केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत’ को औपचारिक मंजूरी दे दी है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसे मंजूरी दी गई. सरकार ने इसे नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत आयुष्मान भारत नाम दिया है.
इस स्कीम के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक का हेल्थ बीमा दिया जाएगा. ये परिवार एसपीसीसी डाटा बेस पर आधारित गरीब और कमजोर आबादी के होंगे. यह स्कीम इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि दावे के मुताबिक, इससे देश की करीब 40 फीसदी आबादी को फायदा मिलेगा.
आयुष्मान भारत स्कीम में क्या है खास?
- आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन के तहत हर साल, हर परिवार का पांच लाख रुपये का बीमा होगा.
- इस बीमा कवर में दूसरे और तीसरे दर्जे की सभी स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं.
- स्कीम के लाभ से कोई व्यक्ति (महिलाएं, बच्चे या वृद्धजन) छूट न जाएं, इसलिए योजना में परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं होगी.
- लाभ कवर में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और दाखिल होने के बाद के खर्च शामिल किए जाएंगे.
- लाभार्थी को हर बार अस्पताल में दाखिल होने पर परिवहन भत्ते का भी भुगतान किया जाएगा.
- इस स्कीम का लाभ पूरे देश में मिलेगा और योजना के अंतर्गत कवर किये गये लाभार्थी को पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी/निजी अस्पताल से कैशलेस लाभ लेने की अनुमति होगी.
कौन ले सकेगा स्कीम का लाभ?
- आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन पात्रता आधारित स्कीम होगी.
- पात्रता एसईसीसी डाटा बेस में दर्ज जानकारी के आधार पर तय की जाएगी.
- ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणियों में ऐसे परिवार, जिनके पास कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ एक कमरा हो.
- ऐसे परिवार, जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई व्यस्क सदस्य नहीं है
- ऐसे परिवार जिसकी मुखिया महिला है और जिसमें 16 से 59 आयु के बीच का कोई व्यस्क सदस्य नहीं है
- ऐसा परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य है और कोई शारीरिक रूप से सक्षम व्यस्क सदस्य नहीं है
- अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार, मजूदरी से आय का बड़ा हिस्सा कमाने वाले भूमिहीन परिवार
- ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे परिवार, जिनके रहने के लिए छत नहीं है
- निराश्रित, खैरात पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्त किए गये बंधुआ मजदूर
इस स्कीम से क्या लाभ होगा?
- लाभार्थी पैनल में शामिल सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे.
- आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन लागू करने वाले राज्यों के सभी सरकारी अस्पतालों को योजना के लिए पैनल में शामिल समझा जाएगा.
- कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) से जुड़े अस्पतालों को भी बिस्तर दाखिला अनुपात मानक के आधार पर पैनल में शामिल किया जा सकता है.
- निजी अस्पताल परिभाषित मानक के आधार पर ऑनलाइन तरीके से पैनल में शामिल किए जाएंगे.
- लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज दर के आधार पर इलाज के लिए भुगतान किया जाएगा.
- पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागत शामिल होगी.
- लाभार्थियों के लिए यह कैशलैस, पेपरलैस लेनदेन होगा.
केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय के लिए बनेगी परिषद
नीति निर्देश देने और केन्द्र और राज्यों के बीच समन्वय के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन परिषद (एबी-एनएचपीएमसी) गठित किया जाएगा. इसमें एक आयुष्मान भारत राष्ट्रीय, स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन गवर्निंग बोर्ड (एबी-एनएचपीएमजीबी) बनेगा, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रूप से सचिव (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) और सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग करेंगे.
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