देश के हेल्थ सेक्टर को बेहतर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से तमाम तरह के दावे किए जाते रहे हैं. लेकिन नीति आयोग की तरफ से हाल ही में जारी ‘हेल्दी स्टेट प्रोग्रेसिव रिपोर्ट’ के मुताबिक, हेल्थ सेक्टर में काफी काम करने की जरूरत है.
वहीं ‘इंटरनेशनल हेल्थकेयर इंडेक्स’ में भी भारत की स्थिति अच्छी नहीं है. 195 देशों की इस सूची में भारत 154वें पायदान पर है. हेल्थ सेक्टर में भारत के राज्यों की हालात और सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली योजनाओं पर डालते हैं एक नजर-
इन राज्यों में बेहतर हालात
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य के मामले में राज्यों की लिस्ट में देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश सबसे नीचले पायदान पर है. हालांकि अगर बेहतरीन राज्यों की बात करें तो केरल सबसे ऊपर है. उसके बाद पंजाब, तमिलनाडु और गुजरात का स्थान है.
छोटे राज्यों में मिजोरम पहले स्थान और मणिपुर दूसरे स्थान पर है. पिछले एक साल में झारखंड और जम्मू-कश्मीर ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे तेजी से काम किए है.
इस लिस्ट में अब झारखंड जहां 7वें पायदान पर पहुंच गया है, वहीं जम्मू कश्मीर भी 14वें स्थान पर काबिज हो गया है.
इन राज्यों में बदतर हालात
जनसंख्या और क्षेत्रफल के मामले में देश के कई बड़े राज्य स्वास्थ्य के मामले में काफी पीछे हैं. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सबसे बदतर हालात उत्तर प्रदेश के हैं. उसके बाद, राजस्थान, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश इस सूची में है. आयोग का कहना है कि देश के इन राज्यों को ज्यादा तेजी और मेहनत से सुधार काम करने की जरूरत है.
सरकारी हेल्थ स्कीम
लोगों के स्वास्थ्य के लिए सरकार की तरफ से कई तरह योजनाएं चलाई जा रही है. इनमें प्रमुख रूप से मातृ और किशोर स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, इंद्रधनुष, रोग नियंत्रण कार्यक्रम और परिवार नियोजन कार्यक्रम है.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के लिए ‘केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना’ (सीजीएचएस) के तहत कई तरह की स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं दी जा रही है.
देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’
केंद्र सरकार की तरफ से अब सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना की शुरुआत हो रही है. नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत इसे 'आयुष्मान भारत' का नाम दिया गया है और इसे सरकार की औपचारिक मंजूरी मिल गई है.
इस स्कीम के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक का हेल्थ बीमा दिया जाएगा. दावे के मुताबिक, इससे देश की करीब 40 फीसदी आबादी को फायदा मिलेगा. इस बीमा कवर में दूसरे और तीसरे दर्जे की सभी स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं.
इस योजना में परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं है. अस्पताल में दाखिल होने से पहले और दाखिल होने के बाद के सभी खर्च शामिल किए जाएंगे. इस स्कीम का लाभ पूरे देश में मिलेगा और योजना के अंतर्गत कवर किये गये लाभार्थी को पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल से कैशलेस लाभ लेने की अनुमति होगी.
आयुष्मान भारत के तहत पहले से चली आ रही बीमारियों को भी किया कवर किया जाएगा और उनको भी फायदा मिलेगा जिनकी पहचान गरीब के रूप में हो चुकी है.
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