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PCOS: लाइफस्टाइल भी है इस सिंड्रोम का जिम्मेदार, ये बदलाव कर सकते हैं चमत्कार

PCOS Awareness Month में लाइफस्टाइल बदलावों से PCOS को दूर भागने पर डॉक्टर की सलाह

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PCOS Awareness Month: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जिसे बोलचाल की भाषा में हम PCOS कहते हैं, काफी गंभीर किस्‍म की समस्‍या है, ऐसा होने से शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है, जो महिलाओं में प्रजनन संबंधी परेशानियां बढ़ा सकता है.

आजकल अधिकतर महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं में ओवरी अपरिपक्व अंडे (immature egg) या आंशिक रूप से परिपक्व (mature) अंडे का उत्पादन करते हैं, जो समय के साथ सिस्ट (cyst) बन जाते हैं.

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डॉक्टरों की मानें तो लाइफस्टाइल से जुड़ी कई बुरी आदतें भी हार्मोन्स और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) को प्रभावित कर सकती हैं. जीवन में ऐक्टिविटी की कमी और खराब खानपान का तरीका शरीर में हार्मोनल बैलेन्स को बिगाड़ सकता है. जिसके कारण कई समस्याएं पैदा हो जाती है.

आइए जानते हैं नॉएडा, फोर्टिस हॉस्पिटल में महिला एवं प्रसूति विभाग की डायरेक्टर एंड हेड, डॉ अंजना सिंह से पीसीओएस (PCOS) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.

क्या हैं PCOS के लक्षण?

"PCOS काफी गंभीर किस्‍म की समस्‍या है, ऐसा होने से महिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है, जो उसमें प्रजनन संबंधी परेशानियां बढ़ा सकता है."
डॉ अंजना सिंह, डायरेक्टर एंड हेड - महिला एवं प्रसूति विभाग, फोर्टिस हॉस्पिटल, नॉएडा
  • वजन का बढ़ना

  • मासिक धर्म (पीरियड) अनियमित होना : दो मासिक चक्रों के बीच 45 दिनों से अधिक अंतर होना

  • चेहरे तथा शरीर के अन्य भागों पर बालों का उगना जो कि पुरुष हार्मोन बढ़ने की वजह से होता है

  • चेहरे पर मुंहासे बढ़ना

  • पेल्विक में दर्द – अंडाशय (ओवरी) के आकार में वृद्धि होने से पेट के निचले भाग में दर्द हो सकता है

  • डायबिटीज

  • PCOS की वजह से कई बार बांझपन की शिकायत हो सकती है

  • शरीर में पुरुष हार्मोनों की मात्रा बढ़ने की वजह से गर्भपात भी हो सकता है

PCOS के लक्षण दिखने पर क्या करें?

PCOS के लक्षण दिखायी देते ही तत्‍काल अपने डॉक्‍टर से संपर्क करें और तुरंत अपने लाइफस्‍टाइल में भी बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दें. यह समस्‍या आमतौर से 15 वर्ष से 45 वर्ष के बीच के आयुवर्ग की लड़की/महिला में ज्‍यादा देखने को मिलती है.

हर 10 में से एक युवती को PCOS हो सकता है. यदि मां PCOS से ग्रस्‍त रही है, तो उनकी बेटियों में इसकी संभावना 10% होती है. साथ ही, अगर आपकी बड़ी बहन को यह रोग है, तो आपके प्रभावित होने की आशंका 50% होती है. जब भी आपको अनियमित पीरियड्स या मासिक चक्र जैसी समस्‍या दिखायी दे और साल में 7 से 8 बार ऐसा हो तो तुरंत अपने डॉक्‍टर से मिलें.

अपना बचाव किस प्रकार करें

फिट हिंदी से डॉ अंजना ने कहा कि PCOS से बचने के लिए सबसे जरूरी है अपने लाइफस्‍टाइल को बदलना. इसके अलावा इन बातों पर भी ध्यान देना चाहिए:

  • नियमित रूप से व्‍यायाम करें

  • योग करें ताकि ओवरी में ब्लड फ़्लो ठीक प्रकार से हो सके

  • अपने आहार में फाइबर शामिल करें – कम से कम 25 से 30 ग्राम

  • कार्बोहाइ्रेट की मात्रा बढ़ाएं – खासतौर पर ऐसे कार्ब जो शरीर में शुगर रश बढ़ाते हैं. जैसे कि बिस्किट या कोई दूसरी बेकरी उत्‍पाद तथा कॉम्‍प्‍लैक्‍स कार्ब भी बढ़ाएं. जिनमें ओट्स, रागी और दलिया शामिल हैं

  • फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करें

  • प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं. बीजों और मेवों का सेवन बढ़ाएं जैसे चिया सीड्स, कद्दू के बीज

  • प्रोसेस्ड फूड से बचें

  • अपने जीवन में तनाव (stress) को कम करें. दिमाग को तनावपूर्ण होने से बचाएं क्योंकि इसकी वजह से भी पुरुष हार्मोन बढ़ते हैं

लाइफस्‍टाइल से जुड़ा PCOS

लाइफस्‍टाइल में बदलाव है जरूरी – PCOS का पूरी तरह से इलाज नहीं किया जा सकता. यह समस्या जीवन में दोबारा कभी भी हो सकती है. यदि आप चाहते हैं कि इस समस्या के इलाज के लिए आपको बार-बार डॉक्‍टर के पास नहीं जाना पड़े तो, अपनी लाइफस्टाइल बदलें और अपनी हर रोज की रूटीन लाइफ में बदलाव करें.

ऐसा करने से हार्मोनल असंतुलन को कम करने में मदद मिलेगी. साथ ही, आपके पीरियड्स भी नियमित होंगे. इसके अलावा, व्‍यवहार में बदलाव और स्ट्रेस मैनेज करने के स्‍तर पर भी काम करना जरूरी है ताकि आपके जीवन की गुणवत्ता बेहतर बने.

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