हमसे जुड़ें
ADVERTISEMENTREMOVE AD

Monkeypox In India| भारत में मंकीपॉक्स : क्या यह एक यौन संचारित रोग है?

अभी तक मीडिया रिपोर्टों ने इसे यौन संचारित रोग बताया है, लेकिन मंकीपॉक्स किसी को भी हो सकता है.

Published
फिट
3 min read
Monkeypox In India| भारत में मंकीपॉक्स : क्या यह एक यौन संचारित रोग है?
i
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

WHO ने शनिवार, 23 जुलाई को मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न (PHEIC) घोषित कर दिया.

मंकीपॉक्स, चेचक जैसे लक्षणों वाला एक वायरल संक्रमण, तेजी से फैल रहा है. पूरे विश्व में अब तक 65 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के 17,000 केस पाए गए है.

भारत में पहला मामला 14 जुलाई को केरल में सामने आया था और उसके बाद से अब तक 4 और मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

हालांकि मंकीपॉक्स कोई नया वायरस नहीं है और यह बीमारी वर्षों से है, वर्तमान प्रकोप का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसके अलावा, शुरुआती दिनों में जल्दबाजी में मीडिया कवरेज ने बीमारी और इसके फैलने के कारण के बारे में कुछ गलत सूचना प्रसारित की.

बताया जा रहा था कि मंकीपॉक्स एक एसटीडी है, जो ज्यादातर उन पुरुषों को प्रभावित करता है, जो दूसरे पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते है. यह सच नहीं है.

फिट हिंदी ने इस विषय पर विशेषज्ञ से बातचीत की.

क्या यह एक एसटीआई  (STD) है?

यूरोप, अमेरिका और यूके में फैले मंकीपॉक्स के मामलों की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया था कि अधिकांश रोगी पुरुष थे, जो दूसरे पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते थे, जिससे यह विचार आया कि यह असुरक्षित यौन संबंध से फैलने वाला एक एसटीडी है.

हालांकि, अभी तक इस बात के ठोस सबूत नहीं मिले हैं कि यह वायरस सीमेन, ​​मल या वैजिनल फ्लूइड में पाया जाता है. यूएस सीडीसी के मुताबिक, शोधकर्ता अभी भी इस पर काम कर रहे हैं.

लेकिन, चूंकि मंकीपॉक्स सीधे निकट संपर्क से फैलता है, सेक्स के दौरान संक्रमण का जोखिम अधिक होता है.

यह सेक्स तक ही सीमित नहीं है. कोई भी इससे संक्रमित हो सकता है.

स्वास्थ्य कर्मी जो संक्रमित रोगियों के संपर्क में आते हैं, संक्रमित रोगियों के घरों में रहने वाले जो उनके निकट संपर्क में हैं, सभी संक्रमित हो सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

यह कैसे फैलता है?

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का कहना है कि वायरस के ट्रांसमिशन का जोखिम 'कम है', और वह निकट संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है.

मंकीपॉक्स एक इंसान से दूसरे में ऐसे फैलता है:

  • एक सिंप्टोमेटिक रोगी के साथ त्वचा से त्वचा संपर्क से

  • उसके घावों या शारीरिक फ्लूइड के साथ संपर्क से

  • लंबे समय तक आमने-सामने संपर्क के समय सांस के साथ निकलने वाली बूंदों से

  • हाल ही में वायरस से दूषित वस्तुओं के साथ सीधा संपर्क से

फिट हिंदी से बात करते हुए, एपिडेमियोलॉजिस्ट और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, डॉ चंद्रकांत लहरिया कहते हैं कि मंकीपॉक्स कोविड–19 से अलग है, यह तब तक नहीं फैलता जब तक कि संक्रमित व्यक्ति में लक्षण न दिख रहे हों.

इसकी इनक्यूबेशन अवधि भी 6 -15 दिन की होती है, जो कोविड–19 से लंबी है.

रोकथाम

यूएस सीडीसी के अनुसार, चूंकि मंकीपॉक्स सीधे त्वचा के संपर्क से फैलता है, इसलिए क्लबों जैसी भीड़-भाड़ वाली छोटी जगहों में जोखिम अधिक होता है.

यदि आपको किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने का संदेह है, या संदेह है कि आपका कोई करीबी संक्रमित है, तो कपड़े, बिस्तर और तौलिये धो लेने चाहिए.

अपने हाथों को बार-बार धोएं और सामान्य स्वच्छता प्रथाओं को बनाए रखें.

यदि आप ऐसे लक्षण देखते हैं, जो मंकीपॉक्स के हो सकते हैं, तो वायरस को और फैलने से रोकने के लिए खुद को दूसरों से अलग कर लें. अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें और यदि संभव हो तो जांच कराएं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×