भारत में मदरसों (Madrasa politics) को लेकर बवाल मचा है. उत्तर प्रदेश में मदरसों को सर्वे (UP Madrasa Survey) हो रहा है, असम में पहले ही राज्य सरकार मदरसों पर कई तरह की कार्रवाई कर रही है, उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने भी मदरसों का सर्वे कराने की बात की है. इसको लेकर असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता मुखर हैं, हालांकि जमीयत उलेमा हिंद का कहना है कि कानून के तहत मदरसों के सर्वे पर उनको ऐतराज नहीं है. कुल मिलाकर मदरसे हेडलाइन में हैं, ऐसे में आइए आपको बताते हैं मदरसों से जुड़ी कुछ बुनियादी जानकारी.
Madrasa History: दुनिया का पहला मदरसा कहां खुला था? भारत में 831 साल का इतिहास
1. भारत में पहला मदरसा कब और किसने खोला?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पहला मदरसा 1191-92 ई. में अजमेर में खोला गया था. उस वक्त मोहम्मद गौरी का शासन हुआ करता था. हालांकि UNESCO 13वीं शताब्दी में भारत में मदरसों की शुरुआत बताता है और उदाहरण के लिए ग्वालियर का मदरसा पेश करता है. इसके बाद लगातार मदरसों की संख्या भारत में बढ़ती गई और अकबर के वक्त में मदरसों में इस्लामिक शिक्षा के अलावा भी शिक्षा देना शुरू की गई. भारत में अंग्रेजों ने भी मदरसे खोले, वारेन हेस्टिंग्स ने 1781 में कोलकाता में अंग्रेजी सरकार का पहला मदरसा खोला था.
Expand2. भारत में अभी कितने मदरसे हैं?
अल्पसंख्यक मंत्रालय के मुताबिक 2019 तक भारत में कुल 24010 मदरसे थे, जिनमें से 4878 गैर मान्यता प्राप्त थे.
Expand3. उत्तर प्रदेश में कितने मदरसे हैं?
मदरसा बोर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी 16,513 मदरसे हैं, जिनमें से 560 मदरसों को सरकार अनुदान देती है.
Expand4. उत्तर प्रदेश के मदरसों में कितने मुसलमान बच्चे पढ़ते हैं?
इंडिया टुडे की रिपर्ट के मुताबिक 2016 में मुंशी-मौलवी पाठ्यक्रम में पंजीकृत छात्रों की संख्या 4,22,627 थी, जो 2022 में घट कर 92 हजार हो गई.
Expand5. दुनिया का पहला मदरसा कब और कहां खोला गया?
विश्व का पहला मदरसा ग्यारहवीं शताब्दी में बगदाद में खोला गया था. जिसका नाम निजामिया मदरसा था. इसे सेल्जुक वजीर निजाम अल मुल्क ने बनवाया था. जिसमें रहना-खाना सब फ्री था.
Expand6. मदरसा शब्द का मतलब क्या है ?
मदरसा अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है पढ़ने का स्थान. मूलरूप से ये हिब्रू भाषा से अरबी में आया, जिसे हिब्रू में मिदरसा कहा जाता है.
Expand7. मदरसों पर विवाद क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों का सर्वे करवा रही है. इस सर्वे में मदरसे में पढ़ाये जाने वाले सिलेबस से लेकर फंडिंग तक की जानकारी मांगी गई है. जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. विरोध करने वाले कह रहे हैं कि मदरसों के सर्वे की क्या जरूरत है, जब सारी जानकारी पहले से ही सरकार के पास है. AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि- यूपी सरकार मुसलमानों को टारगेट कर रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
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भारत में पहला मदरसा कब और किसने खोला?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पहला मदरसा 1191-92 ई. में अजमेर में खोला गया था. उस वक्त मोहम्मद गौरी का शासन हुआ करता था. हालांकि UNESCO 13वीं शताब्दी में भारत में मदरसों की शुरुआत बताता है और उदाहरण के लिए ग्वालियर का मदरसा पेश करता है. इसके बाद लगातार मदरसों की संख्या भारत में बढ़ती गई और अकबर के वक्त में मदरसों में इस्लामिक शिक्षा के अलावा भी शिक्षा देना शुरू की गई. भारत में अंग्रेजों ने भी मदरसे खोले, वारेन हेस्टिंग्स ने 1781 में कोलकाता में अंग्रेजी सरकार का पहला मदरसा खोला था.
भारत में अभी कितने मदरसे हैं?
अल्पसंख्यक मंत्रालय के मुताबिक 2019 तक भारत में कुल 24010 मदरसे थे, जिनमें से 4878 गैर मान्यता प्राप्त थे.
उत्तर प्रदेश में कितने मदरसे हैं?
मदरसा बोर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी 16,513 मदरसे हैं, जिनमें से 560 मदरसों को सरकार अनुदान देती है.
उत्तर प्रदेश के मदरसों में कितने मुसलमान बच्चे पढ़ते हैं?
इंडिया टुडे की रिपर्ट के मुताबिक 2016 में मुंशी-मौलवी पाठ्यक्रम में पंजीकृत छात्रों की संख्या 4,22,627 थी, जो 2022 में घट कर 92 हजार हो गई.
दुनिया का पहला मदरसा कब और कहां खोला गया?
विश्व का पहला मदरसा ग्यारहवीं शताब्दी में बगदाद में खोला गया था. जिसका नाम निजामिया मदरसा था. इसे सेल्जुक वजीर निजाम अल मुल्क ने बनवाया था. जिसमें रहना-खाना सब फ्री था.
मदरसा शब्द का मतलब क्या है ?
मदरसा अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है पढ़ने का स्थान. मूलरूप से ये हिब्रू भाषा से अरबी में आया, जिसे हिब्रू में मिदरसा कहा जाता है.
मदरसों पर विवाद क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों का सर्वे करवा रही है. इस सर्वे में मदरसे में पढ़ाये जाने वाले सिलेबस से लेकर फंडिंग तक की जानकारी मांगी गई है. जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. विरोध करने वाले कह रहे हैं कि मदरसों के सर्वे की क्या जरूरत है, जब सारी जानकारी पहले से ही सरकार के पास है. AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि- यूपी सरकार मुसलमानों को टारगेट कर रही है.
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