके पर धोखा दे देता है.

फिल्म के एक सीन में मुदित और सुगंधा आसपास बैठकर च्विंगम चबा रहे होते हैं, वजह? वजह ये कि मुदित ने नाश्ते में प्याज कुलचा खाया था. जाहिर सी बात है कि अब कोई अपने पहले किस में प्याज के कुलचे की महक नहीं चाहेगा.

डायरेक्टर आरएस प्रसन्ना ने जिस मुद्दे को इस फिल्म में दर्शाया है, इस तरह के मुद्दे की चर्चा बॉलीवुड में शायद ही हुई होगी, हालांकि जिस तरीके से डायरेक्टर ने चीजों को दर्शाया है, वो बहुत ही मजाकिया लगता है.

सिर्फ सेनेटाइजेशन के मुद्दे पर ही रहने की जगह, शुभ मंगल सावधान फिल्म इस मुद्दे को और अच्छे तरीके से दर्शाती है. सेक्स सींस को भी बहुत ही ओरिजनैलिटी के साथ बताया गया है.

फिल्म में कुछ सीन ऐसे भी है, जिसमें आपको कभी हंसी आएगी, तो कभी आप कैरेक्टर्स के साथ चिंता में पड़ जाएंगे. जैसे अब सुगंधा के पिता की ही बात करें तो मुदित अगर उनकी इच्छा से थोड़ा भी कम होता है, तो वे कभी भी शादी तोड़ सकते हैं.

पर्दे पर आयुष्मान और भूमि, दिल्ली के आम लोगों की भीड़ से अलग और एक परफेक्ट और सिंपल सी फीलिंग देते हैं. हालांकि की कुछ समय पहले ही ऐसी लव स्टोरीज जैसे बरेली की बर्फी, टॉयलेट एक प्रेम कथा, आई हैं, जिनमें कहीं ना कहीं सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है. लेकिन शुभ मंगल सावधान की बेहतर स्क्रिप्ट, अच्छे डॉयलॉग्स के साथ जब अच्छा परफॉरमेंस जुड़ जाता है, तो वाकई वह फिल्म स्पेशल की कैटेगरी में आ जाती है.

फिल्म में भूमि के माता-पिता का रोल निभा रहे सीमा पाहवा और नीरज सूद का रोल काफी अच्छा है. वैसे इन सारी तालियों के हकदार हितेश केवल्या और उनकी की राइटिंग है.

अच्छी स्क्रिप्ट, एक्टिंग, स्टोरी के बावजूद इस फिल्म में अचानक आए क्लाइमेक्स से आप थोड़ा निराश हो सकते हैं. फिल्म के सीन की शुरुआत बहुत ही अच्छी होती है, पर अंत उतना ही बोरिंग और फेक लगता है.

आपको इस अलग सी लव स्टोरी में नयापन देखने को मिलेगा जहां प्यार है, धोखा है. अगर आप कुछ अलग स्टोरी की तलाश में हैं, तो शुभ मंगल सावधान आपको निराश नहीं करेगी.

हम इस फिल्म को देते हैं 5 में से 4 क्विंट.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×