ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड की तीसरी लहर में सामने आया नर्सिंग स्टाफ़ का दर्द

Published
Fit Hindi
5 min read
कोविड की तीसरी लहर में सामने आया नर्सिंग स्टाफ़ का दर्द
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

बीते दो वर्षों में हर दिन भारतवासियों की कोरोनावायरस से जंग चल रही है. उस जंग में हमारे देश के नर्सिंग स्टाफ़ चेहरे पर मास्क लगा, हाथों में दस्ताने पहन, सीना तान कर खड़े रहे हैं. इनकी सेवा-भावना और दृढ़ निश्चय ने देश के कई परिवारों में ग़म का माहौल नहीं बनने दिया.

आज जब कोविड की तीसरी लहर में हर दिन लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे में सबसे अधिक ज़रूरत है स्वस्थ और समर्पित नर्सिंग स्टाफ़ की. लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा है नहीं, क्योंकि संक्रमित नर्सिंग स्टाफ़ की संख्या भी कुछ कम नहीं है.

इसके पीछे का कारण जानने के लिए फ़िट हिंदी ने कुछ अस्पतालों के नर्सिंग स्टाफ़ और प्रशासन से खुलकर बातें करने की कोशिशें कीं. प्रशासन की ओर से तो इस बाबत कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी लेकिन, कुछ नर्सिंग स्टाफ़ ने टिप्पणी करने से इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें अपने अस्पताल प्रशासन से अनुशासनात्मक प्रतिक्रिया का डर था. जबकि कुछ ने अपना नाम न छापने की शर्त या अनुरोध के साथ कई चौंकाने वाली जानकारियाँ भी दीं.

नर्सिंग स्टाफ़ के हेल्थ पर असर करता नया कोविड गाइडलाइन

शारीरिक और मानसिक पीड़ा झेलते नर्सिंग स्टाफ़ 

(फ़ोटो:iStock) 

"कोविड की पहली, दूसरी और अब तीसरी लहर में हम नर्सिंग स्टाफ़ लोगों की सेवा करते आ रहे हैं, पर इस बार हमें नई कोविड गाइडलाइन्स की वजह से अन्य बहुत सारी परेशानियों से भी लड़ने को विवश होना पड़ रहा है.” ऐसा कहना है सफदरजंग अस्पताल की एक नर्सिंग ऑफ़िसर का, जो कोविड ज़ोन में बीते 2 वर्षों से काम कर रही हैं.

दिल्ली के सफदरजंग सरकारी अस्पताल की परिचारिका निशा (बदला हुआ नाम) बताती हैं कि नर्सिंग स्टाफ़ को ड्यूटी के दौरान कोविड पॉज़िटिव होने पर क्‍वारंटाइन के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. इस कारण उन्हें न सिर्फ़ अपने-अपने घरों में क्‍वारंटाइन रहना पड़ रहा है, बल्कि उनके परिवारों में संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है. यह हम सभी के लिए घोर चिंता का कारण बन गया है.

"कोविड वार्ड में काम करना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक पीड़ा का भी बड़ा कारण बनता जा रहा है. जहां एक ओर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर इसका असर हो रहा है वही दूसरी ओर तनाव, दुःख और हर समय कोविड संक्रमित होने का डर हमें मानसिक रूप से परेशान करता है."
निशा (बदला हुआ नाम) सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली
पुराने कोविड गाइडलाइन के समय, ड्यूटी के दौरान, कोविड पॉज़िटिव होने पर स्वास्थ्य कर्मियों के रख रखाव और देखभाल का ज़िम्मा अस्पताल प्रशासन उठाता था.

अपने बच्चे को निहारती कोविड नर्सिंग स्टाफ़

(फ़ोटो:iStock)

संगीता ठाकुर, नर्सिंग ऑफ़िसर, सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली, ने पुराने कोविड गाइडलाइन के बारे में बताते हुए कहा "पिछली लहरों में कोविड ड्यूटी कर रहे नर्सिंग स्टाफ़ को लगातार 14 दिनों तक ड्यूटी पर रखा जाता था और उस दौरान वो अस्पताल के खर्चे पर घर से बाहर रहते थे. ड्यूटी के 14 दिनों बाद कोविड टेस्ट कर, नेगेटिव आने पर उन्हें 10 दिनों के क्‍वारंटाइन लीव के लिए घर भेजा जाता था और पॉज़िटिव आने पर उनके इलाज की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन करता था, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों का परिवार संक्रमण के ख़तरे से बचा रहता था, पर इस बार स्तिथि अलग है."

कोविड ड्यूटी कर रहे नर्सिंग स्टाफ़, हर दिन ड्यूटी के बाद अपने साथ कही न कही संक्रमण का ख़तरा भी घर ले जा रहे हैं.
कल यानि 13 जनवरी, 2022 को दिल्ली के AIIMS ने कोविड गाइडलाइन्स में बदलाव करते हुए नर्सिंग स्टाफ़ को 7 दिनों की स्पेशल मेडिकल लीव देने की बात कही है.

