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Lumpy Virus का कहर देश के कई राज्यों पर, क्या है वजह एक्सपर्ट बता रहे हैं इलाज?

Lumpy Skin Disease एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मवेशियों को प्रभावित करता है.

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भारत के आठ राज्यों में लंपी त्वचा रोग तेजी से मवेशियों में फैल रहा है. इसकी वजह से जुलाई से अब तक हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है. लंपी वायरस का प्रकोप देश के कई राज्यों जिनमें शामिल हैं, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा और आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है. इन राज्यों में अब तक इस बीमारी से हजारों जानवरों की मौत हो चुकी है.

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राजस्थान में लंपी त्वचा रोग (Lumpy skin disease) ने कहर बरपा रखा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक राज्य में 54 हजार गौवंशों की मौत हो चुकी है. वहीं इसको लेकर अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है. जिसमें सीएम गहलोत ने लंपी बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है.

लंपी बीमारी के तेजी से फैलने से प्रदेश में दूध उत्पादन पर भी असर पड़ा है. राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पशुधन आजीविका का प्रमुख साधन होने के कारण हालात ज्यादा बिगड़ने की आशंका है.

क्या हमें लंपी स्किन डिजीज के बारे में चिंतित होना चाहिए? लंपी स्किन डिजीज कैसे होता है? यह कैसे फैलता है? और इस बीमारी से किसको खतरा है?

इस FAQ में एक्स्पर्ट्स द्वारा इन सवालों के जवाब दिए गए हैं.

इस बीमारी के प्रकोप से कई मवेशियों की मौत हो चुकी है और संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है.

लंपी स्किन डिजीज क्या है?

लंपी स्किन डिजीज एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मवेशियों को प्रभावित करता है. यह बीमारी पॉक्सविरिडे वायरस परिवार के नीथलिंग वायरस से होता है. यह वायरस मच्छरों, मक्खियों और टिक्स जैसे खून पीने वाले कीड़ों से फैलता है.

संक्रमित होने पर, गायों में त्वचा पर और उसके अंदर बढ़े हुए लिम्फ नोड्स और नोड्यूल देखे जाते हैं. संक्रमित मवेशियों में नाक बहना, बुखार और पैरों में सूजन भी देखा जाता है और बीमारी से उनकी त्वचा को स्थायी नुकसान भी हो सकता है.

यह उनके आर्थिक मूल्य को प्रभावित करता है और इन मवेशियों के मालिकों को भारी नुकसान पहुंचाता है.

"यह बीमारी कैप्रिपोक्सवायरस (Capripox virus) नामक वायरस से हो रही है, जो पॉक्स वायरस के परिवार, जिसमें कई प्रकार के वायरस होते हैं, से है. यह विशेष रूप से भारत में गायों को प्रभावित कर रहा है. OIE, वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ (जिसे पहले ऑफिस इंटरनेशनल डेस एपिज़ूटीज़ कहा जाता था) के अनुसार, मोरबिडिटी (यानी बीमारी से प्रभावित होने वाले जानवर) दर 20% है, और मृत्यु दर लगभग 5% है."
डॉ सुधीर चौहान, गोल्फ कोर्स वेट्स, गुरुग्राम

लंपी स्किन डिजीज कैसे फैलता है?

लंपी स्किन डिजीज उन कीड़ों से फैलता है, जो खून पीते हैं. इसमें मच्छर, टिक्स और त्से-त्से और हॉर्सफ्लाई जैसी कई प्रकार की मक्खियां भी शामिल हैं, जो ब्लड-फीडिंग पैरासाइटों को संचारित (transmit) करती हैं.

लंपी स्किन डिजीज अधिक तापमान और नमी में तेजी से और अधिक आसानी से फैलता है. पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि लंपी स्किन डिजीज का वर्तमान प्रकोप अफ्रीका में शुरू हुआ और पाकिस्तान के रास्ते भारत में फैल गया.

पाकिस्तान ने फरवरी 2022 में कराची में लंपी स्किन डिजीज के फैलने की सूचना दी.

"लंपी स्किन डिजीज के कारण गायों की त्वचा प्रभावित होती है, यह रिसने लगती है, जिससे बैक्टीरिया को प्रवेश करने का मौका मिल जाता है और इस कारण सेकेंडरी पैरासिटिक संक्रमण हो जाता है. गायों की त्वचा पर जब घाव आते है, तो मक्खियां आकर इनमें अपने अंडे दे देती हैं, जिनसे मैगट पैदा होते हैं और गाय के शरीर पर अल्सर हो जाते हैं. भारत में ऐसा बहुत हो रहा है और इसकी वजह से बड़ी संख्या में गायों की मौत हो रही है. अच्छी बात यह है कि अभी तक भैंसों पर इसका असर नहीं पड़ा है."
डॉ दीपशिखा सिंह, गोल्फ कोर्स वेट्स, गुरुग्राम

क्या मनुष्यों को लंपी स्किन डिजीज हो सकती हैं?

अध्ययनों में कहा गया है कि इस शताब्दी में 10,000 से अधिक जूनोटिक (zoonotic) वायरसों के, क्लाइमेट चेंज से बढ़ते तापमान के कारण, जानवरों से मनुष्यों में फैलने की संभावना है. लेकिन, लंपी स्किन डिजीज उनमें से एक नहीं है, और यह अब तक इंसानों के स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं है.

हालांकि, लंपी स्किन डिजीज से होने वाला आर्थिक नुकसान काफी गंभीर हो सकता है, संक्रमित गायों के त्वचा और स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान होता है, और बीमारी से उनकी मृत्यु भी हो सकती है.

क्षतिग्रस्त त्वचा के कारण गाय की खाल की कीमत काफी कम हो जाती है.

"देश में इस बीमारी से संबंधित मुख्य चिंता है, किसानों को होने वाली आर्थिक क्षति क्योंकि इस बीमारी से गायों का दूध उत्पादन कम हो जाता है, इनमें अबॉर्शन हो जाता है, इंफर्टिलिटी होती है और साथ ही जानवरों की खाल को भी नुकसान पहुंचता है, जिसके कारण उनका आर्थिक मूल्य कम हो जाता है."
डॉ दीपशिखा सिंह, गोल्फ कोर्स वेट्स, गुरुग्राम

क्या लंपी स्किन डिजीज को रोकने या उसका इलाज करने का कोई तरीका है?

टीकाकरण लंपी स्किन डिजीज को रोकने में मदद कर सकता है. लंपी स्किन डिजीज के प्रसार को सीमित करने का एक और तरीका संक्रमित मवेशियों को अलग करना है.

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