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अंगीठी का धुआं घातक हो सकता है, क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

एक्सपर्ट कहते हैं कि बंद जगहों में चीजें जलाने से पूरी तरह बचना चाहिए.

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ठंड से बचने के लिए लोग अंगीठी या लकड़ी जलाकर खुद को गर्म रखने की कोशिश करते हैं. ऐसा करना सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है. कुछ दिनों पहले गुरुग्राम, हरियाणा में बंद कमरे में अंगीठी जला कर सोने से दो लोगों की मौत होने की बात मीडिया रिपोर्ट्स में कही गई थी .

बंद जगह में अंगीठी जलाने से आपके शरीर में क्या होता है? रूम हीटर का उपयोग करते समय आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जानते हैं इस आर्टिकल में.

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बंद कमरे में अंगीठी जलाना क्यों खतरनाक है?

दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के प्रमुख, अतुल गर्ग ने कहा कि कैंपर या गैरेज जैसी बंद जगह या कम वेंटिलेशन वाली बालकनी में लकड़ी का कोयला जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग हो सकती है.

"जब आप एक बंद जगह में लकड़ी का कोयला जलाते हैं, तो यह कमरे के पूरे ऑक्सीजन का उपयोग कर लेता है. इससे कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा होता है. एक ऐसी चीज जिसका पता आप सूंघ कर नहीं लगा सकते लेकिन जो सांस के साथ अंदर लेने पर घातक होता है. इसलिए आपको बंद जगहों में चीजें जलाने से पूरी तरह बचना चाहिए. नहीं तो तीन घंटों के अंदर व्यक्ति अपनी जान खो सकता है."
अतुल गर्ग ने द क्विन्ट को बताया

रूम हीटर का इस्तेमाल करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

DFS चीफ गर्ग के मुताबिक, लोगों को इलेक्ट्रॉनिक रूम हीटर का इस्तेमाल करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए. हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • एक दरवाजा या एक खिड़की थोड़ी सी खुली रखें, इससे वेंटिलेशन बढ़ेगा.

  • कमरे में पानी की एक बाल्टी रखें, इससे कमरे में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ेगी.

"रूम हीटर सुरक्षित हैं, लेकिन बेहतर है कि सावधानी बरती जाए और उन्हें पूरी तरह से बंद जगह में इस्तेमाल न किया जाए. लेकिन बंद जगहों में अंगीठी का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए. यह घातक हो सकता है और इससे बचने का कोई तरीका नहीं है." उन्होंने कहा.

ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने पर शरीर में क्या होता है?

जब ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाती है, तो व्यक्ति को एस्फिक्सिया होता है.

"एस्फिक्सिया दिल, दिमाग और सभी महत्वपूर्ण अंगों सहित शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई को कम कर देता है. जब हृदय को कम रक्त की आपूर्ति होती है, तो यह अन्य टिशू को पर्याप्त ब्लड पंप करने में असमर्थ होता है. यही कारण है कि हृदय रुक जाता है, जिसे कार्डीऐक अरेस्ट कहते हैं. एस्फिक्सिया में कार्डीऐक अरेस्ट का यही कारण है,” मुंबई के पी डी हिंदुजा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. कायन सिओदिया ने कहा.

अगर आप किसी बंद स्थान में हों जहां अंगीठी जल रही हो तो आपको क्या करना चाहिए?

डॉ सिओदिया के मुताबिक, अगर आपको दम घुटने का खतरा है, तो तुरंत ये कदम उठाएं:

  • सबसे पहले, बाहर निकलने का रास्ता ढूंढने का प्रयास करें.

  • दूसरा, जब ऐसी घटना होती है, तो हम घबरा जाते हैं और जब घबराहट होती है, तो व्यक्ति की सांस, रेस्पिरेटरी रेट और हार्ट रेट तेजी से बढ़ जाती है.

  • यहां महत्वपूर्ण है कि हम शांत रहें ताकि उपलब्ध ऑक्सीजन का पूरी तरह से उपयोग कर सकें.

"आखिरकार, अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो एस्फिक्सिया से पीड़ित रोगियों को तुरंत चिकित्सा मिलनी जरूरी है क्योंकि इन रोगियों के पास समय कम होता है," डॉ सिओदिया कहते हैं.

यह कितना सामान्य है?

हालांकि राजधानी में यह बहुत आम नहीं है, जागरूकता की कमी के कारण उत्तर भारतीय गांवों में सर्दियों में ऐसी घटनाएं होती हैं, गर्ग ने द क्विंट को बताया. हो चुकी घटनाओं में शामिल हैं:

  • यूपी के फिरोजपुर जिले के हमदवाला उत्तर गांव में जनवरी 2021 को, एक परिवार के तीन सदस्यों, जिनमें बच्चे भी थे, की दम घुटने से मौत हो गई, क्योंकि वे एक बंद कमरे में खुद को गर्म रखने के लिए कोयले की अंगीठी जलाकर सो रहे थे.

  • दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के समालखा में दिसंबर 2020 में, एक 38 वर्षीय व्यक्ति और उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई क्योंकि वे कमरे में अंगीठी जला रहे थे.

  • दिसंबर 2019 में, दो बच्चों की दम घुटने से मौत हो गई थी और उनके परिवार के चार अन्य सदस्यों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, क्योंकि वे कोयले की अंगीठी जलाकर सोए थे.

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