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Nutrition Diet: बच्चे से बुजुर्ग तक..कैसी हो आपकी डाइट?क्या खाएं-एक्सपर्ट की राय

सही न्यूट्रिशन हमारे शरीर और दिमाग के विकास के लिए बेहद जरूरी होता है.

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Nutritional Healthy Diet: हमारे शरीर और दिमाग के विकास के लिए सही न्यूट्रिशन बेहद जरूरी होता है. क्या हम और हमारे परिवार के सदस्य अपनी-अपनी उम्र के हिसाब से सही न्यूट्रिशन ले रहे हैं? ये सवाल शायद हम सब के मन में कई बार आता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ इस सवाल के जवाब की तलाश जोर-शोर से शुरू हो जाती है.

क्या उम्र के हिसाब से हमारी पोषण संबंधी जरूरतें बदलती हैं? अगर हां, तो बचपन से लेकर बुढ़ापे तक, अपने और अपनों के आहार में किस प्रकार के बदलाव लाने चाहिए? फिट हिंदी ने एक्सपर्ट से हर उम्र में कैसा होना चाहिए न्यूट्रिशन डाइट से जुड़ी जानकारी ली.

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सही न्यूट्रिशन शरीर में कारगर इम्यून सिस्टम बनाने में भी मददगार होता है. शरीर के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही न्यूट्रिशन की आवश्यकता होती है, इसलिए इसके महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता.

जन्म से लेकर किशोरावस्था की शुरुआत तक कैसा हो न्यूट्रिशन?

बच्चे के जन्म से ही सही न्यूट्रिशन के सेवन की आवश्यकता शुरू हो जाती है.

रुचिका जैन कहती हैं कि WHO बच्चे को जन्म से लेकर 6 महीने तक सिर्फ मां का ढूध देने की सिफारिश करता है. उसके बाद से बच्चा सेमी सॉलिड आहार के लिए तैयार होने लगता है. जब तक बच्चे को दांत न आ जाए तब तक उसे फल-सब्जी और दूसरे आहार उबालने के बाद मैश कर के देना चाहिए. केला, सेब, उबला आलू, अंडा, जूस जैसे सही न्यूट्रिशन से भरपूर आहार देना फायदेमंद है.

डेढ़ से 4 साल की उम्र

इस उम्र में बच्चों को हर दिन हेल्दी डाइट देनी चाहिए. उनकी डाइट में दलिया, घी-रोटी, मैश्ड चिकन (mashed chicken), अंडे, खिचड़ी, हरी सब्जियां, ताजे फल शामिल करने चाहिए.

5 साल से किशोरावस्था की शुरुआत तक

उनकी डाइट में गेंहू, ओट्स, रागी, हरी सब्जियां, फल, मीट, अंडे, बीन्स, नट्स होना जरूरी है. इसके अलावा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि उनकी डाइट में नमक, चीनी और सैच्युरेटेड फैट्स वाले आहार अधिक न हों. उनके लिए प्रोटीन का सेवन करना बेहद जरूरी है..

किशोरों/ टीनेजर्स का पोषण कैसा होना चाहिए

इस उम्र में युवाओं का आकर्षण जंक फूड की ओर होता है, लेकिन उससे परहेज करना चाहिए.
रुचिका जैन, चीफ क्लिनिकल डायटिशियन, फोर्टिस हॉस्पिटल

किशोरावस्था/ टीनेज ऐसी अवस्था है, जिसमें शरीर में काफी हार्मोनल बदलाव होते हैं इसलिए कुछ खास पोषक तत्व जैसे आयन, प्रोटीन, कैल्शियम की आवश्यकता अधिक होती है. शरीर में हार्मोनल बदलावों के कारण वजन बढ़ने की आशंका भी सबसे ज्यादा इसी उम्र में रहती है. इसलिए आहार में सही न्यूट्रिशन का सेवन और रेगुलर एक्सरसाइज दोनों ही महत्वपूर्ण हैं.

20 से 40 वर्ष की आयु के लोगों को क्या खाना चाहिए ?

संतुलित आहार हर आयु वर्ग के लिए महत्वपूर्ण होता है, सही मात्रा में सारे पोषक तत्वों का बहुत महत्व है.

इस उम्र के लोगों को खाने के जरिए इस तरह के न्यूट्रिशन की आवश्यकता होती है, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने और बीमारियों को रोकने पर जोर दें. इस उम्र के पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग न्यूट्रिशन संबंधी आवश्यकताएं होती हैं और महिलाओं को पुरुषों की तुलना में हमेशा आयरन की ज्यादा जरूरत होती है. 

