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सुरेखा सीकरी:'बालिका वधू' से बनीं घर-घर की 'दादी सा',लंबी है उपलब्धियों की लिस्ट

Surekha sikri का 16 जुलाई को 75 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.

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जुबैदा, सरदारी बेगम और बधाई हो जैसी फिल्म और मोस्ट पॉपुलर टीवी शो बालिका वधू में दादी सा का किरदार निभाने वाली सुरेखा सीकरी अपनी आवाज और अलग स्टाइल के लिए जानी जाती थी. 75 की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका 16 जुलाई को निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं.

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बता दें कि 2020 में उन्हें दूसरी बार ब्रेन स्ट्रोक आया था. इससे पहले उन्हें 2018 में पैरालिटिक स्ट्रोक आया था और तभी से वो व्हीलचेयर पर थीं. अपनी मझी हुई एक्टिंग से सुरेखा ने हमेशा हर किसी को अपना दीवाना बनाया. वैसे, आपको बता दें कि सुरेखा को एक्ट्रेस नहीं बल्कि पत्रकार बनना था लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

यूं बदला मन और बन गई एक्ट्रेस

जब सुरेखा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं, उसी दौरान जाने-माने नाटककार इब्राहम अलकाजी अपना एक नाटक लेकर वहां पहुंचे थे. नाटक का नाम द किंग लियर था. इस नाटक का सुरेखा पर इतना असर हुआ कि उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लेने का मन बना लिया. एनएसडी में दाखिला लेने के लिए वो फॉर्म भी ले आई, लेकिन वह कई दिनों तक वैसे ही पड़ा रहा. फिर मां के कहने पर उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई. उन्होंने फॉर्म भरा, ऑडिशन दिया और उनका सिलेक्शन हो गया. 1971 में उन्होंने एनएसडी से ग्रैजुएशन किया.

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लंबे समय तक किया थिएटर में काम

सुरेखा ने लंबे समय तक एनएसडी रिपेटरी कंपनी के साथ थिएटर किया. उन्होंने 1978 में आई फिल्म किस्सा कुर्सी का से बॉलीवुड में डेब्यू किया और फिर वे मुंबई में ही बस गईं. अपने एक्टिंग करियर में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया लेकिन उन्हें घर-घर में पहचान टीवी सीरियल 'बालिका वधू' की सख्त दादी सा के किरदार से मिली. उन्होंने अपने करियर में करीब 16 टीवी सीरियलों में काम किया. उन्होंने एक था राजा एक थी रानी, परदेस में है मेरा दिल, सात फेरे, केसर, कहना है कुछ मुझको, सीआईडी, जस्ट मोहब्बत जैसे टीवी शोज में काम किया था.

बचपन

सुरेखा का जन्म 19 अप्रैल 1945 को हुआ. उनका परिवार मूलत: उत्तर प्रदेश का रहने वाला था. सुरेखा ने अपना बचपन अल्मोड़ा और नैनीताल में बिताया. उनके पिता एयरफोर्स में और मां टीचर थीं.

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3 बार मिला नेशनल अवॉर्ड

बेहतरीन अभिनय के लिए उनको 3 बार नेशनल फिल्म अवॉर्डर मिला. तमस (1988), मम्मो (1995) और बधाई हो (2018) के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला था. 2019 में दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 66वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में सुरेखा को फिल्म बधाई हो में दादी का यादगार रोल निभाने के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था. सुरेखा जब व्हीलचेयर पर अवॉर्ड लेने पहुंचीं तो उन्हें सम्मान देने के लिए लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाईं थीं.

अवॉर्ड मिलने के बाद सुरेखा ने कहा था- मैं दिल से बहुत खुश हूं और यह खुशी दोस्तों और परिवारवालों के साथ मिलकर बांटूंगी.

पर्सनल लाइफ

सुरेखा ने हेमंत रेगे से शादी की थी. उनके एक बेटे राहुल सीकरी हैं, जो मुंबई में एक आर्टिस्ट के तौर पर काम करते हैं. अक्टूबर 2009 में हेमंत रेगे का निधन हो गया. कम लोगों को पता होगा कि सुरेखा सीकरी और नसीरुद्दीन शाह रिश्तेदार रहे हैं. दरअसल, सुरेखा की बहन मनारा सीकरी, नसीरुद्दीन शाह की पहली पत्नी थीं. मनारा को परवीन मुराद के नाम से जाना जाता है. वे अब इस दुनिया में नहीं हैं. मनारा और नसीरुद्दीन की एक बेटी हीबा शाह है. हीबा भी एक्ट्रेस हैं.

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फिसल गई थी बाथरूम में

एक इंटरव्यू में सुरेखा ने बताया था कि उन्हें 2018 में ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, जिसकी वजह से वो काफी समय से एक्टिंग से दूर रहीं. दरअसल, महाबलेश्वर में शूटिंग के दौरान वे बाथरूम में फिसल गई थीं, जिसकी वजह से उनका सिर दीवार से टकरा गया था. इसके बाद वो काम करने की हालत में नहीं थीं. हालांकि डॉक्टर ने कहा था कि वो कुछ महीनों में ठीक हो जाएंगी. कई सालों तक बॉलीवुड और टेलीविजन इंडस्ट्री का हिस्सा रहीं सुरेखा की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था जब वो आर्थिक तंगी से जूझी थी. यह सब ब्रेन स्ट्रोक की वजह से हुआ था और इसी वजह से उन्हें काम मिलना भी मुश्किल हो गया था.

इन फिल्मों में किया काम

सुरेखा ने सलीम लंगड़े पे मत रो, लिटिल बुद्धा, नसीम, सरदारी बेगम, सरफरोश, दिल्लगी, हरी-भरी, जुबैदा, मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, रेनकोट, हमको दीवाना कर गए, देव डी और बधाई हो जैसी फिल्मों में काम किया.

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