सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से बचाव के लिए SII द्वारा तैयार की गई स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन (HPV vaccine) अगले कुछ महीनों में बाजार में मिलने लगेगी. यह जानकारी वैक्सीन के साइयंटिफिक लॉन्च के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में दी गयी है.
SII के प्रमुख अदार पूनावाला ने इसकी कीमत समेत वैक्सीन से जुड़ी कई दूसरी महत्वपूर्ण बातों की जानकरी दी.
पहली स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन
अदार पूनावाला ने यह भी कहा कि पहले सरकारी चैनल के माध्यम से टीका उपलब्ध कराया जाएगा और अगले साल से कुछ निजी भागीदार भी शामिल होंगे.
उन्होंने आगे कहा कि यह टीका लोगों के लिए 200-400 रुपये की किफायती कीमत में उपलब्ध होगा. हालांकि, अंतिम कीमत अभी तय नहीं की गई है.
अदार पूनावाला ने गुरुवार को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ टीके के वैज्ञानिक समापन की घोषणा करने के लिए एक कार्यक्रम में भाग लिया.
स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन के साइयंटिफिक लॉन्च पर यह भी बताया गया कि वैक्सीन की 20 करोड़ खुराक बनाने की योजना है और पहले भारत में वैक्सीन दी जाएगी. उसके बाद ही इसे अन्य देशों में निर्यात किया जाएगा.
इसी साल 12 जुलाई को, SII के सीईओ अदार पूनावाला ने घोषणा की थी कि वैक्सीन को भारत के DCGI और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अप्रूव्ड (approved) किया गया है.
उन्होंने ट्विटर पर कहा था, "पहली बार महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए एक भारतीय एचपीवी वैक्सीन होगी, जो कि सस्ती और सुलभ दोनों है."
एचपीवी क्या है?
एचपीवी (HPV) यानि कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस, एक आम वायरस है, जो बेहद खतरनाक और तेजी से फैलता है. यह एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है, जो सेक्स के माध्यम से तो फैलता ही है, पर त्वचा से त्वचा के सम्पर्क में आने से भी फैलता है. मतलब ये जरूरी नहीं कि सेक्सुअल पेनेट्रेशन हो, तभी दो व्यक्ति के बीच यह वायरस फैलेगा.
एचपीवी संक्रमण से कैसे बचें?
सेफ सेक्शुअल प्रैक्टिस: बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिव यानि कंडोम के इस्तेमाल से सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से बचा जा सकता है.
एचपीवी वैक्सीन: यह वैक्सीन एचपीवी वायरस वाले कैंसर को रोकने में कारगर साबित होता है. लगभग 90 प्रतिशत तक यह वैक्सीन एचपीवी वाले कैंसर से बचाता है. यूएस एफ़डीए द्वारा मान्यता प्राप्त ये वैक्सीन, भारत में 9 साल की लड़कियों से ले कर 45 वर्ष की महिलाओं को दी जाती है.
एचपीवी वैक्सीन के साथ स्क्रीनिंग जारी रखना भी महत्वपूर्ण है. समय-समय पर पैप स्मीयर टेस्ट करते रहने से एचपीवी के कारण होने वाले कैंसर से बचा जा सकता है.
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