खासकर इस उम्र वर्ग की महिलाओं में प्रेगनेंसी और लेक्टेशन का एक स्टेज होता है, जहां विभिन्न न्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता होती है. उन्हें अधिक प्रोटीन, फैटी एसिड, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है. 

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40 की उम्र के बाद शारीरिक ढलाव और महिलाओं में हार्मोनल बदलावों की शुरुआत हो सकती है.

इसलिए अपने वजन को सामान्य बनाए रखने के लिए हमेशा प्रयास करना, रेगुलर एक्सरसाइज करना, काम के चलते पैदा होने वाले तनाव को दूर रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी होता है. इस उम्र में वजन को नियंत्रित रखना जरूरी है.

व्यस्तता के चलते कई बार समय की कमी का सामना करना पड़ता है और ऐसे में बहुत बार न्यूट्रिशन को लेकर लापरवाही हो सकती है. लेकिन हमें इससे बचना चाहिए.

खाने/पीने में इन बातों का रखें ध्यान:

  • अधिक फाइबर

  • पर्याप्‍त मात्रा में प्रोटीन

  • फाइटोन्यूट्रिएंट्स

  • एंटीऑक्सीडेंट

  • सही मात्रा में पानी का सेवन

  • जंक फूड से दूरी

50 की उम्र में कैसा होना चाहिए न्‍यूट्रिशन ?

50 की उम्र में न्यूट्रिशन हमारी दिनचर्या के अनुरूप होना चाहिए. उम्र के साथ पाचन शक्ति घट जाती है. इसलिए ऐसा भोजन ग्रहण करें, जिसे आसानी से पचाया जा सके.

हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, इस उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इन बीमारियों को दूर रखने के लिए न्यूट्रिशन से भरपूर बैलेंस डाइट लेना चाहिए.

इस समय मूड स्विंग भी होते हैं. ऐसे में नट्स को अपने आहार में शामिल करें. इनमें एवोकाडो, बेरीज और हरी पत्तेदार सब्जियां ले सकते हैं.

भरपूर पानी पिएं ताकि कब्‍ज, एसिडिटी जैसी तकलीफों से बचा जा सके.

नमक और चीनी का सेवन भी घटाएं.

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60 वर्ष और अधिक उम्र के लोगों का न्‍यूट्रिशन कैसा होना चाहिए ?

60 की उम्र के बाद हमारे शरीर की ऊर्जा जरूरी घट जाती है, इसलिए इसे ध्यान में रखकर हल्का भोजन लें, जिसे पचाना आसान हो.

कुछ लोग बुढ़ापे में होने वाली परेशानियों के कारण खाना खाना कम कर देते हैं. खास कर प्रोटीन का सेवन कम हो जाता है. इससे मांसपेशियों को हानि हो सकती और प्रोटीन की कमी के कारण फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है. प्रोटीन के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी और कैल्शियम को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए.

सूप या सब्जी और दाल को एक साथ मिलाकर खा सकते हैं.

कैल्शियम के लिए रागी के आटे का इस्तेमाल अच्छा होगा.

इस उम्र में कमजोर दांत, कब्‍ज, एसिडिटी और गैस जैसी समस्या होना भी आम है. इसलिए हल्की फुल्की सैर करें, भोजन को कम-कम मात्रा में बांट लें और थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद खाएं.

रात का भोजन जल्दी करें.

गलत न्‍यूट्रिशन के क्या नुकसान हो सकते हैं ?

गलत न्‍यूट्रिशन से कई नुकसान होते हैं. सबसे प्रमुख मोटापा और जीवनशैली संबंधी कई विकार हैं, जिनमें डायबिटीज, हाई बीपी, दिल की बीमारियां, सीवीडी शामिल हैं.

इसके अलावा, अपर्याप्त पोषण की वजह से हमारा शरीर कई छोटी-बड़ी बीमारियों का घर बन जाता है. ब्लड की कमी से (एनीमिया), इम्युनिटी कमजोर होना, एनर्जी लेवल कम होना और कई पोषण संबंधी कमियां आम हैं.

इसलिए हमेशा सही न्यूट्रिशन से भरपूर और समुचित मात्रा में खाना खाएं. कम या अधिक पोषण लेना खतरे का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है.

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