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‘बोस’ वेब सीरीज रिव्यू: एक कहानी जो अपना अंत खुद निगल गई

बोस के इतिहास को करीब से समझना है तो सीरीज देखी जा सकती है

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कॉन्सेप्ट: एकता कपूर
राइटर: रेशू नाथ
क्रियेटिव प्रोड्यूसर: हंसल मेहता
डायरेक्टर: पुलकित
स्टार कास्ट: राजकुमार राव, नवीन कस्तूरिया, एडवर्ड सोनेनब्लिक, पत्रलेखा, एना एडोर.

नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था- ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा.’ अगर इसी एहसास को जारी रखते हुए कहूंं तो राजकुमार राव ने अपना अभिनय दिया और हंसल मेहता ने दे दी पूरे 9 एपिसोड की सीरीज 'बोस'.

'शाहिद', 'सिटीलाइट्स' और 'अलीगढ़' में कमाल दिखाने के बाद हंसल मेहता और राजकुमार राव की जोड़ी अब ALT Balaji में देखने को मिली. 20 नंवबर से ALT Balaji और जियो सिनेमा पर इस सीरीज की स्ट्रीमिंग शुरू हो गई. यहां आपको सारे एपिसोड एक साथ देखने को मिल जाएंगे.

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कैसी है कहानी?

इस सीरीज की कहानी भारतीय लेखक और पूर्व पत्रकार अनुज धर की किताब India's Biggest Cover-up पर आधारित है. पहले एपिसोड की शुरुआत 1945 से ही होती है, जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस का प्लेन क्रैश हुआ था. उसके बाद फ्लैशबैक 1914 से शुरु होता है.

लेकिन असल नेताजी की एंट्री तो एक क्लासरूम से होती है और एंट्री इतनी धाकड़ कि अगर ये सीरीज थियेटर में दिखाई जाती तो हॉल में सीटियों और तालियों की आवाज जरूर गूंजती.

आजाद हिंद फौज, कलकत्ता, जर्मनी, जापान, बर्मा, जेल, गांधी, नेहरू और आजाद हिंद रेडियो... आपने जो कुछ भी सुभाष चंद्र बोस या उनसे जुड़ी जिन चीजों के बारे में सुना होगा, वो सब इस सीरीज में दिखाया गया है. वैसे तो सारे एपिसोड बेहतरीन हैं, लेकिन सातवें और आखिरी एपिसोड में रोमांच थोड़ा ज्यादा है. सातवें एपिसोड में एक ओर नेताजी के साथ कांग्रेस की अंदरूनी कलह दिखाई गई है तो वहीं बस ड्राइवर, टिकट मास्टर और होटल मैनेजर का नेताजी के साथ एक दिलचस्प कनेक्शन दिखाया गया है.

राजकुमार राव

राजकुमार राव को देखकर ये नहीं लगेगा कि उन्होंने नेताजी के कैरेक्टर के साथ नाइंसाफी की है. राव ने इस रोल के लिए अपने आप को ट्रांसफॉर्म किया था. इसके लिए वो आधे गंजे हुए, वजन बढ़ाया और खूब मेहनत भी की, जो आपको 'बोस' में देखने को मिलेगा ही.

एडवर्ड सोनेनब्लिक (Edward Sonnenblick)

बोस के इतिहास को करीब से समझना है तो सीरीज  देखी जा सकती है

एडवर्ड सोनेनब्लिक इस सीरीज में ब्रिटिश इंस्पेक्टर स्टेनली का किरदार निभा रहे हैं, जो नेताजी के चले जाने के बाद भी उन्हें खोजता रहता है, क्योंकि उसे हमेशा शक रहता है कि नेताजी जिंदा है. एडवर्ड वही हैं, जिन्हें आपने ‘फिरंगी’ के ट्रेलर में देखा होगा.

नवीन कस्तूरिया

बोस के इतिहास को करीब से समझना है तो सीरीज  देखी जा सकती है

नवीन कस्तूरिया यानी बनवारी लाल... सीरीज का एक मजेदार हवलदार कैरेक्टर जो स्टेनली के साथ पूरी सीरीज में नजर आता है और नेताजी की जासूसी करता है. नवीन को आप TVF की सीरीज ‘Pitchers' से बखूबी पहचानते हैं. नवीन का कैरेक्टर भी एक अहम वजह है, जिससे सीरीज बोर नहीं हुई है.

एना एडोर (Anna Ador)

बोस के इतिहास को करीब से समझना है तो सीरीज  देखी जा सकती है

‘उड़ता पंजाब’ से में नजर आने वाली एना ने सीरीज में नेताजी की जर्मन पत्नी एमिली का किरदार निभाया है. एमिली का किरदार बीच-बीच में है और जितना है अच्छा है.

पत्रलेखा

बोस के इतिहास को करीब से समझना है तो सीरीज  देखी जा सकती है

राजकुमार राव की रीयल लाइफ गर्लफ्रेंड पत्रलेखा सीरीज के दूसरे एपिसोड में आती हैं, लेकिन नंदिनी के रोल में वो जितनी देर के लिए आती हैं, वो सीन आपके मन पर छाप छोड़ देते हैं और आप पत्रलेखा के उस कैरेक्टर को भूल नहीं पाते.

स्क्रिप्ट को काफी कसा हुआ बनाया है, जिससे लोग बंधे रहें. लेकिन, नवीन कस्तूरिया का नैरेशन इस पूरी सीरीज को थोड़ा फीका कर देता है. उनकी आवाज इस थ्रिलर सीरीज के हिसाब से फिट नहीं बैठती.

और अब अंत में बात आखिरी एपिसोड की. जाहिर है ये बायोपिक एक ऐसा रहस्य है जो आज तक नहीं सुलझा, लेकिन जब 9वां एपिसोड खत्म ही हो रहा होता है तो उसमें जुड़ जाती है पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी मौत !

The Not End...

(ये रिव्यू ‘बोस’ सीरीज के सभी 9 एपिसोड देखकर लिखा गया है)

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