उन्होंने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह घर तो उनके लिए मंदिर था, अब उनके मंदिर से उनके कथित देवता की तस्वीर फेंक दी गई, लेकिन उसी सरकार में अब तक मंत्री बने हैं।
दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, बंगला खाली करने का हमें कोई दुख नहीं है, लेकिन जिस तरीके से ये घर हमसे छीना गया, उसका दुख है।
उन्होंने कहा कि हम घर खाली करने के लिए तैयार थे, उसके बावजूद इस तरह से बेइज्जत करने की साजिश क्यों रची गई? एक साल पहले मेरे पिता रामविलास पासवान को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया और आज उनकी तस्वीर फेंकी गई।
पासवान ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को भी घेरते हुए कहा कि जिन्होंने उन्हें पहचान दी, उन्हें और उनके परिवार को बेइज्जत किया जा रहा था और वह कुर्सी के कारण चुप्पी साधे रहे। आज यह बात तो सबको पता चल गई।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर यह सब हो रहा है, लेकिन मुझे जितना प्रताड़ित किया जाएगा मेरा मनोबल उतना ज्यादा बढ़ेगा। मैं शेर का बेटा हूं, डरने वाला नहीं हूं।
--आईएएनएस
एमएनपी/एएनएम
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