ADVERTISEMENTREMOVE AD

Diwali Burns: दिवाली पर अगर जल जाएं तो कैसे करें तुरंत इलाज, एक्सपर्ट की राय

दिवाली पर सेफ्टी टिप्स और फर्स्ट एड के बारे में जान लें, ताकि समय रहते सही उपचार दिया जा सके.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

दिवाली (Diwali) पर खुशियों के साथ कई बार होती हैं छोटी-छोटी गलतियां या दुर्घटनाएं जिसमें आम है त्वचा का जलना और घाव. कई बार पटाखे या फिर किसी दूसरी वजह से हाथ में या शरीर के दूसरे किसी अंग में चोट लग जाती है. आग से जुड़ी चोट का प्राथमिक उपचार तुरंत किया जाना बहुत जरूरी होता है. हालांकि, दिवाली की रात डॉक्टर का मिलना मुश्किल होता है. ऐसे में हमें कुछ तैयारियां पहले कर लेनी चाहिए.

पटाखों से पर्यावरण और इंसानों को पहुंचते नुकसानों को देखते हुए देश में कई जगहों पर इसे बैन किया गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
आइए जानते हैं अगर पटाखे या किसी दूसरी वजह से जल जाएं, तब फर्स्ट एड क्या होना चाहिए?

दिवाली के दिन पटाखे जलाते समय जरा सी भी लापरवाही हुई तो हाथ-पैर जलने का खतरा रहता है. कई बच्चे दौड़-भाग में गिर जाते हैं, जिससे हाथों-पैरों में चोट लग जाती है. ऐसे में दिवाली पर कुछ सेफ्टी टिप्स और फर्स्ट एड के बारे में जान लें, ताकि समय रहते सही उपचार दिया जा सके.

हाथ-पैर जलने पर क्या करें?

फिट हिंदी को एक्स्पर्ट्स ने बताया कम जलने पर क्या हैं फर्स्ट एड के तरीके.

  • पटाखे जलाते समय अगर हाथ-पैर जल जाएं, तो कम से कम 10 मिनट तक खुले नल के नीचे हाथ-पैर पर पानी डालें. इससे जलन कम होगी और त्वचा को ठंडक मिलेगी.

  • जली हुई जगह को कपड़े या तौलिए से रगड़ें नहीं.

  • घाव पर जाइलोकेन जेली के साथ सिल्वरेक्स मरहम लगा सकते हैं.

  • अच्छे एंटीसेप्टिक क्रीम का भी प्रयोग कर सकते हैं.

  • एंटी बर्निंग क्रीम हल्के हाथ से लगाएं नहीं तो जली हुई जगह की स्किन हट सकती है.

  • मेडिकेटेड (एंटीबायोटिक) गेज के बैंडेज से बस घाव को कवर करें, चिपकाएं नहीं.

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें.

  • जरुरत होने पर पेन किलर लें.

  • घाव पर फफोले पड़ जाते हैं, तो उन्हें फोड़े नहीं.

  • ज्यादा जल गया है, तो डॉक्टर से जरूर मिल लें.

  • आंखों को साफ हाथ से ही छुएं, मले नहीं.

"फर्स्‍ट एड में सबसे जरूरी यह है कि घबराएं नहीं. तुरंत खुले पानी से साफ करें, घाव सुखाएं. घाव पर अच्‍छी क्‍वालिटी वाला एंटीसेप्टिक लगाना होता है, इसलिए सबसे पहले जगह को साफ कर ड्रैसिंग करें."
डॉ नेहा रस्‍तोगी पांडा, सीनियर कंसल्‍टैंट – इंफक्शियस डिज़ीज़, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुड़गांव

हाथ-पैर जलने पर क्या नहीं करें?

  • जलने पर कभी भी बर्फ नहीं लगाएं.

  • कुछ लोग घरेलू इलाज में जली हुई जगह पर टूथपेस्ट लगाने के लिए कहते हैं, आप भूलकर भी ऐसा ना करें.

  • त्वचा पर अगर छाले हो जाएं, तो उन्हें नाखून से छेड़ें नहीं, इससे जलन होने के साथ ही इंफेक्शन होने का खतरा बन जाता है.

  • जली हुई त्वचा पर रूई बिल्कुल भी न लगाएं क्योंकि ये त्वचा पर चिपक जाएगी, जिससे परेशानी बढ़ सकती है.

  • जली हुई जगह पर अगर कपड़ा स्किन से चिपक गया है, तो उसे हटाने का प्रयास बिल्कुल भी न करें बल्कि उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं. कपड़ा हटाने से स्किन छिल सकती है और वहां गंभीर घाव व संक्रमण हो सकता है.

"घाव पर टूथपेस्ट लगाने जैसा कोई भी घरेलू उपाय करने से बचें."
डॉ साक्षी श्रीवास्तव, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ डर्मेटोलॉजी, जेपी हॉस्पिटल, नोएडा

हाथ-पैर जलने पर ये कारगर उपाय घर पर करें 

डॉ. नेहा फिट हिंदी से कहती हैं, "घरेलू उपाय में सबसे अच्‍छा और कारगर है ठंडा पानी डालें, बर्फ का इस्‍तेमाल नहीं करें. खुले पानी के नीचे रखकर घाव को धोएं. ऐसे में हल्‍दी बहुत ही गुणी और कारगर घरेलू उपाय है. यह ऐसा एंटीसेप्टिक है, जो सभी के घरों में आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा, शहद का प्रयोग भी एंटीसेप्टिक के तौर पर किया जा सकता है".

दिवाली के दिन नंगे पांव बिलकुल नहीं चलें, कई बार जमीन पर गर्म पटाखा पड़ा रह जाता है.

दिवाली पर बच्चों का ऐसे रखें ध्यान

बच्चों के लिए दिवाली का त्योहार विशेष महत्व रखता है. लेकिन यह ध्यान रखें कि जब वे घर से बाहर खेलें तो उन्हें हाथ-पैर को ढकने वाले कपड़े पहनाकर बाहर भेजें. पटाखे जलाते वक्त कोई बड़ा व्यक्ति उनके साथ हो और उनकी निगरानी में ही वे पटाखे जलाएं. अगर खांसी या जुकाम हो तो तुरंत भाप दिलाएं या गरारे करें. लैंप या दीये बच्चों की पहुंच से दूर रखें. पटाखों को किसी खुली जगह में ही जलाएं.

ऐसे में लें डॉक्टर की सलाह 

गंभीर रूप से जलने या चोट लगने की स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. इन सभी मामलों में भी डॉक्टर की सलाह लें:

  • जब भी खांसी या जुकाम जैसी समस्या दो दिन से ज्यादा से बनी रहे

  • 5 से.मी. से बड़े आकार का कोई घाव जो ठीक नहीं हो रहा हो

  • सांस की तकलीफ हो

  • एलर्जी बढ़ जाए

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×