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JN.1 COVID Cases In India: 'घबराएं नहीं, बल्कि सतर्क रहें'-डॉक्टरों की सलाह

'अब समय आ गया है कि हम कोविड का इलाज फ्लू की तरह करना शुरू करें.' डॉक्टरों ने हो रहे कोविड मामलों में ​​​​वृद्धि को डिकोड किया.

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JN.1 COVID Cases: दुनिया भर में मामलों में बढ़ोतरी के कारण अपने नए सब-वेरिएंट JN.1 के साथ COVID-19 फिर से सुर्खियों में आ गया है. कोविड मैनडेट्स को बहाल करने की मांग के बीच ट्रैवल रेस्ट्रिक्शन के साथ-साथ एक और लहर की अटकलें भी लगाई जा रही हैं.

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारत के कुछ हिस्सों (और यहां तक ​​कि दुनिया) में एक बार फिर से कोविड मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.

वैज्ञानिकों के अनुसार, JN.1 के स्पाइक प्रोटीन में एक म्युटेशन है, जो इसे पहले से पहचाने गए ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक बनाता है.

हालांकि, क्या स्थिति वास्तव में उतनी ही खराब है, जितनी बताई जा रही है? फिट ने केरल और दिल्ली-एनसीआर में डॉक्टरों से बात की ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे अपनी ओपीडी में क्या देख रहे हैं.

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कोविड वार्ड के अंदर: डॉक्टर क्या कह रहे हैं?

फिट से बात करते हुए, केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित इन्फेक्शियस डिजीज एक्सपर्ट डॉ. मुहम्मद नियास कहते हैं, "हम नवंबर से ही COVID ​​​​मामलों में वृद्धि देख रहे हैं," उन्होंने आगे कहा, "सभी नहीं पर अधिकतर मामले हल्के हैं. "

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राज्य ने बुधवार, 20 दिसंबर को 292 नए संक्रमणों की सूचना दी, जिससे केरल में ऐक्टिव COVID ​​​​-19 मामले 2,000 से अधिक हो गए.

21 दिसंबर तक, भारत में कुल 2,669 ऐक्टिव कोविड ​​​​मामले हैं और उनमें से 88% केरल में हैं.

एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोविड ​​​​संख्या में असमानता का एक कारण दूसरे राज्यों की तुलना में केरल में कोविड ​​​​मामलों का अधिक टेस्टिंग और रिपोर्टिंग हो सकता है.

डॉ. नियास कहते हैं, "उनमें से कई का टेस्ट तब किया जाता है जब मरीज दूसरी बीमारियों के लिए भर्ती होते हैं और उनमें सांस संबंधी हल्के लक्षण होते हैं."

डॉ. दीपक प्रजापत, सीनियर कंसल्टेंट- पल्मोनोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर, मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा ने फिट को बताया कि दिल्ली-एनसीआर में भी मामलों में वृद्धि हुई है.

"हां, हम अभी COVID ​​​​मामलों में थोड़ी वृद्धि देख रहे हैं, लेकिन हम हर मामले में स्ट्रेन के बारे में निश्चित नहीं हो सकते क्योंकि टेस्ट करने वाले लैब्स सीमित संख्या में हैं."
डॉ. दीपक प्रजापत

हालांकि, डॉ. प्रजापत और डॉ. नियास दोनों इस बात पर जोर देते हैं कि आने वाले अधिकतर मामलों में हल्की बीमारी होती है.

जहां तक ​​लक्षणों का सवाल है, वे कहते हैं, मुख्य रूप से ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं:

  • लो से मीडियम ग्रेड का बुखार

  • रेस्पिरेटरी लक्षण

  • सूखी खांसी

  • गले में इन्फेक्शन

  • दसल डिस्चार्ज

  • कुछ लोगों में डायरिया, पेट में दर्द और चक्कर आना जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण होते हैं

सभी लक्षण जो आम तौर पर ओमिक्रॉन और इसके सब-वेरिएंट से जुड़े होते हैं. डॉ. नियास कहते हैं, ''इसमें कोई चिंताजनक बात नहीं है.''

हालांकि, गुड़गांव के सी के बिड़ला हॉस्पिटल में क्रिटिकल केयर और पल्मोनोलॉजी के प्रमुख डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर ने फिट को बताया कि उन्होंने सीने में दर्द, पैनिक और एंजाइटी जैसे कुछ असामान्य लक्षण देखे हैं, जिन पर नजर रखनी चाहिए.

