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Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर के आम लक्षण और बचाव के तरीकों को समझें

ब्रेस्ट में होने वाली हर गांठ ब्रेस्ट कैंसर नहीं होती है. इनमें ज्यादातर बिनाइन होती हैं.

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Breast Cancer Awareness Month 2023: अक्टूबर महीने को पूरी दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है. ब्रेस्ट कैंसर के मामले युवा महिलाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं. भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. हाल ही में लैंसेट की एक रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व स्तर पर महिलाओं में सबसे आम कैंसर यानी ब्रेस्ट कैंसर के कारणों को अभी तक कम ही समझा गया है.

आइये जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर के आम लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में.

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क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर? 

ब्रेस्ट में शुरू होने वाला कैंसर, चाहे वह किसी भी प्रकार का हो, ब्रेस्ट कैंसर कहलाता है. यह एक या दोनों ब्रेस्ट में हो सकता है. जब सेल्स (कोशिकाओं) में वृद्धि अनियंत्रित होती है, तो इसे कैंसर कहते हैं. ब्रेस्ट का कैंसर वैसे तो ज्यादातर महिलाओं को प्रभावित करता है लेकिन पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है.

एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्रेस्ट में होने वाली हर गांठ ब्रेस्ट कैंसर नहीं होती है. इनमें ज्यादातर बिनाइन होती हैं.

असल में बिनाइन असामान्य विकास होता है और यह अक्सर लाइफ थ्रेटनिंग नहीं होता. लेकिन कई बार कुछ बिनाइन भी ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ा सकते हैं.

ब्रेस्ट कैंसर के आम लक्षण 

पहले ऐसा माना जाता था कि उम्र के साथ-साथ ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी बढ़ गया है. 20 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को भी सतर्क रहना चाहिए.

"कहने का मतलब यह है कि अगर आपके ब्रेस्ट हैं, तो आप ब्रेस्ट कैंसर के शिकार बन सकते हैं और अगर आप महिला हैं, तो आपको ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम भी बढ़ जाता है."
डॉ.नूपुर गुप्ता, डायरेक्टर- ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम

एक्सपर्ट ने फिट हिंदी से कहा कि ऐसा जरुरी नहीं है कि हर महिला में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण एक जैसे हों. अलग-अलग महिलाओं में लक्षण अलग-अलग देखे जाते हैं. ये हैं आम लक्षण:

  • ब्रेस्ट में या बगल में गांठ

  • ब्रेस्ट में सूजन

  • ब्रेस्ट की त्वचा में किसी प्रकार का बदलाव होना और उसकी वजह से त्वचा में जलन या खुजली होना त्वचा भीतर की तरफ मुड़ना

  • निप्पल के आसपास की त्वचा में लाली दिखना

  • निप्पल अंदर की ओर मुड़ जाना

  • निप्पल से डिस्चार्ज

  • ब्रेस्ट के साइज या शेप में किसी प्रकार का बदलाव

  • ब्रेस्ट में दर्द, हालांकि आमतौर पर ब्रेस्ट में दर्द ब्रेस्ट कैंसर के सबसे आखिर में उभरने वाले लक्षणों में से है.

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ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव मुमकिन है. हालांकि कुछ कारक ऐसे होते हैं, जिनसे बचा नहीं जा सकता. जिन्हें हम इम्यूटेबल रिस्क फैक्टर्स कहते हैं. लेकिन कुछ पहलू ऐसे होते हैं, जिन पर कंट्रोल रखा जा सकता है, वे हैं:

  • हेल्दी वजन

  • शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहना

  • शराब कम पीना

  • हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां जैसे कि बर्थ कंट्रोल पिल्‍स या हार्मोनल थेरेपी या इंट्रायूटरिन डिवाइस का इस्तेमाल अपने डॉक्टर से पूछ कर करना.

  • अपने शिशुओं को ब्रेस्ट फीड जरुर कराएं

  • परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास हो, तो भी अपने डॉक्टर से पता करें कि आपको क्या करना चाहिए और आपको किस प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए या आपको किस तरह की जांच करवानी चाहिए ताकि ब्रेस्ट कैंसर से बचाव हो सके.

महिलाओं को महीने में एक दिन खुद से अपने ब्रेस्ट की जांच करनी चाहिए. जांच करने का सही तरीका अपने डॉक्टर से सीखें. ऐसा करने से हम बहुत हद तक ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती स्टेज पर ही पता लगा कर उसे रोक सकते हैं.

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है बस जरुरी है समय रहते इस बीमारी का पता लगाना.

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