लाभ के के पद के मामले में विधायकी गंवा चुके आम आदमी पार्टी के विधायकों की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन को तथ्यात्मक पहलुओं पर विस्तार से हलफनामा पेश करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.
इससे पहले सोमवार को हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मामला डिवीजन बेंच को ट्रांसफर कर दिया था.
फैसला आने तक चुनावी नोटिफिकेशन पर रोक
हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों के मामले को डिवीजन बेंच को ट्रांसफर तो कर ही दिया है साथ ही चुनाव आयोग को अंतरिम आदेश भी दिया है कि वह दिल्ली में उप चुनाव की तारीखें न घोषित करे.
पिछले बुधवार को आप विधायक अपनी सदस्यता खत्म किए जाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गए थे, लेकिन अदालत ने किसी तरह का अंतरिम फैसला देने से इनकार कर दिया था. हालांकि उस वक्त हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा था कि अगली सुनवाई तक वह दिल्ली में उप चुनाव की तारीखों का ऐलान न करे.
चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति की मुहर
पिछले सप्ताह विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किए जाने के मामले को लेकर चुनाव आयोग की सिफारिश में कहा गया था उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाए. सिफारिश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी गई थी जिसे दो दिन बाद उन्होंने मंजूरी दे दी थी.
इसके बाद आम आदमी पार्टी के पांच विधायकों ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी. विधायकों ने कहा था कि उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश जल्दबाजी में की गई है. चुनाव आयोग ने विधायकों को सुनवाई का पूरा मौका नहीं दिया है. विधायकों का कहना था उन्हें संसदीय सचिव का पद दिया गया था लेकिन उन्होंने इससे जुड़ा कोई लाभ नहीं लिया है.
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