सोमवार को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने कुख्यात निठारी कांड के एक मामले में दोषी पाए गए सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को फांसी की सजा सुनाई है. मामला पिंकी सरकार नाम की एक 20 साल की लड़की के रेप और हत्या का है. कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है.
पिंकी घरेलू नौकर के रूप में काम करती थी. 5 अक्टूबर 2006 को वो नोएडा सेक्टर 30 से काम के बाद घर लौट रही थी. इसी दौरान वो गायब हो गई. बाद में उसका कंकाल पंढेर के घर से बरामद किया गया था. डीएनए मैचिंग के जरिए पिंकी की पहचान हो सकी थी.
मोनिंदर पंढेर कारोबारी था. सुरेंद्र कोली उसके यहां घरेलू नौकर के तौर पर काम करता था.
सीबीआई के स्पेशल जज पवन तिवारी ने शनिवार को कोली को हत्या, अपहरण, रेप और सबूत मिटाने का अपराधी पाया.
16 मामलों में चले हैं केस
निठारी कांड में कुल 16 मामलों में केस दर्ज किए गए थे. इनमें से सिर्फ 5 में पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली, दोनों को आरोपी बनाया गया है, बाकी मामलों में सिर्फ कोली ही आरोपी है.
अभी तक आठ मामलों की सुनवाई हो चुकी है. इनमें मुख्य आरोपी कोली को सभी में मौत की सजा सुनाई गई है. कोली अभी भी जेल में बंद है. आखिरी बार ‘नंदा देवी केस’ में कोली को मौत की सजा हुई थी.
मोनिंदर पंढेर की 2006 में गिरफ्तारी हुई थी. फरवरी 2009 में एक केस में उसे कोली के साथ मौत की सजा दी गई. लेकिन 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंढेर की सजा खत्म कर दी और उसे बेल भी दे दी. हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली की सजा बरकरार रखी थी.
निठारी कांड....
निठारी में 2005 से 2006 के बीच 19 महिलाओं और बच्चों की हत्याएं की गई थीं. सीबीआई के मुताबिक कोली पीड़तों को अपने मालिक पंढेर के घर में काम पर या किसी बहाने बुलाता था. बाद में उनका रेप कर हत्या कर देता था. फिर उनके शरीर के टुकड़े कर उन्हें बैग में भर पंढेर के घर के पिछवाड़े में फेंक देता था.
29 दिसंबर 2006 को पुलिस ने पंढ़ेर के घर छापेमारी में कुल 19 महिलाओं और बच्चों के कंकाल बरामद किए थे. निठारी हत्याकांड के सामने आने के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. कुल 19 हत्याओं में तीन में सबूतों की कमी के चलते केस नहीं चलाया गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)