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भोपाल: UPSC की तैयारी कर रही 19 साल की लड़की से गैंगरेप

पीड़ित के मां-बाप पुलिस में हैं लेकिन तब भी 3 पुलिस स्टेशनों ने उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक 19 साल की लड़की से चार आरोपियों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. आरोप है कि लड़की को एक पुल के नीचे बांधकर दरिंदों ने कुकर्म किया. लड़की ने आरोप लगाया है कि वो चारों बारी-बारी से चाय और गुटखे के लिए ब्रेक लेने जाते थे और फिर लौटकर दोबारा उसका रेप करते रहे.

हैरान करने वाली बात ये है कि लड़की जब पुलिस में शिकायत करने पहुंची तो पुलिस उसे दिनभर घुमाती रही. वह भी तब जबकि पीड़िता के माता-पिता, दोनों ही पुलिस में हैं. पीड़ित के पिता सिक्योरिटी फोर्स में सब-इंस्पेक्टर हैं तो वहीं उनकी माता सीआईडी में हैं. तब भी पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं की गई. यहां तक कि एक पुलिस अफसर ने तो लड़की पर “फिल्मी स्टोरी बनाने” का आरोप लगाकर उसका मजाक उड़ाया

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उसके बाद लड़की ने बड़े ही नाटकीय ढंग से दो आरोपियों की पहचान की और तब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया. पुलिस ने गैंगरेप के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. एमपी नगर पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर आरएन टेकम को लापरवाही और शिकायत दर्ज न करने के अपराध में सस्पेंड कर दिया गया है.

जहां पीड़ित के साथ ये घटना हुई वो इलाका काफी चहल-पहल वाला है. पास में ही रेलवे ट्रैक है और गाड़ियां चलती रहती हैं. घटना वाली जगह से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर ही हबीबगंज स्टेशन है तो वहीं 50 मीटर की दूरी पर आरपीएफ पोस्ट है, जहां लड़की को बांधकर उसके साथ ये कुकर्म किया गया. घटनास्थल के पास से ही हजारों गाड़ियां गुजर रही थीं लेकिन कोई भी उसकी चीख नहीं सुन पाया.

कोचिंग से लौट रही थी पीड़िता

इंग्लिश अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पीड़ित लड़की अपने होमटाउन से रोज एक घंटे का सफर तय करके भोपाल में यूपीएससी की कोचिंग के लिए आती थी. मंगलवार की शाम को, जैसा कि एफआईआर में लिखा है पीड़ित अपनी कोचिंग क्लास खत्म करके छोटे रास्ते से ट्रैक पर पैदल चलते हुए हबीबगंज स्टेशन की ओर जा रही थी. शाम करीब 7 बजे गोलू बिहारी चधर नाम के एक व्यक्ति ने उसके हाथ को पकड़ लिया. उसके बाद लड़की ने उसे लात मारी और वो गिर गया. जिसके बाद गोलू ने अपने साथी अमर को बुलाया और वो दोनों लड़की को घसीटकर एक छोटी सी पुलिया के नीचे ले गए. लड़की लड़ती रही और उसने उन्हें पत्थर भी मारे , गुस्से में आकर आरोपियों ने पीड़ित को मारा और फिर उसे बांध दिया.

उसके बाद गोलू गुटखा और सिगरेट लेने चला गया और दूसरे आरोपी अमर को पीड़ित पर नजर रखने के लिए कह गया. उसके बाद जब गोलू वापस आया तो दोनों ने पीड़ित लड़की का रेप किया. पीड़ित के कपड़े पूरी तरह से फट चुके थे तो उसने उनसे कपड़े मांगे. गोलू वापस गया और उसके लिए अपनी पत्नी के कपड़े ले आया. सिर्फ इतना ही नहीं वो अपने साथ दो और लोगों को लेकर आया. उस लड़की के साथ फिर से रेप किया गया. जो और दो आदमी वहां पहुंचे, उनके नाम राजेश और रमेश बताए जा रहे हैं. रात 10 बजे तक ये चारों आरोपी लड़की के साथ बेरहमी करते रहे और फिर उसके कान की बाली, फोन और घड़ी छीनने के बाद उसे जाने दिया.

पीड़ित किसी तरह हबीबगंज स्टेशन के पास आरपीएफ आउटपोस्ट पहुंची और अपने माता-पिता को बुलाया. अपनी बच्ची को इतना डरा हुआ और घायल देखकर माता-पिता उसे घर ले गए. अगली सुबह, परिवार शिकायत दर्ज कराने के लिए एमपी नगर गया. वहां से एक सब-इंस्पेक्टर घटना वाली जगह पर गया और फिर उसने परिवार को हबीबगंज पुलिस स्टेशन भेज दिया और उसके बाद वहां के स्टाफ ने उन्हें हबीबगंज जीआरपी भेज दिया. जहां किसी ऑफिसर ने पीड़ित लड़की का मजाक उड़ाया और उसपर फिल्मी कहानी बनाने का आरोप लगाया.

हबीबगंज से लौटते हुए पीड़ित लड़की ने दो आरोपियों को मानसरोवर कॉम्प्लेक्स के सामने देखा और पहचान लिया. माता-पिता और पीड़ित ने उनका पीछा करके उन्हें पकड़ लिया और जीआरपी हबीबगंज के हवाले कर दिया. इसके बाद दो और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

इस पूरी घटना पर पीड़ित की मां ने कहा कि, “ये मेरी जिंदगी का सबसे गंदा अनुभव है. अगर एक पुलिस कर्मचारी होते हुए भी मुझे अपनी बेटी के गैंगरेप की शिकायत के लिए इतना परेशान होना पड़ा तो फिर आम लोगों पर क्या ही बीतती होगी.” पीड़ित की मां ने एसएचओ जीआरपी मोहित सक्सेना और सब-इंस्पेक्टर ऊइकी पर गंदा व्यवहार और एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाया है.

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