WHO ने 20 दिसंबर, बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि हालांकि इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में क्लासिफाई किया जा रहा है, "JN.1 से होने वाले एडिशनल पब्लिक हेल्थ रिस्क को वर्तमान में ग्लोबल लेवल पर कम माना जाता है."

19 दिसंबर को, प्रेस को संबोधित करते हुए, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य में COVID ​​​​मामलों में वृद्धि के बावजूद, यह घबराने की बात नहीं है क्योंकि राज्य अब वायरस से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार है.

कोविड बनाम फ्लू: और अधिक मामले आने की उम्मीद है

डॉ. नियास के अनुसार, "इस समय, हमें कोविड को फ्लू के रूप में देखना होगा. जैसे-जैसे मामले सामने आयेंगे, हमें उनसे वैसे ही डील करना होगा".

दूसरे एक्सपर्ट्स ने अतीत में इस विचार को दोहराया है. पिछले आर्टिकल के लिए फिट से बात करते हुए, वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने बताया था कि COVID-19 वायरस का रिप्लीकेट (replicate) करने का एक अजीब तरीका है.

उन्होंने कहा, "हमने इसे सामान्य सर्दी वाले कोरोना वायरस के साथ भी देखा है, हम इसे SARS-CoV-2 के साथ भी देख रहे हैं."

डॉ. नियास बताते हैं कि हालांकि पिछले कुछ हफ्तों में COVID ​​​​के मामले बढ़े हैं, "हमारे पास इन्फ्लूएंजा के मामलों की संख्या भी बराबर ही है. हम फ्लू के मामलों की रिपोर्ट उस तरह से नहीं करते हैं, जैसे हम COVID ​​​​के मामलों की करते हैं."

"कोविड का यह प्रकार अभी चल रहे फ्लू की तुलना में बहुत कम खतरनाक लगता है. कई फ्लू रोगियों, विशेष रूप से बुजुर्गों को निमोनिया और वेंटिलेशन की आवश्यकता हो रही है."
डॉ. मुहम्मद नियास

अंत में उन्होंने कहा कि वैक्सीन और पहले हो चुके इन्फेक्शन के कारण अब हम ऐसी स्थिति में हैं, जहां हम संक्रमित हो सकते हैं (कोविड से) लेकिन हम में से अधिकतर को हल्की बीमारी होगी.

उन्होंने आगे कहा, "वैसिनेशन और पहले हो चुका इन्फेक्शन अभी भी गंभीर बीमारी से बचा रहा है."

हालांकि, कुछ लोगों में गंभीर बीमारी विकसित हो सकती है और यह वेरिएंट और आपकी पहले से मौजूद हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करेगा. यह सच है चाहे आपको कोविड हो या फ्लू.

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'सतर्क रहें'

तो, इन सबका मतलब यह नहीं है कि रिलैक्स हो जाना ठीक है.

"हेल्दी एडल्ट्स में यह अधिकतर हल्का होता है. लेकिन रोगियों के उन समूहों में जहां कॉमोर्बिटिज होती हैं, जैसे दिल की बीमारी के मरीज, डायलिसिस पर रहने वाले रोगी या जिन्हें फेफड़ों की पुरानी बीमारी है, जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है, तो उन्हें थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है,'' डॉ. प्रजापत कहते हैं.

डॉ. ग्रोवर कहते हैं, "हालांकि शुरुआत में हल्के मामले सामने आ रहे थे, (इन रोगियों में) गंभीरता 2 से 6 दिनों के भीतर तेजी से बढ़ सकती है."

यही कारण है कि, स्वास्थ्य अधिकारी सतर्क रहने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपाय करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कथित तौर पर मंगलवार, 19 दिसंबर को राज्य के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों की एक बैठक की, जहां यह निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी अस्पतालों में मास्क अनिवार्य कर दिया जाएगा. अस्पतालों को COVID ​​​​रोगियों के लिए विशेष सुविधाएं तैयार करने और आइसोलेशन वार्डों को स्टैंडबाय पर तैयार रखने के लिए भी कहा गया है.

MoHFW ने राज्यों से जिला स्तर पर मामलों की वृद्धि की निगरानी करने और किसी भी तरह की परिस्थितियों के लिए तैयारी करने को भी कहा है.

जहां तक ​​आम जनता की बात है, लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने के लिए कहा गया है, खासकर अगर आपमें फ्लू जैसे लक्षण हों. बार-बार अपने हाथ साबुन से धोएं. फ्लू और कोविड-19 टीके लगवाने पर विचार करें, खासकर अगर आप असुरक्षित श्रेणी में आते हैं.

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