बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने ऊपर लग रहे पत्नी की जासूसी कराने के आरोपों पर भड़क गए. मीडिया में आ रही खबरों को नवाजुद्दीन ने बकवास बताया है. नवाजुद्दीन ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी सफाई दी है.
नवाजुद्दीन ने ट्विटर पर दो तस्वीरों के साथ एक पोस्ट किया है. इन तस्वीरों में वह अपनी बेटी के स्कूल प्रोजेक्ट तैयार करवाते हुए दिख रहे हैं. नवाजुद्दीन ने पोस्ट में अपने ऊपर लग रहे आरोंपो को खारिज किया है.
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने लिखा हैः “कल शाम, मैं स्कूल प्रोजेक्ट बनाने में अपनी बेटी की मदद कर रहा था. यह प्रोजेक्ट हाइड्रोइलक्ट्रिक पॉवर जनरेटर का था और आज सुबह ही प्रोजेक्ट एग्जिबिशन के लिए उसके स्कूल भी गया था. मैं इस बात से हैरान हूं कि मीडिया मुझे लेकर कुछ बेवजह के सवाल उठा रहा है.”
मीडिया में आईं थी पत्नी की जासूसी की खबरें
मीडिया में कुछ लोगों द्वारा प्राइवेट डिटेक्टिवों के जरिए दूसरे लोगों के फोन रिकॉर्ड्स हासिल करने की खबरें आईं थीं. इनमें नवाजुद्दीन पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक प्राइवेट डिटेक्टिव के जरिए अपने पत्नी के कॉल रिकॉर्ड खरीदे.
कॉल डेटा रिकॉर्ड केस के मामले में ठाणे पुलिस ने नवाजुद्दीन सिद्दिकी को समन भी भेजा था. लेकिन वह तय तारीख पर पेश नहीं हुए. अब पुलिस उन्हें दोबारा समन देने की तैयारी में है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले एक महीने में ठाणे क्राइम ब्रांच ने मामले में 11 प्राइवेट डिटेक्टिव को अरेस्ट किया है. इनमें देश की पहली महिला प्राइवेट डिटेक्टिव रजनी पंडित भी शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में ठाणे पुलिस पीआरओ सुखदा नरकार ने बताया,
हमने नवाजुद्दीन को इंवेस्टीगेशन टीम के सामने अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के लिए समन भेजा था. समन करीब एक हफ्ते पहले जारी किया गया था. नवाजुद्दीन ने 9 मार्च को पेश होने का वादा किया था. लेकिन वो नहीं पहुंचे.सुखदा नरकार, पीआरओ, ठाणे पुलिस
क्या है पूरा मामला?
ठाणे क्राइम ब्रांच के सीनियर इंस्पेक्टर नितिन ठाकरे के मुताबिक, पुलिस की जांच में सामने आया कि नवाजुद्दीन ने गैर कानूनी तरीके से एक प्राइवेट डिटेक्टिव के जरिए अपनी पत्नी के कॉल रिकॉर्ड्स हासिल किए.
जांच के लिए नवाज के वकील रिजवान सिद्दिकी को भी समन भेजा गया था. उन्होंने पुलिस के सामने अपना स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड करवा दिया है. पूरी घटना पर अभी तक नवाजुद्दीन की ओर से कोई स्टेटमेंट नहीं आया है. उनकी पीआर एजेंसी ने भी मामले पर कमेंट करने से मना कर दिया है.
इस साल 29 जनवरी को 4 प्राइवेट डिटेक्टिव को कई लोगों की गैरकानूनी कॉल रिकॉर्ड हासिल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि ये कई वीआईपी नंबर की डीटेल बेच रहे थे.
जांच में पूरा एक रैकेट सामने आया है. यह कई शहरों में फैला हुआ है. रैकेट में यवतमाल पुलिस के एक कांस्टेबल पर भी शामिल होने का आरोप है.
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