एक दिसंबर को रिलीज होने जा रही फिल्म पद्मावती पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. राजपूत समाज के लोगों ने चित्तौड़गढ़ में शुक्रवार को फिल्म की रिलीज के खिलाफ प्रदर्शन किया.
वहीं गुजरात बीजेपी ने भी चुनाव आयोग से फिल्म की रिलीज के पहले राजपूत प्रतिनिधियों के लिए प्री-स्क्रीनिंग की मांग की है.
इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने एक अलग रास्ता सुझाया है. ट्विटर पर पोस्ट में अपनी बात रखते हुए उमा भारती ने पद्मावती को नारी अस्मिता से जुड़ा मुद्दा बताया. विवाद के निपटारे के लिए उन्होंने इतिहासकारों और सेंसर बोर्ड सदस्यों की कमेटी बनाने की मांग की.
रानी पद्मावती पर मैं तटस्थ नहीं रह सकती. मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समुदाय से न जोड़कर भारतीय नारी की अस्मिता से जोड़ा जाए. मैं अपनी बात पर अडिग हूं. भारतीय नारी के सम्मान से खिलवाड़ नहीं. भूत, वर्तमान और भविष्य-कभी भी नहीं.उमा भारती
कमेटी की बात करते हुए उमा भारती ने लिखा-
क्यों न रिलीज से पहले इतिहासकार, फिल्मकार और आपत्ति करने वाले समुदाय के प्रतिनिधियों और सेंसर बोर्ड मिलकर कमेटी बनाए और वे इस पर फैसला करें.
क्या है विवाद
फिल्म शुरूआत से ही विवादों में घिरी हुई है. राजपूत समाज के लोगों द्वारा बनाई गई करणी सेना का कहना है कि फिल्म में फैक्टस से छेड़छाड़ की गई है. विरोध करते हुए करणी सेना ने जयपुर में शूटिंग का सेट भी जला दिया था.
वहीं डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को थप्पड़ भी मारा गया था. फिल्म का पोस्टर रिलीज होने के बाद जयपुर में करणी सेना ने विरोध स्वरूप पोस्टर भी जलाए थे.
करणी सेना का कहना है कि रानी पद्मावती ने खिलजी के आक्रमण के बाद महल की अन्य महिलाओं के साथ जौहर कर लिया था. ऐसे में उन्हें खिलजी के साथ उनकी कहानी दिखाना गलत है.
फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती और रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी के रोल में हैं. शाहिद कपूर ने भी फिल्म में राणा रतन रावल का किरदार निभाया है.
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