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World Breastfeeding Week: वर्किंग नई मां के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स

World breastfeeding week पर जानें कामकाजी नई मां कैसे रखे अपने ढूध पीते बच्चे का ध्यान.

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World Breastfeeding Week: हर साल अगस्त का पहला हफ्ता यानी कि 1 से 7 अगस्त को दुनिया भर में ब्रेस्टफीडिंग वीक/विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है.

ब्रेस्टफीडिंग नवजात शिशु के लिए सबसे अच्छे आहारों में से एक है. WHO महिलाओं को 6 महीने तक शिशुओं को ब्रेस्ट फीड करने की सलाह देता है. दुनिया में नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान के बराबर कोई भी ऐसा आहार नहीं है, जो सही गुणवत्ता, मात्रा और सही तापमान पर उपलब्ध रहता हो.

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स्तनपान मां को प्रतिदिन 240 कैलोरी कम करने में मदद करता है. यह ब्रेस्ट कैंसर/सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद करता है. बच्चे में संक्रमण, मोटापे और आम तौर पर अच्छे पोषण में भी सहायक होता है.

लेकिन तब क्या होगा जब नई मां को मेटरनिटी छुट्टियों के बाद वापस काम पर लौटना पड़ेगा? तब वह कैसे सुनिश्चित करेंगी कि बच्चे को स्तन का दूध मिले? बच्चे का विकास सही तरीके से हो?

आज हम कामकाजी महिलाओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े लैक्टेशन कंसल्टेंट एक्स्पर्ट्स के टिप्स ले कर आएं हैं.

मेटरनिटी छुट्टियां खत्म होने के बाद हर कामकाजी मां, ऑफिस जाने और बच्चे को घर पर छोड़ने की समस्या का सामना करती हैं.

ऐसे कई तरीके हैं, जिससे लैक्टेशन कंसल्टेंट कामकाजी मां की मदद कर सकते हैं और जितना संभव हो सके उतना समय उन्हें अपने बच्चों के साथ रहने के आसान उपाय सुझा सकते हैं.

ब्रेस्टफीड कराती वर्किंग मां को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

"प्रमुख चुनौतियां यह हैं कि बच्चा मां के बिना नहीं रह पता है. मां को नहाने, सोने और रिलैक्स हो कर खाने जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी समय निकालना कठिन रहता है. ऐसे में मां के ऑफिस चले जाने पर रिश्तेदारों या हेल्पर के लिए बच्चे को संभालना मुश्किल हो जाता है. दूसरी अगली चुनौती है, बच्चे का चम्मच से दूध नहीं पीना."
डॉ प्रिया सिंह, महिला स्वास्थ्य फिजियोथेरेपिस्ट और लैक्टेशन कंसल्टेंट, क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई

वहीं पुणे के क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की लैक्टेशन कंसल्टेंट, अमृता देसाई फिट हिंदी को बताती हैं, "ज्यादातर माताएं जब अपने काम पर वापस जाती हैं, तो अक्सर स्तनपान (breastfeeding) अचानक बंद कर देती हैं, क्योंकि वे काम करने और स्तनपान कराने के तरीकों से अनजान होती हैं. स्तनपान कराने वाली माताओं को उन सुविधाओं के बारे में जानने के लिए अपनी कंपनियों के एचआर विभाग से बात करने की आवश्यकता है, जो फ्लेक्सी-आवर्स, डब्ल्यूएफएच (WFH) या काम पर पंपिंग ब्रेक के साथ बच्चे के लिए क्रेच या डे केयर जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा सकते हैं".

काम के साथ-साथ ब्रेस्ट-फीडिंग के आसान तरीके

काम के शुरूआत में फ्लेक्सिबल टाइमिंग, डब्ल्यूएफआई (WFH) चुनने की कोशिश करें. काम पर वापस जाते ही फुलटाइम वर्क शुरू नहीं करें. आधे दिन से काम करना शुरू करें और धीरे-धीरे पूरे दिन तक बढ़ाएं. ऑफिस आने-जाने के समय को भी ध्यान में रखें.
अमृता देसाई, लैक्टेशन कंसल्टेंट

डॉ प्रिया सिंह के बताए कुछ आसान तरीके, जो आपकी मदद करेंगे :

  • बच्चे के जन्म के कुछ हफ्तों बाद से ही उसे परिवार के अन्य सदस्यों से परिचित कराएं. जब-तक आपके काम पर वापस जाने का समय नजदीक आएगा तब-तक बच्चा उनसे थोड़ा घुलमिल चुका होगा और वो भी बच्चे की जरूरतों को समझ चुके होंगे.

