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Headache Remedies| सिरदर्द के 5 प्रकार, न करें अनदेखा, लापरवाही पड़ेगी भारी

ज्यादातर मामलों में सिर दर्द अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन कभी-कभी सिरदर्द के पीछे गंभीर मामले भी छिपे रहते हैं.

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सिरदर्द आजकल के लाइफ स्टाइल में एक बहुत आम समस्या बनती जा रही है, जिससे अक्सर लोग परेशान रहते हैं. खुद आपने या आपके जानने वालों में से कई लोगों ने ये कहा होगा कि सिर दर्द से फटा जा रहा है और आजकल ये रोज की बात हो गयी है.

सिरदर्द होने की बहुत सी वजह हो सकती है. भागदौड़ और स्ट्रेस भरे जीवन में ज्यादातर युवा सिरदर्द के शिकार हो रहे हैं. यह दर्द वर्कस्ट्रेस, असंतुलित आहार, नींद पूरी नहीं होना, थकावट जैसे कई कारणों की वजह से होता है.

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ज्यादातर मामलों में सिर दर्द अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन सिरदर्द के पीछे कभी-कभी गंभीर मामले भी छिपे रहते हैं. ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करने में समझदारी होती है.

आइए जानते हैं विशेषज्ञों से सिर दर्द कितने तरह के होते हैं, सिर दर्द की समस्या कब गंभीर हो सकती है और किन लक्षणों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.

“गर्दन से लेकर सिर तक के हिस्से में होने वाले दर्द को आम भाषा में सिरदर्द या हेडक बोलते हैं और ऐसा होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं. सबसे कॉमन कारण की अगर बात करें, तो नौजवानों में माइग्रेन की वजह से सिरदर्द होना बहुत आम बात हो गयी है.”
डॉ विनय गोयल, डायरेक्टर न्यूरोलॉजी, मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम

सिरदर्द कई बार तकलीफ और असहजता का कारण बन सकता है. सिरदर्द की गंभीरता हल्के से लेकर तीव्र तक हो सकती है. इसके अलावा यह कुछ से समय से लेकर काफी देर तक हो सकता है.

“सिरदर्द एक बहुत ही सामान्य स्थिति है, जिसका अनुभव ज्यादातर लोगों को अपने जीवन में कई बार होता है. सिरदर्द का मुख्य लक्षण आपके सिर, गर्दन या चेहरे में दर्द है. सिरदर्द के समय थ्रोबिंग (धड़कना), तेज या हल्का दर्द महसूस हो सकता है.”
डॉ ज्योति बाला शर्मा, डायरेक्टर न्यूरोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
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सिरदर्द के प्रकार

सिरदर्द के कई प्रकार होते हैं और उनके लक्षणों को समझ कर ही उनका इलाज किया जाता है. आज हम सिरदर्द के 5 प्रकार के बारे में विस्तार से बातें करेंगे.

माइग्रेन (Migraine)

डॉ गोयल के अनुसार, माइग्रेन बहुत बड़ी आबादी को प्रभावित करता है. इसके दर्द की शुरुआत में मरीज सिर के आधे हिस्से में दर्द की शिकायत करता है, जो बढ़ते-बढ़ते सिर के पूरे हिस्से में फैल जाता है. शुरू में दर्द कम रहता है फिर बढ़ता चला जाता है. सिर दर्द के साथ उल्टी, चिड़चिड़ापन, रोशनी पसंद नहीं करना, बात करने की इच्छा न होना जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं. माइग्रेन में अक्सर अच्छे से सो कर उठने के बाद आराम महसूस होता है.

माइग्रेन के लक्षण:

  • सिर के एक ओर चुभने वाला दर्द

  • सामान्य से ज्यादा दर्द महसूस करना

  • धुंधली दृष्टि, टिमटिमाती रोशनियां या टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखना

  • रोशनी, खुशबू और तेज आवाज को पसंद नहीं करना

  • चक्कर आना

  • जी मिचलाना/उल्टी आना

“माइग्रेन में कभी-कभी आंखों के आगे थोड़े से हिस्से में अंधेरा सा छा जाता है, तो कभी-कभी चमकती आकृतियां नजर आती हैं. जिसे ओरा बोला जाता है. माइग्रेन ज्यादातर 10-12 साल के बच्चों से लेकर 38-40 साल के वयस्कों में देखा जाता है. माइग्रेन, सर्दी-खांसी की तरह नहीं है कि दवा खाई और ठीक हो गया. इसका इलाज लंबा चलता है.” ये कहना है, डॉ विनय गोयल का.

माइग्रेन तनाव, नींद की कमी, भूखे पेट रहना और कम पानी पीना जैसे कारणों की वजह से हो सकता है.

