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Vertigo: अगर सिर चक्कर खाए, तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं

समय पर वर्टिगो का इलाज न होने पर मरीज को कई बार गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

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क्या कभी आपको भी आसपास की चीजें घूमती हुई नजर आती हैं? बार-बार जी मिचलाना और उल्टी सा महसूस होता है? अगर हां तो हो सकता है आप वर्टिगो (Vertigo) बीमारी से पीड़ित हों. आम भाषा में वर्टिगो को चक्कर आना कहते हैं. कुछ डॉक्टर इसे बीमारी मानते हैं, तो कुछ इसे बीमारी का लक्षण कहना उचित समझते हैं. आसान भाषा में वर्टिगो का मतलब समझें, तो यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को भ्रमित महसूस होना, जी मिचलाना, दिल की धड़कन का बढ़ना, सिर चकराने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है.

वर्टिगो के कारण, हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और इसके आधार पर हर व्यक्ति में वर्टिगो के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं. अगर आपके साथ भी अक्सर ऐसा होता रहता है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करें. समय पर वर्टिगो का इलाज न होने पर मरीज को कई बार गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. चलिए जानें डॉक्टरों से वर्टिगो क्या है, उसके लक्षण, कारण, इलाज और बचाव के बारे में.

वर्टिगो किसे कहते हैं

समय पर वर्टिगो का इलाज न होने पर मरीज को कई बार गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

चक्कर आने का कारण वर्टिगो भी हो सकता है 

(फोटो:iStock)

“वर्टिगो या चक्कर आना एक ऐसी बीमारी है, जिसमें मरीज को सर या गर्दन घुमाते ही चक्कर आने लगता है या आसपास की चीजों के हिलने का एहसास होता है. कई बार ऐसा झटके से उठने या झुकने पर भी होता है” ये कहना है डॉ. प्रवीण गुप्ता का जो फ़ोर्टिस अस्पताल, गुरुग्राम में न्यूरोलॉजी के डायरेक्टर हैं.

डॉ. गुप्ता के अनुसार वर्टिगो अक्सर दिमाग के हिस्से यानि ब्रेन स्टेम और सेरिबैलम के सामान्य रूप से काम न करने की वजह से होता है या फिर कान के अंदरूनी हिस्से में एक ग्रंथि होती है, जिसे वेस्टिबुलर सिस्टम कहते है, की गड़बड़ी से.

मणिपाल हॉस्पिटल के ईएनटी (ENT) स्पेशलिस्ट डॉ. शशांक वशिष्ट कहते हैं कि, “वर्टिगो एक सेन्सेशन होता है, जिसमें व्यक्ति को खुद या आसपास की चीजों के घूमने का एहसास होता है. वर्टिगो बीमारी का लक्षण है, बीमारी नहीं. जब व्यक्ति में चक्कर के कारण खुद या आसपास की वस्तुओं के घूमने के एहसास के साथ-साथ उकाई (nausea) जैसे लक्षण हो, तो ये समस्या कान के अंदर होने वाले बैलेन्स ऑर्गन की वजह से होती है”.

“वर्टिगो में मरीज कन्फ़्यूज रहता है कि ये समस्या दिमाग की वजह से है, कान की वजह से है या किसी और वजह से है"
डॉ. शशांक वशिष्ट, कन्सल्टंट, ईएनटी, मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम
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वर्टिगो होने के कारण

समय पर वर्टिगो का इलाज न होने पर मरीज को कई बार गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

कान का इन्फेक्शन बनता है वर्टिगो का कारण 

(फोटो:iStock)

वर्टिगो के कारण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं. कई लोगों में शरीर में ब्लड की सप्लाई कम होने से वर्टिगो अटैक आ सकता है या यह समस्या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण भी हो सकती है. वहीं कुछ लोगों में इसके कारण अलग होते हैं.

  • बीपीपीवी (Benign paroxysmal positional vertigo)

  • कान के अंदर इन्फेक्शन

  • स्ट्रोक

  • ट्यूमर

  • स्ट्रेस

  • लो बीपी

  • मेनियार्स रोग

  • वेस्टीब्यूलर माइग्रेन के कारण

  • लेब्रिथीनाइटिस

  • कमजोरी के कारण

  • दवा के साइड इफेक्ट

कान की वजह से होने वाले वर्टिगो में सबसे आम है, पोजिशनल वर्टिगो. ये शरीर के पोजीशन में बदलाव पर, आने वाले चक्कर को कहते हैं. जैसे करवट बदलते, उठते-बैठते या झुकते समय आने वाले चक्कर.

वर्टिगो के लक्षण

समय पर वर्टिगो का इलाज न होने पर मरीज को कई बार गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

चक्कर आना प्रमुख लक्षण 

(फोटो:iStock)

हर व्यक्ति में वर्टिगो के लक्षण अलग-अलग होते हैं लेकिन वर्टिगो की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

  • चक्कर आना

  • आंखों के आगे अंधेरा छा जाना

  • उल्टी आना

  • कान में सीटी जैसी आवाज आना

  • बहुत ज्यादा पसीना आना

  • दिनभर कमजोरी का एहसास होना

  • तेज आवाज से सिरदर्द शुरु हो जाना

  • चलते वक्त बैलेंस न बना पाना

  • कम सुनाई देना

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वर्टिगो का इलाज 

समय पर वर्टिगो का इलाज न होने पर मरीज को कई बार गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

डॉक्टर की सलाह जरुर लें 

(फोटो:iStock)

वर्टिगो का इलाज अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग तरह से होता है. शुरुआत में ही मरीज चिकित्सक की सलाह लेता है, तो उसका इलाज दवाओं के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है.

  • दवाईयों से

  • वर्टिगो निर्धारित व्यायाम से

  • सर्जरी से

  • झटके में सर या गर्दन न हिलाएं

  • नमक कम खाएं

"लक्षणों को पहचान, समय पर डॉक्टर से सलाह लेने में समझदारी है. समय पर जाँच, इलाज और वर्टिगो निर्धारित व्यायाम से ये बीमारी ठीक हो जाती है"
डॉ. प्रवीण गुप्ता, डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी ,फ़ोर्टिस अस्पताल, गुरुग्राम

वर्टिगो से बचाव के उपाय

समय पर वर्टिगो का इलाज न होने पर मरीज को कई बार गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

ब्लड प्रेशर कम होने से आते चक्कर 

(फोटो:iStock)

वर्टिगो के लक्षणों का आभास होते ही डॉक्टर से सम्पर्क करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं.

  • सर और कान को चोट से बचाएं

  • नियमित रूप से व्यायाम करें

  • पौष्टिक आहार का सेवन करें

  • ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें

  • पर्याप्त नींद लें

  • चिंता से बचें

वर्टिगो अपने आप में चिंताजनक बीमारी नहीं है. इससे मरीज परेशान जरुर होते हैं, पर ज़्यादातर मामलों में यह जानलेवा बीमारी नहीं है. बस जरुरी है समय पर लक्षणों को पहचानना और डॉक्टर से संपर्क करना.

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