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टॉयलेट- एक प्रेम कथा: सामाजिक मुद्दा उठाया लेकिन उपदेश बहुत हैं

देशभर में रिलीज की गई अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ का रिव्यू

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अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की फिल्म टॉयलेट: एक प्रेम कथा रिलीज हो गई है. इस फिल्म के जरिए निर्देशक नारायण सिंह ने समाज की एक बहुत बड़ी समस्या को उजागर किया है.

फिल्म बताती है घर में महिलाओं के लिए टॉयलेट होना कितना जरूरी है. हालांकि, इस फिल्म के मिले-जुले रिव्यू सामने आ रहे हैं.

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खलीज टाइम्स और गल्फ न्यूज के रिव्यू के मुताबिक ये फिल्म 175 मिनट लंबी है जिसे दूसरे हाफ में कुछ छोटा किया जा सकता था.

फिल्म का पहला हिस्सा काफी नपा-तुला है लेकिन इंटरवेल के बाद ऐसा नहीं है. दूसरे हिस्से में फिल्म में उपदेश ज्यादा हैं. इसमें आश्चर्य भी नहीं होना चाहिए क्योंकि खुले में शौच डिबेट का बड़ा विषय है. फिल्म में कई चीजों के बारे में आप पहले से ही अनुमान लगा लेंगे लेकिन इसके बावजूद आप फिल्म के साथ बंधे रहेंगे. नीरज पांडे ने अपनी पिछली फिल्म (धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी )की तरह ही इस बार भी निराश नहीं किया है.
खलीज टाइम्स के एक्सपर्ट

गल्फ न्यूज के रिव्यू के हिसाब से भी अक्षय कुमार की ये फिल्म आपको निराश नहीं करेगी.

फिल्म की शुरुआत एक लव स्टोरी से होती है, इसलिए ये दोनों की कैमिस्ट्री पर है और वो निराश नहीं करते. हालांकि, ये देखना थोड़ा अजीब लग सकता है कि 49 साल के अक्षय कुमार ने 36 साल के एक बैचेलर की भूमिका निभाई है जो 20 साल के आसपास की उम्र की लड़की के प्यार में डूबा है. हालांकि, फिर भी अक्षय ने अच्छे स्क्रीन प्रेजेंस की वजह से किरदार को दमदार रखा है
गल्फ न्यूज के एक्सपर्ट

(सोर्स: खलीज टाइम्स और गल्फ न्यूज)

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