टोरंटो, 24 दिसंबर (भाषा) हिंद महासागर के मध्य में जलस्तर पिछली दो सदियों में तकरीबन एक मीटर तक बढ़ गया है। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
‘नेचर जियोसाइंस’ पत्रिका में प्रकाशित शोध में पूर्व में रहे समुद्र जलस्तरों के बारे में नये ब्योरे दिए गए हैं।
कनाडा की सिमोन फ्रेजर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल केंच ने कहा, “हम जानते हैं कि मूंगा के कुछ प्रकार पूर्व के समुद्र स्तर का रिकॉर्ड रखने में महत्त्वपूर्ण होते हैं।”
केंच ने कहा, “इन मूंगों की उम्र एवं गहराई को माप कर, हम पहचान कर रहे हैं कि कई सौ साल पहले ऐसा समय था जब हिंद महासागर के कुछ हिस्सों में समुद्र स्तर हमारी सोच से उलट काफी नीचे था।”
पिछली दो सदियों में समुद्र स्तर की पुनर्रचना औद्योगिक क्रांति से पूर्व के संदर्भ उपलब्ध कराती है ताकि यह आंका जा सके कि इस वक्त समुद्री जलस्तर में हुए परिवर्तन की दर और तीव्रता अभूतपूर्व है या नहीं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि समुद्र जलस्तर इतिहास में कैसे रहे हैं और उनके बढ़ने पर क्या होता है यह समझ आने से यह जानने में मदद मिलेगी कि समुद्र के भीतर मौजूद पारिस्थितिकी तंत्र और द्वीप भविष्य में समुद्र जलस्तरों में बदलाव के प्रति कैसे व्यवहार करते हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि 2017 से अब तक जारी यह अध्ययन क्षेत्र में तटीय शहरों एवं समुदायों को होने वाले गंभीर खतरों को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि अगर जलस्तर परिवर्तन की यह दर अगली सदी में भी बरकरार रहती है तो हिंद महासागर में जलस्तर अब तक के दर्ज इतिहास में उच्चतम स्तर तक बढ़ जाएगा।
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