पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो तब होता है जब एक महिला के हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है. ये बहुत बड़ी बात नहीं लगती, लेकिन ये कई मुश्किलें पैदा कर सकता है जो दिन-ब-दिन काम करना मुश्किल बना देता है.
सबसे आम PCOS लक्षणों में से कुछ हैं:
चेहरे और शरीर पर ज्यादा बाल
मुंहासे
बाल झड़ना
अनियमित पीरियड्स
प्रजनन संबंधी समस्याएं
वजन बढ़ना
कोई डॉक्टर से मिलकर पता लगा सकता है कि उन्हें PCOS है, लेकिन कई ऐसी भी चीजें हैं, जिनके बारे में कोई भी आपको नहीं बताता है. इस ज्ञान और जागरुकता की कमी की वजह से, लोग इस तकलीफ को महसूस किए बिना ऐसी कई चीजें कहने लगते हैं, जो काफी कड़वी और मन को ठेस पहुंचाने वाली होती हैं.
उदाहरण के लिए, हार्मोनल डिसऑर्डर के कारण बाहरी किनारों पर छोटे-छोटे सिस्ट के साथ सूजी हुई ओवरी अनियमित पीरियड्स की वजह होती है, जब इसे इस तरीके से बताया जाए तो क्या ये सुविधाजनक लगती है?
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) सिर्फ पीरियड से जुड़ी समस्या नहीं है. अनियमित पीरियड्स इसके तमाम लक्षणों में से सिर्फ एक लक्षण है. देखिए ये वीडियो.
PCOS का मतलब ये नहीं है कि इसके कारण महिला गर्भवती नहीं हो सकती.
सेक्सुअल इंटरकोर्स के समय प्रोटेक्शन लेना जरूरी है. इसका PCOS के होने, न होने से कोई संबंध नहीं.
PCOS के साथ टेस्टोस्टेरोन के बढ़े लेवल के कारण, महिलाओं में बालों के झड़ने, शरीर और चेहरे के बालों की असामान्य बढ़त, साथ ही बाल पतले हो सकते हैं.
बहुत से लोग बॉडी शेमिंग को एक तरह का हक समझते हैं. शायद ही कभी वे समझते हैं कि ये कितना हानिकारक हो सकता है. PCOS से जूझ रही कुछ महिलाओं में इंसुलिन रेसिस्टेंस भी होता है, जो तब होता है जब शरीर को रक्तप्रवाह से ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करने में कठिनाई होती है. इंसुलिन प्रतिरोध अक्सर मोटापे के लिए एक बड़ा कारक होता है.
इंसान का मन और शरीर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसलिए, मन का शरीर पर और शरीर का मन पर प्रभाव होता है. PCOS से जूझ रही महिलाओं को मूड स्विंग या भावनात्मक अस्थिरता का अनुभव हो सकता है, जो डिप्रेशन के लक्षणों में से एक भी हो सकता है. इसका बायोलॉजिकल के साथ-साथ साइकोलॉजिकल प्रभाव भी हो सकता है.
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