कोविड पॉज़िटिव होने पर कटती छुट्टियां और मासिक वेतन  

लोगों की सेवा के बदले कटती छुट्टियाँ और वेतन 

(फ़ोटो:iStock) 

"नए कोविड गाइडलाइन में, कोविड पॉज़िटिव होने पर नर्सिंग स्टाफ़ को 7 दिनों का क्‍वारंटाइन दिया जा रहा है, पर वो 7 दिनों का क्‍वारंटाइन उनकी अपनी मेडिकल लीव या ईएल से काटा जा रहा है. इस बात का पता यहाँ के नर्सिंग स्टाफ़ को उनकी छुट्टियाँ काटे जाने के बाद चला." ये कहना है, दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) के एक नर्सिंग ऑफ़िसर का.

नाम न छापने के अनुरोध के साथ एलएनजेपी अस्पताल के नर्सिंग ऑफ़िसर ने फ़िट हिंदी को बताया, "हम सभी नर्सिंग स्टाफ़ दिन रात कोविड वार्ड में लोगों की सेवा कर रहे हैं और अगर इस दौरान हम कोविड पॉज़िटिव हो जाते हैं, तो क्‍वारंटाइन अवधि अस्पताल प्रशासन, हमारी बची हुई छुट्टियों से काट लेगा".

वहीं सफदरजंग अस्पताल के आदर्श कुमार (बदला हुआ नाम) कहते हैं, "हम सभी नर्सिंग स्टाफ़ देश के लिए हर दिन जान जोख़िम में डाल, कोविड ड्यूटी कर रहे हैं और कोविड पॉज़िटिव आने पर अपनी ही छुट्टियाँ खो रहे हैं, जिसका उपयोग हम अपने या अपने परिवार की ज़रूरत के समय कर सकते थे".

"कोविड पॉज़िटिव होने पर, कॉंट्रैक्ट नर्सिंग स्टाफ़ का मासिक वेतन काटा जा रहा है. न तो नौकरी की गारंटी और न तो पूरा वेतन मिल रहा है. क्या यही है इनाम देश की सेवा करने का?"
आदर्श कुमार (बदला हुआ नाम), नर्सिंग ऑफ़िस, सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली

वेतन और छुट्टी बचाने को मजबूर कोविड पॉज़िटिव नर्सिंग स्टाफ़ 

कोविड पॉज़िटिव नर्सिंग स्टाफ़ की मजबूरी  

(फ़ोटो:iStock) 

वेतन और छुट्टी बचाने को मजबूर कोविड पॉज़िटिव नर्सिंग स्टाफ़ क्या कर रहे हैं?

इस पर एलएनजेपी अस्पताल के नर्सिंग ऑफ़िसर ने कहा, "कोविड पॉज़िटिव होते हुए भी अस्पताल आ रहे हैं. जिसके कारण दूसरों में संक्रमण फैलने का ख़तरा बढ़ रहा है और साथ ही साथ उन नर्सिंग स्टाफ़ को दूसरों की नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का सामना भी करना पड़ रहा है."

"अस्पताल प्रशासन की ओर से आंतरिक स्तर पर कोविड पॉज़िटिव स्टाफ़ के ऊपर काम पर आने का दवाब डाला जा रहा है."
नर्सिंग ऑफ़िसर, लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, दिल्ली

कोविड की तीसरी लहर के बीच नर्सिंग स्टाफ़ की कमी 

देश कोविड की तीसरी लहर के बीच नर्सिंग स्टाफ़ की बढ़ती कमी कैसे झेलेगा?

यह सवाल फ़िट हिंदी ने कुछ अस्पतालों के प्रशासन और कुछ नर्सिंग स्टाफ़ से पूछा. जवाब सिर्फ़ नर्सिंग स्टाफ़ से मिला.

"5 वर्षों से मैं यहाँ कॉंट्रैक्ट नर्सिंग स्टाफ़ के रूप में काम कर रहा हूँ. कोविड वार्ड में दिन रात काम करते हुए मुझे और मुझ जैसे कइयों को 2 साल हो गए हैं, पर स्थायी नौकरी देने की जगह हमें काम से हटाने की बात की जा रही है."

देश की सेवा करने के इनाम में मिला 'दर्द'

(फ़ोटो:iStock) 

"मोदी जी ने 100 दिन कोविड वार्ड में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ़ को बोनस देने और कॉंट्रैक्ट नर्सिंग स्टाफ़ को स्थायी स्टाफ़ बनाने में प्राथमिकता देने की बात कही थी. जिसका इंतेज़ार हम सभी आज तक कर रहे हैं."
आदर्श कुमार (बदला हुआ नाम), नर्सिंग ऑफ़िस, सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली

अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ़ की कमी की बात कह, कुछ अस्पतालों के प्रशासनिक अधिकारी मौजूदा स्टाफ़ पर, बीमारी में भी काम पर आने का दवाब डाल रहा है, वहीं दूसरी तरफ़ कॉंट्रैक्ट नर्सिंग स्टाफ़ को टेनयोर (Tenure) पूरा होते ही हटाने की बात भी की जा रही है. ऐसा कहना है एलएनजेपी अस्पताल के नर्सिंग ऑफ़िसर का.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

ADVERTISEMENTREMOVE AD
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×