Parvez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का 79 साल की उम्र में निधन (Parvez Musharraf Dies) हो गया है. मुशर्रफ का दुबई में एमाइलॉयडोसिस नाम की बीमारी के इलाज के दौरान निधन हुआ है. पिछले साल जून महीने में उनके परिवार वालों ने मुशर्रफ को एमाइलॉयडोसिस नाम की एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी होने की बात कही थी.
क्या है एमाइलॉयडोसिस? एमाइलॉयडोसिस के लक्षण और कारण क्या हैं? साथ ही क्या है इस गंभीर बीमारी का इलाज, जानते हैं इस आर्टिकल में.
क्या हैं एमाइलॉयडोसिस (Amyloidosis)?
एमाइलॉयडोसिस एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है, जिससे शरीर में प्रोटीन जमा होने लगता है. स्टडीज और रिसर्च के अनुसार, अमाइलॉइड प्रोटीन आमतौर पर सामान्य व्यक्तियों के शरीर में नहीं पाया जाता है. लेकिन इसे कई अलग-अलग तरह के प्रोटीन को मिला कर बनाया जा सकता है.
एमाइलॉयडोसिस की समस्या होने पर मरीज की किडनी, हार्ट, लिवर और शरीर के अन्य अंगों में अमाइलॉइड नाम का प्रोटीन बनने लगता है.
अमाइलॉइड असामान्य प्रोटीन है, यह आमतौर पर बोन मेरो में बनता है. इस प्रोटीन को किसी भी टिशूज या अंग में जमा किया जा सकता है. इस बीमारी में मरीज के शरीर का एक या एक से अधिक अंग काम करना बंद कर देते हैं, जिस वजह से रोगी का शरीर काम करना बंद कर देता है.
एमाइलॉयडोसिस बीमारी के लक्षण
एमाइलॉयडोसिस रोग के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह रोगी के कौन-कौन से अंग को प्रभावित कर चुका है. इस रोग में दिखने वाले लक्षण हर रोगी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं. एमाइलॉयडोसिस के कुछ लक्षण ये हैं:
शरीर में सूजन
थकान और कमजोरी रहना
हाथ-पैर में झुनझुनी और दर्द
घुटनों में दर्द होना
त्वचा के रंग में बदलाव होना
दिल के धड़कन का अनियमित होना
सांस फूलना और सांस लेने में तकलीफ होना
आंखों के आसपास बैंगनी रंग के धब्बे
हल्की सी चोट लगने पर ब्लीडिंग
एमाइलॉयडोसिस बीमारी के कारण
एमाइलॉयडोसिस रोग शरीर में एमाइलॉइड प्रोटीन के जमा होने के कारण शुरू होता है. यह प्रोटीन हमारे शरीर में पहले से मौजूद नहीं होता है. ये अलग-अलग प्रोटीन के मिलने पर बन सकता है.
ज्यादातर लोगों में एमाइलॉयडोसिस जेनेटिक कारणों की वजह से होता है.
वैसे कुछ लोगों में एमाइलॉयडोसिस का कारण लंबे समय तक डायलिसिस, सूजन से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं. एमाइलॉयडोसिस दुर्लभ और कम लोगों में देखी जाने वाली बीमारी है इसलिए इसके बारे में अभी भी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है. इस बीमारी को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक अभी भी रिसर्च कर रहे हैं.
एमाइलॉयडोसिस का इलाज
एमाइलॉयडोसिस बीमारी के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर मरीज की स्थिति के अनुसार जांच और फिर इलाज शुरू करते हैं. इस बीमारी में मरीज का इलाज उसके शरीर में बीमारी के प्रभाव के आधार पर होता है.
बीमारी की जांच के लिए शुरूआत में मरीज की इमेजिंग जांच की जाती है. कई प्रकार की जांच से गुजरने के बाद मरीज का इलाज शुरू किया जाता है.
इस बीमारी में मरीज की स्थिति बिगड़ने पर कीमोथेरेपी या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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