माइग्रेन के लक्षण का आभास होते ही डॉक्टर की दी दवा खा लें और आराम करें. सोने से माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है.

“बच्चे लक्षण ठीक से या सारे नहीं बता पाते हैं. इसलिए अगर बच्चा सिरदर्द की शिकायत कर रहा है, तो माता-पिता डॉक्टर से जरुर संपर्क करें. लगभग 7-12 प्रतिशत बच्चों को माइग्रेन की समस्या होती है. ऐसे में देखना चाहिए कि बच्चे के माता-पिता या बड़े भाई-बहनों को सिरदर्द की शिकायत तो नहीं है.”
डॉ विनय गोयल, डायरेक्टर न्यूरोलॉजी, मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम
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क्लस्टर सिरदर्द (Cluster headache)

दोनों में से किसी एक आंख के आसपास तेज दर्द व जलन जैसा महसूस होने को क्लस्टर सिरदर्द कहा जाता है. इसके साथ ही प्रभावित आंख लाल या उसकी पुतली छोटी हो सकती है. क्लस्टर सिरदर्द होने से आंखों से पानी निकलता है, पलकें भारी हो जाती हैं और आंखें लाल रहती हैं.

इसमें सिर के एक हिस्से और आंख के आसपास के क्षेत्र में दर्द होता है. ज्यादातर महिलाओं को पीरियड के दौरान यह सिरदर्द महसूस होता है. यह दर्द अचानक शुरू होता है और लगभग 15 मिनट से एक घंटे तक रहता है और फिर अचानक ठीक भी हो जाता है.

क्लस्टर सिरदर्द के लक्षण:

  • सिर के एक हिस्से और आंख के आसपास के क्षेत्र में चोट और जलन वाला दर्द

  • कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक चलने वाला बहुत तेज दर्द

  • आंख लाल होना और उससे पानी निकलना

  • लटकी और सूजी हुई पलकें

  • बन्द या बहती हुई नाक

  • सिकुड़ी और जकड़ी हुई आंख की पुतली

  • पसीना आना

बुखार के साथ हो रहे सिरदर्द का कारण मेनिनजाइटिस (Meningitis) भी हो सकता है.

साइनस सिरदर्द (Sinus headache)

साइनस सिरदर्द में गालों की हड्डी, नाक की हड्डी और माथे में लगातार तेज दर्द महसूस होता है. यह सिरदर्द खासतौर पर मौसम की एलर्जी के कारण होता है. सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इस रोग के आम लक्षण हैं. इसमें रोगी को हल्का बुखार, आंखों में पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द रहता है. साइनस नाक से संबंधित एक बीमारी है.

साइनस सिरदर्द के लक्षण:

  • नाक की हड्डी, माथे अथवा गालों में चुभने वाला दर्द

  • चेहरे पर छूने से दर्द या सूजन

  • बन्द या बहती नाक

  • कफ जम जाना

  • कान में दर्द

  • बुखार

बच्चों को ठंड लगने के कारण या सर्दी होने के कारण साइनस की समस्या हो जाती है, जिससे सिरदर्द होना आम बात है.
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किसी इंफेक्शन या एलर्जी के कारण साइनस में सूजन (इन्फ्लेमेशन) हो जाने से साइनस सिरदर्द होता है. इसका दर्द बहुत तेज और कभी-कभी असहनीय हो सकता है.

ऐसे में डॉक्टर से मिलें. डॉक्टर आपके बंद नाक को खोलने वाले नेजल डीकन्जेस्टेंट्स, एंटीहिस्टेमाइंस अथवा स्टेरॉयड नेजल (नाक की) स्प्रे जैसी दवाइयां लेने की सलाह दे सकते हैं. गर्म पानी का भाप लेने से साइनस के दर्द में आराम मिलता है

तनाव/टेंशन सिरदर्द (Tension headache)

तनाव/टेंशन के कारण होने वाला सिरदर्द बहुत कॉमन सिरदर्द है, लेकिन यह बहुत कष्ट देने वाला भी हो सकता है. इस प्रकार का दर्द सबसे आम सिरदर्द होता है. जो कि हल्के से लेकर तेज हो सकता है. यह दर्द तनाव, डिप्रेशन या थकान के कारण हो सकता है.

इस दर्द को कम करने का सबसे आसान तरीका है, जल्दी से जल्दी डॉक्टर द्वारा दिया गया पेन किलर खाकर, किसी शांत जगह पर जाकर आराम करना.

टेंशन या स्ट्रेस को कम करने से ये सिरदर्द अपने आप कम हो जाता है. ऐसे में स्ट्रेस कम करने के लिए वो काम करें, जिससे खुशी मिले.