  • ऑफिस जाने के 1-2 महीने पहले से एक्सप्रेस (express) किया हुआ ढूध शिशु को कटोरी-चम्मच या पलाडा की सहायता से कभी-कभार पिला सकते हैं.

नई मां के लिए काम पर वापस जाने का सही समय   

ऐसे तो हर किसी की जरुरत और हालात अलग होते हैं पर, अगर हम एक स्टैंडर्ड काम पर वापस जाने के समय की बात करें तो, हमारे एक्स्पर्ट्स के अनुसार मां को पहले 6 महीनों तक विशेष रूप से ब्रेस्ट्डफीड कराना चाहिए. उसके बाद स्तनपान के साथ ठोस आहार देना एक उपयुक्त दिशा निर्देश है. क्योंकि 6 महीने के बाद आपके बच्चे का पोषण पूरी तरह से आपके स्तन के दूध पर निर्भर नहीं होता है. थोड़े-थोड़े ठोस आहार से भी बच्चे को फायदा पहुंचता है.

ब्रेस्ट्फीड कराने वाली मां, काम पर वापस जाने से पहले करें ये तैयारियां 

  • काम के घंटों पर विचार करें

  • आने-जाने के समय पर विचार करें

  • ब्रेस्टमिल्क पंप करने का तरीका जानें

  • ब्रेस्टमिल्क को स्टोर करने का तरीका समझें

  • अगर ऑफिस घर के नजदीक है, तो घर पर बच्चे को स्तनपान कराने के लिए ब्रेक लेने पर विचार करें

  • ऑफिस में डे केयर की सुविधा का पता करें

  • पम्पिंग में आसानी के लिए एक अच्छा डबल इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप का उपयोग करें

  • प्रोफेशनल्स की मदद लेने पर विचार करें

  • पौष्टिक और ठोस भोजन की तैयारी के बारे में सीखें

  • बच्चे के 6 महीने के होने पर पौष्टिक और ठोस भोजन धीरे-धीरे थोड़ा-थोड़ा कर खिलाएं

  • दूध की बोतल को साफ और कीटाणुरहित रखने के तरीके जानें

इन बातों का रखें ध्यान

  • अपने बच्चे को कप से दूध पिलाना सिखाएं, न कि निप्पल वाली बोतल से. कप साफ होते हैं और इसमें बच्चे को चूसने की जरूरत नहीं होती.

  • बच्चे के लिए खाना उतना ही बनाएं, जितना वो एक बार में खा सके. खाना बाद के लिए नहीं रखें, एक बार बना हुआ खाना बार-बार थोड़ा-थोड़ा नहीं खिलाना चाहिए.

  • भूखे बच्चे को शांत करने के लिए किसी अन्य तरीके का उपयोग नहीं करें.

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बच्चे की देखभाल करने वालों को सीखाएं ये बातें 

अपने साथ-साथ बच्चे की देखभाल करने वाले को भी सब कुछ सीखने दें. जब आप खुद सीख रही हों तो, उस एक देखभाल करने वाले/रिश्तेदार को अपने पास रखें ताकि वो भी साथ ही साथ सीख लें.

  • बच्चे के दूध और खाने का पैटर्न

  • ठोस और पौष्टिक आहार तैयार करने का तरीका

  • बच्चे के मूड को समझना

  • शिशु के सोने और जागने का पैटर्न

  • बच्चे को नहलाने और क्लीन करने के तरीके

  • बच्चे की तबियत खराब लगने पर मां/परिवार के सदस्यों को तुरंत सूचना देना

वर्किंग नई मां के लिए टिप्स

  • अपने लिए समय जरुर निकालें.

  • अपने पति या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ चर्चा करें कि आपकी अनुपस्थिति में बच्चे की देखभाल कौन करेगा.

  • यदि संभव हो तो पति या पत्नी या देखभाल करने वाले को इस बारे में प्रशिक्षित करने का प्रयास करें कि स्टोर्ड मिल्क को कैसे संभाला जाए और बच्चे को कैसे पिलाया जाए. यह प्रशिक्षण ऑफिस वापस शुरू होने से पहले करना सही है.

  • ब्रेस्टफीडिंग पर ऑफिस मैनेजमेंट से सुविधाएं देनी की बात करें.

  • अपनी जरूरतों के हिसाब से बेस्ट ब्रेस्ट पंप चुनने के बारे में लैक्टेशन कंसल्टेंट से चर्चा करें, बस ट्रेंड के साथ न जाएं.

  • अगर मां का अपना वर्क्स स्पेस है, तो एक नैनी को काम पर रखना और बच्चे को काम पर ले जाना सबसे अच्छा विकल्प है.

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