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बोफोर्स मामले पर बोले बच्चन, ‘मैंने 25 साल तक झेला झूठा कलंक’

अमिताभ ने लिखा है कि जब साल 2012 में उन्हें क्लीनचिट मिली, तब वे क्या प्रतिक्रिया देते?

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बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर बोफोर्स मामले को लेकर दर्द बयां किया है.

अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि बोफोर्स मामले में उन पर और उनके परिवार पर आरोप लगने के कारण उनके अस्तित्व पर सवालिया निशान लग गया था. उन्होंने लिखा है कि निर्दोष होने के बावजूद उन्हें इस घोटाले से उबरने में 25 साल लग गए, जो कि काफी कष्टदायक थे.

जब बोफोर्स घोटाले में मेरे परिवार और मुझ पर आरोप लगे, तो उन्होंने हमारे अस्तित्व को अभी तक के सबसे बुरे रंगों में पेश किया. 25 साल बाद मामले के अभियोजक ने सत्य को सार्वजनिक किया. बच्चन परिवार को फंसाया गया था. 25 साल बाद.
अमिताभ बच्चन के ब्लॉग से

अमिताभ ने ब्लॉग में लिखा है कि 25 सालों तक झूठे कलंक के साथ जीना बहुत तकलीफदेह होता है. उन्होंने लिखा कि लंबे समय तक झूठ और धोखे के बोझ तले दबे रहने के बाद जब साल 2012 में उन्हें क्लीनचिट मिली, तो उनसे प्रतिक्रिया मांगी गई.

जब इसका खुलासा हुआ, तो उन्होंने मेरी प्रतिक्रिया मांगी. मैं भला क्या प्रतिक्रिया देता. कोई भला क्या कहता. कोई भला इस पर क्या कहता. क्या वे 25 साल के दर्द को मिटा सकते थे? क्या वे बदनामी के बदनुमा रंगों को मिटा सकते थे?
अमिताभ बच्चन के ब्लॉग से

कैसे जुड़ा था अमिताभ का नाम

साल 1986 में स्विस आर्म्स कंपनी बोफोर्स ने तोपों की सप्लाई के लिए भारत से 1600 करोड़ रुपए का सौदा किया था. इस सौदे में भारत सरकार ने स्वीडिश कंपनी एबी बोफोर्स से 155 एमएम की 410 बोफोर्स तोपें खरीदी थीं.

इसी सौदे में गांधी परिवार के करीबी रहे क्वात्रोच्चि पर ब्रोकर की भूमिका निभाने का आरोप लगा था. इसी मामले में व्हिसलब्लोअर स्वीडन के एक्स पुलिस चीफ स्टेन लिंडस्ट्रोम ने अमिताभ का नाम लिया था. हालांकि बाद में लिंडस्ट्रोम ने कहा कि वीपी सिंह सरकार के वक्त उन पर बोफोर्स घोटाले में अमिताभ का नाम जोड़ने का दवाब बनाया गया था.

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