डॉ विनय गोयल कहते हैं,

“आजकल मैं ऐसे कई मरीजों से मिल रहा हूं, जो कोविड (Covid) से ठीक होने के बाद सिरदर्द की शिकायत कर रहे हैं.”
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थंडरक्लैप सिरदर्द (Thunderclap headache)

थंडरक्लैप सिरदर्द बहुत तेज और अचानक होता है. डॉ गोयल बताते हैं, “अचानक अगर सिर में बहुत तेज दर्द शुरू हो जाए, तो 2 कारणों पर हमें ध्यान देना चाहिए. पहला ब्लड प्रेशर के बहुत हाई हो जाने के कारण ब्रेन में कहीं ब्लीडिंग हो सकती है, जो तेज सिरदर्द का कारण बन सकता है. दूसरा सबाराकनॉइड हैमरेज (subarachnoid hemorrhage) इसमें ब्रेन के अंदर जो खून की धमनियों होती हैं, वो जन्म के समय से एक जगह पर गुब्बारे जैसी फूली होती हैं. उसके अचानक से फट जाने से तेज सिरदर्द होता है. ऐसे दर्द का आभास होते ही डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि ये जानलेवा भी साबित हो सकती है”.

वृद्ध लोगों में सिरदर्द का खास ख्याल रखना चाहिए. अगर सिर में चोट लगने के बाद सिरदर्द रहने लगे तो सचेत हो जाए. कई बार ऐसा ब्रेन में ब्लीडिंग के कारण भी हो सकता है.

सिरदर्द के और भी कई कारण होते हैं:

  • आंखों के चश्मे का नम्बर बढ़ने से या नम्बर आने से

  • मेनोपॉज में होने वाला सिरदर्द

  • कम सोने से

  • भूखे रहने से

  • डिहाइड्रेशन या फिर बहुत ज्यादा शराब पीने से भी सिर दर्द होता है

  • जिन्हें चाय/कॉफी पीने की आदत होती है, उन्हें कैफीन ना मिलने से सिर दर्द होने लगता है

  • स्मोकिंग छोड़ने की प्रक्रिया में निकोटीन छूटने से सिर दर्द होना आम है

इस तरह के सिरदर्द अपने आप ठीक हो जाते हैं, पर अगर ऐसा न हो तो डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए.

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ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करें

  • 2 हफ्ते से हो रहे सिरदर्द की स्थिति में

  • अचानक बहुत तेज सिरदर्द होने पर

  • बुखार आने के बाद सिरदर्द रह रहा हो

  • बच्चों को सिरदर्द होने पर

  • सिर में चोट लगने पर सिर दर्द हो, खासकर बुजुर्गों को

  • 60 वर्ष की आयु से ऊपर के व्यक्तियों को सिरदर्द रह रहा हो

  • सिरदर्द के साथ देखने में कठिनाई महसूस होने पर (धुंधली दृष्टि, दोहरी दृष्टि, या अंधे धब्बे)

  • बुखार के साथ सिरदर्द, सांस की तकलीफ, अकड़ी गर्दन या दाने होने पर

  • सिरदर्द दर्द जो आपको रात में जगाता है

  • गंभीर मतली और उल्टी के साथ सिरदर्द होने पर

लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं

डॉ ज्योति बाला शर्मा बताती हैं, दिनचर्या में बदलाव से सिरदर्द की समस्या में कमी देखी गई है. उनके बताए ये हैं कुछ उपाय:

  • हर दिन एक ही समय पर सोएं और जागें

  • ज्यादा नींद या नींद की कमी से बचें - हर रात कम से कम 8 घंटे सोएं

  • दिन में 3 बार संतुलित आहार लें और भूखे रहने से बचें

  • मीठे स्नैक्स से बचें क्योंकि चीनी कई बार सिरदर्द को ट्रिगर कर सकता है

  • व्यायाम करें यह तनाव को कम कर सकता है और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद भी करता है

  • पूरे दिन खूब पानी पिएं

  • कैफीन या शराब का सेवन कम से कम करें

  • तनाव सिरदर्द को ट्रिगर या बढ़ा सकता है, इससे बचें

सिरदर्द अगर लंबे समय से हो रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श जरुर करें लेकिन अगर अचानक से बहुत तेज सिरदर्द हो, तो बिना समय गवाएं डॉक्टर से मिलें.

कोई समस्या अगर दिनचर्या को ठीक से करने में बाधा डाल रही है, तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए. एक छोटा सा सिरदर्द जिंदगी भर की तकलीफ न बन जाए, इसलिए सिरदर्द को लेकर पहले से सतर्क हो जाएं, और डॉक्टर की सलाह के बाद ही सिरदर्द की दवा लें.

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