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माहवारी स्वच्छता के लिए 2 रुपये में सेनेटरी नैपकिन

माहवारी स्वच्छता के लिए 2 रुपये में सेनेटरी नैपकिन

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नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| पिछड़े वर्ग एवं जनजाति की महिलाओं के निजी स्वास्थ्य एवं माहवारी स्वच्छता के लिए एक अभियान 'दस्तक' शुरू किया गया है जिसके तहत मात्र दो रुपये में सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराई जा रही है।

यह नैपकिन रेलवे स्टेशनों एवं ट्रेनों में भी उपलब्ध कराई जा रही है। जूना अखाड़ा के महंत मठाधीश रमन गिरी महाराज एवं उत्कृष्ट उत्थान सेवा मंडल की अध्यक्ष रचना बाजपेई ने देश के पिछड़े समाज, जनजाति और महिलाओं के लिए एक विशेष धर्म सभा का आयोजन किया जिसमें मानव उत्थान एवं देश के विभिन्न हिस्सों में बसी जनजाति के उत्थान की नीतियों और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के निजी स्वास्थ्य संबंधित नीतियों पर मंथन किया गया।

सात दिनों तक चली धर्म सभा के रविवार को समापन अवसर पर रचना बाजपेई ने कहा कि भीषण गर्मी से परेशान जनजाति के लोगों को छाते दिए गए और पिछड़े वर्ग एवं जनजाति की महिलाओं के निजी स्वास्थ्य और मासिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सेनेटरी नैपकिन का वितरण किया गया।

रचना बाजपेई ने कहा कि धर्म सभा के मंच के जरिए महिलाओं और जनजाति के हितों पर अकसर चर्चा होती है। इस चर्चा से धर्म सभा इस नतीजों पर पहुंची है कि आज जनजाति और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए निजी स्वास्थ्य और मासिक जरूरतों को पूरा करना बड़ी चुनौती बन गया है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए धर्म सभा के माध्यम से देशभर में जरूरतमंद महिलाओं तक सस्ते सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने की मुहिम को दस्तक दी है, इस दस्तक को महिलाओं की आजादी की ओर ले जाने का लक्ष्य तैयार किया गया है। लिहाजा इन सेनेटरी नैपकिन को 'दस्तक' नाम दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इस मुहिम की अगुवाई रेलवे विमेन वेलफेयर सेंट्रल ऑगेर्नाइजेशन के बैनर तले की जा रही है। खास है कि जहां बाजार में सेनेटरी नैपकिन की औसतन कीमत 5-9 रुपये होती है वहीं रेलवे विमेन फेलफेयर सेंट्रल ऑगेर्नाइजेशन जरूरतमंद महिलाओं तक मात्र 2 रुपये में सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करा रही है। रेल में सफर करने वाली महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन और रेल में भी सस्ते सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराई जा रही है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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